Download The App
Scan and download the app
अगर मन में दृढ संकल्प हो, तो हर सपना साकार हो जाता है। इस बात को चेन्नई की मूल निवासी अपर्णा राजगोपाल ने सच कर दिखाया है। अपर्णा नोएडा में रहती हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई बेंगलुरु के जाने माने नेशनल लॉ स्कूल से की है। लेकिन आज वह वकील नहीं बल्कि एक नेचर लवर हैं, जिसने बीजोम नाम के एनिमल सेंचुरी और सस्टेनेबल एग्रीकल्चरल फार्म की 2014 में स्थापना की। अपर्णा ने इसे महज इत्तेफाक से शुरू किया था। कैसे बना बीजोम? बीजोम की कहानी तब शुरु हुई, जब वह एक घोड़े को रखने के लिए, साल 2014 में, […]
जब बात टूरिज़्म की होती है, तो ऐतिहासिक इमारतें इसका अहम हिस्सा होती है। टूरिस्ट देश की ऐतिहासिक इमारतों को देखने में खास दिलचस्पी दिखाते है। इसी को ध्यान में रखते हुये पिछले कुछ समय से ऐतिहासिक धरोहरों को रोशनी से जगमगाने का काम चल रहा है। इसी कड़ी में अब कुतुब मीनार को एलईडी लाइट्स की रोशनी से सजाया जायेगा ताकि रात के समय भी इसकी खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित करें। कुतुब मीनार दिल्ली का मशहूर कुतुब मीनार रात को अब और भी भव्य दिखेगा। इसके लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) कुतुब मीनार और उसके आसपास के स्मारकों […]
देश में इतनी नदियां, तालाब होने के बावजूद अगर हम पानी की समस्या से जूझ रहे है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह है- पानी के स्रोतों का गंदा होना। नदियों और तालाबों में बेतहाशा गंदगी और कचरा डाला जा रहा है, जिससे पानी इस्तेमाल लायक नहीं रहता। पानी की कमी के बावजूद लोग इन जल स्रोतों की सफाई पर ध्यान नहीं देते, लेकिन एक इंजीनियर ने इस ओर ध्यान दिया और दस तालाबों का कायाकल्प कर दिया। इंजीनियरिंग छोड़ कर रहा तालाबों की सफाई आज के अधिकांश युवा जहां सबसे ज़्यादा अहमियत करियर को देते हैं, वहीं ग्रेटर नोएडा के […]
आज के ज़माने में हर कोई बस अपने आप में बिज़ी है। उन्हें अपने आसपास के लोगों और समाज के दुख-दर्द से ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो स्वयंसेवक (वॉलेंटियर) बनकर सुविधाओं से वंचित लोगों की मदद कर रहे हैं। यदि हर संपन्न इंसान वॉलेंटियर बनकर दूसरे लोगों और समुदाय की मदद करने लगे, तो यकीनन लोगों की तकलीफें कम हो जायेगी। क्यों बनें वॉलेंटियर? वॉलेंटियर बनने पर आपको कोई आर्थिक लाभ तो नहीं होगा, हां यह सच है कि दूसरों की मदद करके दिल को जो सुकून मिलेगा, वह पैसों से नहीं मिल सकता। […]
कोई भी क्षेत्र हो, भारत ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली है और बात जब फैशन, टेक्सटाइल और आर्ट की हो, तो भारत पीछे कैसे रह सकता है। आज हम आपको भारत के तीन ऐसे शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वैसे तो छोटे से हैं, लेकिन अपनी कला के ज़रिये स्वदेश ही नहीं, पूरी दुनिया में अपनी जगह बना चुके हैं। हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित पैठान, पश्चिम बंगाल की शांतिपुर-फुलिया बेल्ट, और मध्य प्रदेश के महेश्वर की, जो अपने यहां की साड़ियों के लिए प्रसिद्ध हैं। पैठान की […]
बैसाखी कहें या बिहू, पोइला कहें, बोइशाख कहें, या फिर पुथांडू ; 14 अप्रैल आते ही पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ जाती है क्योंकि भारत के कई प्रमुख राज्यों में इसे साल के पहले दिन या साल के पहले फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव अधिकतर 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है और लोग साल की पहली फसल काट कर भगवान को शुक्रिया करते हैं और जश्न मनाते हैं। आइये, अब एक नज़र डालते है देश के अलग-अलग राज्यों में, जहां इस उत्सव को पूरे जोश के साथ मनाया जाता है- बैसाखी […]
