फिक्र छोड़ खुद से करिये प्यार

फिक्र छोड़ खुद से करिये प्यार

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लोग क्या कहेंगे, कल क्या होगा जैसी बातें सोचकर हम परेशान रहते हैं और अपने मन की नहीं सुनते। अंतरात्मा की आवाज़ कहती है कि खुश रहने के लिये खुद से प्यार करना बहुत ज़रूरी है। तो, आप भी यदि सचमुच खुश रहना और दूसरों से प्यार पाना चाहते हैं, तो पहले खुद से प्यार करना सीखिये।

दूसरों से तुलना न करें

आज के कॉम्पिटिशन में अपने दोस्तों व कलीग से तुलना करना बहुत आम है, लेकिन याद रखिये कि यह तुलना आपको परेशान और स्ट्रैस में लाएगी। इसलिये बेहतर होगा कि अपने दिमाग को इस दिशा से मोड़कर सिर्फ अपने ऊपर फोकस करें, यानी यह सोचे कि आगे बढ़ने के लिये आपको क्या करना चाहिये।

दूसरों की चिंता छोड़िये

यदि मैंने ऐसा किया, तो समाज क्या सोचेगा, लोग क्या कहेंगे? इन बातों की चिंता छोड़िये और वही करिये, जो आपका मन करता है जिसमें आपको खुशी मिलती है क्योंकि आखिरकार ये जीवन आपका है और आपको इसे अपने तरीके से जीने की पूरी आज़ादी है।

फिक्र छोड़ खुद से करिये प्यार
खुद से करें प्यार  | इमेज : फाइल इमेज

गलतियों से डरे नहीं

दुनिया में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता। ये बात भले ही बचपन से हमें सिखाई जाती है, लेकिन बड़े होने के बाद हमारे ऊपर एक तरह से कभी फेल न होने का दबाव रहता है और यह दबाव इंसान को कभी खुश रहने नहीं देता। इससे बाहर निकले और इस सच्चाई को स्वीकार करिये कि इंसान ज़िंदगी भर गलतियों से सीखता रहता है, तो अगर कुछ गलत हो जाये, तो घबराये नहीं बल्कि उसे सुधारने की कोशिश करें।

खुद अपनी अहमियत समझें

सिर्फ आपके बाहरी व्यक्तित्व और पहनावे से ही आपकी अहमियत तय नहीं होती, बल्कि यह तो तय होता है आपके विचारों से। इसलिए कपड़े पहनते समय यह न सोचे कि इससे आपकी वैल्यू कम या ज़्यादा होगी, बल्कि वही कपड़े पहनें जिसमें आप सहज हों और खुशी मिले।

फैसले के लिए खुद पर भरोसा

आपको खुद से बेहतर भला कोई और जान सकता है क्या, तो फिर अपने लिए फैसले लेने के लिए दूसरों के भरोसे क्यों बैठना। खुद पर विश्वास रखिये कि आप अपने लिए फैसले ले सकते हैं।

हर मौके का इस्तेमाल करें

जीवन में आगे बढ़ने का मौका मिले, तो बेझिझक उसे स्वीकार करिये क्योंकि ज़िंदगी एक ही अवसर बार-बार नहीं देती। खुद से प्यार करना बहुत ज़रूरी है, तभी ज़िंदगी में आगे बढ़ा जा सकता है।

खुद को दे प्राथमिकता

अपने आपको और अपनी खुशियों के बारे में सोचने में कुछ गलत नहीं है, लेकिन महिलायें ऐसा नहीं कर पाती। वह परिवार और दूसरों को ज़्यादा अहमियत देती हैं, माना कि परिवार ज़रूरी है, लेकिन आपकी खुशियां भी तो उतनी ही ज़रूरी है तो पहले खुद को प्राथमिकता दें।

 

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