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19वीं शताब्दी के वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने सबसे पहले पेड़ों में जान होने की बात साबित की थी और कहा था कि पौधों का महसूस करने का अपना एक अलग तरीका होता है। एक पत्ती तोड़ते वक्त भी हम नहीं जानते कि वे किस दर्द से गुजर रहे होंगे। जगदीश चंद्र बसु की इस बात को हम आमतौर पर भूल जाते हैं और अपने फायदे के लिये पेड़ों को नुकसान पुहंचाते है, लेकिन पुणे के माधव पाटिल इस बात को समझते हैं। इसी लिये तो वह दो साल से पेड़ों को कील की चुभन से आज़ादी दिला रहे हैं […]
कभी आपने नोट किया है कि जब भी आप खुश होते हो, तो आपको शरीर में पॉज़िटिव एनर्जी महसूस होती है। यह एनर्जी आपको न केवल इमोशनल बल्कि शारीरिक तौर पर भी मज़बूत करती है। आपकी खुशियां आपके हाथ में होती हैं और कुछ ऐसा ही मानना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का भी था। वह कहते थे कि आमतौर पर लोग जितना खुश होना चाहते हैं, उतने ही खुश रहते हैं। इसका मतलब है कि खुशियां किसी भी बाहरी चीज़ पर निर्भर नहीं करती, वह आपके दिमाग के अंदर पैदा होती हैं। आइये, आपको कुछ ऐसी बाते बताते […]
क्या आपने कभी सोचा है कि आप हर रोज़ एक दिन बड़े हो जाते हैं और साथ ही कई तरह के खट्टे-मीठे अनुभव भी पाते है। लेकिन यह एक ऐसा भी समय होता है, जब आपके जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ सकते हैं। कुछ लोग एजिंग के दौरान शरीर के काम करने के तरीके में बदलाव महसूस करते हैं, कुछ लोगों के सोशल नेटवर्क में बदलाव आता है, तो कुछ लोगों के नौकरी-पेशे में बदलाव आ जाते हैं। जहां एक तरफ कुछ लोग इस बढ़ती उम्र की प्रक्रिया का खुले दिल से स्वागत करते हैं, तो वहीं कुछ लोग इससे […]
कोई अपना और करीबी जब चोट पहुंचाता है, तो पलभर के लिए हमें सदमा लगता है, हम समझ नहीं पाते कि इस परिस्थिति में कैसे रिएक्ट करना है, लेकिन चोट कितनी भी गहरी क्यों न हो, उसे भूलकर आगे तो बढ़ना ही पड़ता है। जब कोई आपको चोट पहुंचाये, तो दुख में टूटने की बजाय खुद को इस हालात से उबारने की कोशिश करें। ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए चोट के दर्द से उबरना होगा और इसके लिए कुछ बातों पर अमल करें। – सबसे पहले तो यह जानने की कोशिश करें कि क्या सामने वाले इंसान ने जानबूझकर […]
इंसान और कुदरत के बीच बड़ा गहरा रिश्ता होता है, क्योंकि कुदरत जिस तरह बिना किसी शर्त के हमारी सभी ज़रूरतों को पूरा करती है और एक बेहतर लाइफ देने की हर मुमकिन कोशिश करती है। इसलिए आज सभी को इसकी सुरक्षा करते हुए कुदरत से कुछ बेसिक बातों सीखने की ज़रूरत है। प्रकृति की उपयोगिता प्रकृति की उपयोगिता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 50 साल पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अच्छी सेहत के बारे में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति फिजिकल, मेंटल और सामाजिक स्तर पर अच्छा है, तो उसे सेहतमंद माना […]
रात के करीब एक बज चुका था, *अनंदिता रोज़ की तरह की देर रात तक ऑफिस में बैठी काम किये जा रही थी। जैसे ही उसके साथी कर्मचारी ने आकर ऑफिस कैब के बारे में बताया, तो उसे होश आया कि अब घर भी जाना है। परिवार से दूर बेंगलूरु में अकेले काम करते हुये उसे अब तो दो साल हो गये थे। सारा दिन काम करके अनंदिता काफी थक गई थी और उसे अपने बॉस पर गुस्सा आ रहा था। प्रॉजेक्ट डिलिवरी का टाइम पास आ रहा था और उसके बॉस दो दिन के बाद अपनी शादी के लिए […]