यदि छोटी उम्र से ही बच्चों को खुद के साथ ही अपने आस-पड़ोस को भी साफ-सुथरा रखने की आदत सिखाई जाये, तो आगे चलकर स्वच्छ गांव और शहर का निर्माण आसान होगा। कुछ इसी तरह की सोच के साथ गोवा के स्कूलों में अब से वेस्ट मैनेजमेंट यानी कचरा प्रबंधन सिखाया जायेगा। मेघालय का मावलिननॉन्ग एक छोटा सा और बहुत ही खूबसूरत गांव है। इसे एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा प्राप्त है। गांव को यह दर्जा दिलाने का श्रेय किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं, बल्कि हर गांववाले को जाता है, जिन्होंने खुद ही अपने गांव को कचरा मुक्त […]
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप उदास होते हैं, तो आपके शरीर का एक हिस्सा बहुत परेशान होता है। आप में से ज़्यादातर लोग सोच रहे होंगे कि हम दिल कि बात कर रहे हैं। लेकिन यहां दिल की नहीं दिमाग की बात की जा रही है। दरअसल, जब भी आप उदास या परेशान होते हैं, तो आपके दिमाग के दो हिस्सों, अमाय्ग्डाला (इमोशंस का प्रोसेसर) और हिप्पोकैंपस (मेमोरी के लिए ज़िम्मेदार), के बीच बातचीत बढ़ जाती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बढ़ा हुआ मस्तिष्क संचार का कारण खराब मूड है या फिर यह इफेक्ट है। […]
अनुष्का भले ही पांच साल की है, लेकिन खाने के लिये अपनी मम्मी को रोज़ाना परेशान करती है। उसकी एक ही ज़िद्द होती है, पहले मोबाइल दो फिर खाना खाऊंगी। हारकर उसकी मम्मी को मोबाइल देना ही पड़ता है, लेकिन जब उसकी दादी उसे प्यार से समझाती है कि बेटा मोबाइल देखने से आंखें खराब हो जाती है, चलो मैं आपको विंडो पर बिठाकर खिलाती हूं, तो नन्हीं अनुष्का झट से दादी की बात मान लेती है। अनुष्का की तरह ज़्यादातर बच्चे भले ही अपने मम्मी-पापा का कहा न मानें, लेकिन दादा-दादी या नाना- नानी की बात ज़रूर मानते हैं। […]
खादी, एक ऐसा कपड़ा जिसका नाम लेते ही आज़ादी की लड़ाई और महात्मा गांधी की तस्वीर आंखों में तैर जाती है। कहने को तो महज़ यह एक कपड़ा है, लेकिन आज़ादी की लड़ाई में खादी ने एक विचार और भावना बनकर लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया, तभी तो खादी को ऐतिहासिक विरासत माना जाता है। ऐसे हुआ था खादी का जन्म महात्मा गांधी ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें एकजुट करने के लिए चरखा और खादी का सहारा लिया। जब उन्होंने विदेशी सामान के बहिष्कार की बात कही, तो अपने लिए […]
जीवन में आप चाहे कितने भी बिज़ी क्यों न हो, पर घूमने के लिए समय ज़रूर निकालना चाहिये। नया शहर, नये लोग, नई भाषा और अलग खाना आपके जीवन में एक नया अनुभव जोड़ते हैं। एक ऐसा अनुभव, जो आपको कुछ न कुछ ज़रूर सिखाता है। अक्सर लोग बैचलर या शादी के बाद तो खूब घूमते है, लेकिन बच्चे होने बाद घूमने के इस शौक पर विराम लगा देते है। अगर आप ऐसा करते है, तो याद रखिये कि बच्चों को भी नई जगहों के बारे में दिखायें क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो देखते हैं। अगर आपको लगता है […]
लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपने वोटिंग के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए राजनीतिक पार्टी से लेकर, बॉलीवुड सितारे, कलाकार और कई संगठन जागरूकता बढ़ा रहे हैं ताकि हर कोई मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करके लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सके। लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में आम जनता की ज़्यादा से ज़्यादा भागीदारी हो सके, इसके लिए वोटरों को जागरूक करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। बॉलीवुड सितारे जहां सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों को जागरूक कर रहे हैं, वहीं वडोदरा के कलाकार मिलकर […]
ThinkRight empowers you with calming tools, techniques, and affirmations that compel you to begin your day with a mindful mindset. The right thought flows into the right action and behaviour, changing your perspective towards life.
Have a question?
Contact us at
Connect with us
+91 808080 9339
Write to us at
© 2010-2025 ThinkRight
Congratulations! You are one step closer to a happy workplace. We will be in touch shortly.