Download The App
Scan and download the app
श्री कृष्ण जन्माष्टमी जैसे त्योहार बच्चों से प्यार करने की सीख देते हैं। अगर कुल मिलाकर कहें तो ये सिर्फ त्योहार नही हैं बल्कि भारत की संस्कृति हैं।
प्रकृति एक ऐसी शिक्षक है, जो हमें हमेशा जीवन से संबंधित हर पहलू के बारें में ज्ञान देती है। बस हमें समझने की ज़रूरत है, तो आइये जानते है क्या शिक्षा देती है हमें प्रकृति ?
तमिलनाडु के त्रिचि में आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिये रिटायर्ड प्रिंसीपल ने नई पहल शुरू की है। पढ़िये इस अनोखी पहल के बारे में-
शिक्षा पाने की कोई सीमा नहीं होती बल्कि आपके अंदर जिज्ञासा होनी चाहिये। यही जिज्ञासा एक गार्ड ने जेएनयू का एंट्रेंस एग्ज़ाम क्लीयर कर दिखाया, जानने के लिये पढ़ें ये लेख –
जब भी देश के सरकारी स्कूलों की बात होती है, तो स्कूलों के बदतर हालत के बारे में हर कोई बात करता है। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि पंजाब के सीमावर्ती गांव में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां न सिर्फ बेहतरीन बुनियादी सुविधायें, बल्कि किसी भी प्राइवेट स्कूल में मिलनी वाली फैसिलिटीज़ भी है और यह सब मुमकिन हुआ स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षकों की बदौलत। सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही आमतौर पर लोगों के दिमाग में पुरानी बिल्डिंग, टूटे-फूटे बेंच वाला क्लास रूम और बेरंग दीवारों की तस्वीर उभरती है और सच ही है हमारे देश […]
अनुष्का भले ही पांच साल की है, लेकिन खाने के लिये अपनी मम्मी को रोज़ाना परेशान करती है। उसकी एक ही ज़िद्द होती है, पहले मोबाइल दो फिर खाना खाऊंगी। हारकर उसकी मम्मी को मोबाइल देना ही पड़ता है, लेकिन जब उसकी दादी उसे प्यार से समझाती है कि बेटा मोबाइल देखने से आंखें खराब हो जाती है, चलो मैं आपको विंडो पर बिठाकर खिलाती हूं, तो नन्हीं अनुष्का झट से दादी की बात मान लेती है। अनुष्का की तरह ज़्यादातर बच्चे भले ही अपने मम्मी-पापा का कहा न मानें, लेकिन दादा-दादी या नाना- नानी की बात ज़रूर मानते हैं। […]
किसी ज़रूरतमंद की मदद ही सबसे बड़ी सेवा है, इसलिए तो बेंगलुरु के सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले 40 छात्रों ने दो साल तक लोगों की सेवा करने की शपथ ली है। डिग्री हासिल करने वाले ये छात्र दो साल तक देश के पिछड़े और गरीब इलाकों में जाकर लोगों का इलाज करेंगे। डॉक्टरों की ये पहल वाकई सराहनीय हैं और आप भी कई तरीकों से गरीब और ज़ररूतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। कैसे करें मदद? सम्मान दें आमतौर पर गरीबों को देखकर लोग उन्हें हीन भावना से देखते है, जिससे वह […]
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर प्रकृति ने इंसान के अंदर संवेदना का अहसास क्यों बनाया? दरअसल, संवेदना एक ऐसा भाव है, जो हमें दूसरों के लिए जीना सिखाता है और एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है। कुछ ऐसी ही संवेदना जताई है शिक्षक ने, जिसके प्रयास से कई बच्चों को अपना भविष्य संवारने का एक बढ़िया मौका मिला है। क्या खास किया है टीचर ने? कहते है कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान होता है और पुणे के शख्स दत्ता वालुंज ने भी ऐसे दो बच्चों को शिक्षा देने का फैसला किया, जब उन्हें इसकी […]
ज़्यादातर लोग अपनी नॉलेज का इस्तेमाल खुद की बेहतरी के लिये करते है, लेकिन कुछ लोग समाज की भलाई का भी सोचते है। ऐसी ही एक शख्स हैं, रूबल नेगी। इनके प्रयासों ने मुंबई की झुग्गी बस्तियों की तस्वीर ही बदल डाली। स्लम या झुग्गी बस्ती सुनते ही आमतौर पर मन में गंदी और बेरंग झोपड़ियों का ख्याल आता है, लेकिन झुग्गी की इस तस्वीर को बदल दिया है कलाकार, मूर्तिकार और समाजसेवी रूबल नेगी ने। मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों को इन्होंने अपनी कला से नया रंग दिया है। साफ-सुथरा और रंग-बिरंगा घर, भला किसे अच्छा नहीं लगता। मिसाल मुंबई […]
पेरेंट्स हमेशा चाहते है कि उनके बच्चों का भविष्य बेहतर हो, इसलिए वे अपने बच्चे को नामी व प्राईवेट स्कूल में पढ़ाना पसंद करते हैं। लेकिन, उत्तराखंड के एक आईएएस कपल ने अपने बच्चे को सरकार द्वारा संचालित आंगनवाड़ी सेंटर में पढ़ने भेजकर देश के तमाम पेरेंट के बीच अनूठी मिसाल पेश की है। सरकारी संस्था का चयन आईएएस कपल नितिन भदौरिया व स्वाति श्रीवास्तव ने अपने दो साल के बेटे अभ्युदय को पढ़ने के लिए गोपेश्वर गांव स्थित आंगनवाड़ी सेंटर भेजा है। स्वाति उत्तराखंड के चमोली जिले की डीएम हैं, तो वही उनके पति नितिन अल्मोड़ा के जिलाधिकारी हैं। […]
आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्हें बच्चों से काफी लगाव था। बच्चों के प्रति उनके इसी प्यार और स्नेह की वजह से भारत में उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के प्रति प्यार और उन्हें महत्व देने की बात करते थे। वह कहते थे कि आज के बच्चे कल के भारत की नींव रखेंगे। जिस तरह हम उन्हें बड़ा करेंगे, वैसा ही देश का भविष्य भी होगा। महात्मा गांधी के सबसे भरोसेमंद सहयोगी पंडित जवाहरलाल नेहरू […]
जब किसी की मदद का मन बना लो, तो मुश्किलें अपने आप कम होती जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ रमेश कचोलिया के साथ। उन्होंने छोटे से शुरूआत की और अब वह बन गये हैं, समाज के केयरिंग फ्रेंड-
ThinkRight empowers you with calming tools, techniques, and affirmations that compel you to begin your day with a mindful mindset. The right thought flows into the right action and behaviour, changing your perspective towards life.
Have a question?
Contact us at
Connect with us
+91 808080 9339
Write to us at
© 2010-2025 ThinkRight
Congratulations! You are one step closer to a happy workplace. We will be in touch shortly.