जब भी कविताओं या रचनाओं की बात होती है, तो देश की कई ऐसी कवियत्रियों और लेखिकाओं के नाम दिमाग में आते है, जिन्होंने देश की आज़ादी से लेकर समाज को कुरीतियों से निकलाने में अहम भूमिका निभाई है। बहिनाबाई चौधरी महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी बहिनाबाई पढ़ी- लिखी नहीं थी, इसके बावजूद उनकी गिनती अपने समय के प्रसिद्ध कवियों में होती है। वह अपनी कविताओं को ज़ुबान देती थी, जिनको उनके बेटे सोपनदेव ने कलम से आकार दिया। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे ने अपनी मां की रचनायें प्रहलाद केशव (आचार्य) आत्रे को सुनाई, जिसके बाद उनकी एक […]
जैसा नाम, बिलकुल वैसा ही व्यक्तित्व। 56 साल की संगीता शर्मा ने अपने नाम को सार्थक करते हुए सारा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया है। वैसे तो वह दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में बतौर म्यूज़िक टीचर कार्यरत हैं, लेकिन अपना बाकी समय वह बच्चों को संगीत की शिक्षा देने में बिताती हैं और इतनी ही नहीं, वह आर्थिक रूप से कमज़ोर न जाने कितने बच्चों को संगीत की शिक्षा दे चुकी हैं और उन छात्रों में से कई अब खुद संगीत के शिक्षक बन चुके हैं। संगीत मिला विरासत में संगीता शर्मा को संगीत विरासत में मिला है। […]
आज आपको कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बता रहे है, जिन्होंने न सिर्फ पुरूषों के वर्चस्व वाले पेशे में धाक जमाई है बल्कि सफलता के नये कीर्तिमान भी बनाये है। फायर फाइटर फायर फाइटर यानी आग बुझाने का काम करने वाला, जाहिर है इसे लोग पुरुषों का ही काम समझते हैं, लेकिन हर्षिनी कान्हेकर ने भारत की पहली महिला फायर फाइटर बनकर इस सोच को गलत साबित कर दिया। हर्षिनी ने 26 साल की उम्र में फायर और आपातकालीन सेवाओं के एक कोर्स में एडमिशन लिया, जिसे पास करने के बाद वह ऑयल एंड नैचुरल गैस कमिशन (ओएनजीसी) में […]
खेल में कई फील्ड ऐसे है, जहां सिर्फ पुरूषों का ही बोलबाला था, अब उसमें भारत की बेटियों ने न सिर्फ अपना दम दिखाया बल्कि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का मान बढ़ाया हैं। पर्वतारोहण पहाड़ों पर चढ़ना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ महिलाएं बनी ही मुश्किल काम करने के लिए हैं। तभी तो अब तक कई महिलायें एवरेस्ट की कठिन चोटी फतह कर चुकी हैं। बचेंद्री पाल एवरेस्ट पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थी। उनके अलावा अरुणाचल प्रदेश की अंशु जमसेंपा भी एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुकी है। एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वालों की लिस्ट में दिव्यांग अरुणिमा […]
जब देश सेवा की बात आती है, तो भारतीय तन, मन और धन सब समर्पित कर देते है और इसी बात को एक बार फिर साबित किया है मुर्तज़ा हामिद ने। कौन है मुर्तज़ा हामिद? मुंबई में रह रहे 42 साल के मुर्तज़ा हामिद जन्म से नेत्रहीन होने के बावजूद अपने हौसलों के दम पर आज वैज्ञानिक है। उन्होंने अपने जीवन की बड़ी कमाई पुलवामा शहीदों के नाम दान करने की पेशकश की है। हामिद का कहना है कि शहीदों के जीवन से त्याग करने की प्रेरणा मिलती है, इसलिए मुझे लगता कि हमें भी आगे आकर उनकी मदद करनी […]
आज़ादी की लड़ाई रही हो या फिर राजनीति, महिलाओं का योगदान कहीं भी कम नहीं रहा। पहली ऐसी महिलाये, जिन्होंने देश और समाज की बेहतरी के लिये काम किया। सरोजनी नायडू ‘नाइटेंगेल ऑफ इंडिया’ के नाम से जानी जाने वाली सरोजिनी नायडू राजनीतिज्ञ और कवयित्री होने के साथ-साथ एक मज़बूत और प्रभावशाली महिला भी थीं। वह भारतीय राज्य की पहली महिला गवर्नर थी। जब साल 1905 में लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल का विभाजन किया, तो इससे वह गहरे रूप से प्रभावित हुईं। जब देश आज़ादी के लिये लड़ रहा था, तब सरोजिनी नायडू कई प्रमुख लोगों के संपर्क में आई […]
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