एक राजा के चार घोड़े बिल्कुल ही जंगली किस्म के थे। राजा इन घोड़ों को ट्रेन करना चाहता था, इसलिये उन्होंने घोषणा करवाई कि जो कोई घोड़ों को ट्रेन करेगा, उसे बड़ा इनाम दिया जायेगा। समस्या यह थी कि जो भी इन घोड़ों को हाथ लगाता, घोड़े उसे घायल कर देते।
घोड़ों को मिला नया ट्रेनर
एक दिन एक आदमी ने राजा से कहा कि वह घोड़ों को ट्रेन कर सकता है। राजा ने उसे समझाया कि घोड़ों को ट्रेन करना बहुत मुश्किल है। लेकिन वह आदमी नहीं माना और उसने एक शर्त रखी कि जब तक घोड़े ट्रेन नहीं हो जाते, तब तक घोड़े उसी के पास रहेंगे। राजा ने उसकी शर्त मान ली।
हफ्ते, महीने और साल बीत गये, लेकिन वह आदमी वापस नहीं आया।
राजा ने सोचा कि वह आदमी अब वापस नहीं आयेगा, इसलिये घोड़ों को भूलना सही है। इतने में ही उन्होंने घोड़ों की आवाज़ सुनी और देखा तो घोड़े एक लाइन बना कर शांति से उस ट्रेनर के पीछे आ रहे थे। राजा खुश था कि घोड़े ट्रेन हो चुके है। लेकिन राजा को हैरानी इस बात की थी, आखिर उसने घोड़ों को ट्रेन कैसे किया और इतना लंबा समय क्यों लगा दिया।
ट्रेनिंग का सही तरीका
आदमी ने कहा – घोड़े बहुत जंगली थे, इसलिये मैंने उसे पूरी तरह से फ्री छोड़ दिया ताकि वे जो चाहे वो कर सके। उनके साथ मैं भी वही करता, जो वे करते थे। जब वे भागते, तो मैं भी उनके साथ भागता। जब वे सोते तो मैं भी सोता, जब वे खाना खाते, तो मैं भी उनके साथ खाना खाने लगता था। इसी तरह घोड़े सोचने लगे कि उनके साथ पांचवा घोड़ा भी है।
कुछ समय बाद मैंने घोड़ों के पीठ पर एक सीट रखी, लेकिन सीट उन्हें पसंद नहीं आई उन्होंने सीट निकाल दी। लेकिन लगातार कोशिश करने के बाद घोड़ों को सीट की आदत पड़ गई। इसी तरह धीरे–धीरे मैं उनका दोस्त बन गया और मैं उन्हें ट्रेन कर पाया। दूसरों ने गलती यह कि वे पहले ही दिन से घोड़ो को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे थे।
ठीक उसी तरह हमारे अदंर भी चार घोड़े है- मन, बुद्धि, चिंता और अहंकार। जब हम इन में से किसी एक को कंट्रोल करने की कोशिश करते है, तो उसे उसी समय पूरी तरह से कंट्रोल करना चाहते है। इसका मतलब है कि हम कुछ ही समय में खुद का मास्टर बनना चाहते है। बिना खुद पर कोई काम किये। हम अपने मन पर बहुत जल्दी कंट्रोल करना चाहते है।
कई लोग अपने मन को कंट्रोल करने के लिये योग, प्राणायाम इत्यादि का सहारा लेते है, लेकिन उनका अंहकार उन्हें मन से दोस्ती नहीं करने देता।
तो इससे शिक्षा मिलती है कि पहले मन से दोस्ती करो और फिर ही मन हमारी बात सुनेगा और हमें शांति भी मिलेगी। इससे हमारा दिमाग पॉज़िटिव सोच की तरफ बढ़ेगा।
और भी पढ़े: रेन वॉटर हार्वेस्टिंग- पानी बचाने का बेहतरीन तरीका
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी जुड़िये।