पिछले करीब डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से हम सब घरों में बंद है, ऐसे माहौल में न सिर्फ बड़े बेचैन और तनावग्रस्त हो रहे हैं, बल्कि इसका बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर हो रहा है। दोस्तों से न मिल पाने और बाहर नहीं खेलने की वजह से बच्चों का मन भी बहुत अशांत हो गया है। ऐसे में पैरेंट्स के लिए बहुत ज़रूरी है कि अपना मन शांत रखने के साथ ही वह बच्चों को भी मन को शांत रखने के तरीके सिखाएं।
इस लॉकडाउन के दौरान बड़ों के साथ ही बच्चों की ज़िंदगी भी बहुत बदल गई है। न तो वह अब दोस्तों के साथ बाहर खेल सकते हैं और न ही वीकेंड पर कहीं घूमने ही जा सकते हैं। ऐसे में बच्चे चिड़चिड़े और तनावग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए पैरेंट्स के लिए उनके इमोशनल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। बच्चों को अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करना और वर्तमान हालात को स्वीकार करना सिखाएं।
मेडिटेशन प्रैक्टिस
मन को शांत रखने का सबसे अच्छा तरीका है सुबह उठकर मेडिटेशन करना। बच्चों के लिए यह आसान नहीं होगा, लेकिन आप यदि रोज़ाना थोड़ी देर उन्हें मेडिटेशन के लिए प्रेरित करेंगे तो बच्चे को इसकी आदत हो जाएगी। इसके लिए बच्चे को सुबह उठने के बाद शांत मन से कुछ देर गहरी सांस लेने और उसे धीरे-धीरे छोड़ने के लिए कहें। वैसे मेडिटेशन दिन में कभी भी किया जा सकता है, जब आपको ठीक लगे। मेडिटेशन से बच्चे धीरे-धीरे अपनी भावनाओं को काबू करना सीख जाते हैं और उनका मन भी शांत हो जाता है।
इसके अलावा बच्चे का मन शांत रखने और उन्हें वर्तमान में जीने के लिए प्रेरित करने के लिए आप कुछ अन्य एक्टिविटीज भी करवा सकते हैं-
बेकिंग
घबराइए, नहीं हम आपसे यह नहीं कह रहे कि बच्चे से पूरी कुकिंग या बेकिंग करवाए, लेकिन इस प्रोसेस में आप उन्हें अपने साथ शामिल करें। इससे बच्चे की क्रिएटिविटी निखरेगी और उसे मज़ा भी आएगा। बच्चे को बेकिंग के दौरान कोई चीज़ फेंटने या मिलाने के लिए दें और उनसे यह देखने के लिए कहें कि बेकिंग या कुकिंग के दौरान कैसे कोई चीज़ बदलती रहती है। बच्चे का ध्यान बढ़ाने और उनके दिमाग को वर्तमान हालात में बनाए रखने का यह मजेदार तरीका है।
चीज़ों के स्वाद या सुगंध के खेल खिलाए
आप बच्चे के साथ एक मज़ेदार गेम खेल सकते हैं जिसमें उन्हें आंखें बंद करके अलग-अलग खाद्य पदार्थों की सुगंध, उसे छूकर या फिर उसके बारे में कुछ थोड़ा बताकर उसे चीज़ का नाम बताने के लिए कहें।
पौधों से दोस्ती करवाएं
बच्चों को कुदरत के करीब लाने और उनकी क्रिएटिविटी निखारने के साथ ही उन्हें तनावरहित रखने का एक और बेहतरीन तरीका है गार्डनिंग। यदि आपके पास बड़ा बागीचा नहीं है तो क्या हुआ आप घर की बालकनी या खिड़की पर गमले में बच्चे को गार्डनिंग करना सिखा सकते हैं। गमले में हर्ब्स, टमाटर और अलग-अलग तरह के फूल के पौधे लगाने में बच्चे की मदद करें। बच्चे को रोज़ाना पौधों में पानी डालने और उनकी देखभाल के लिए कहें, इससे बच्चे पौधों में होने वाले बदलाव को समझेगा और अपनी मेहनत का फल देखकर उन्हें खुशी मिलती है।
इन सारी चीज़ों से बच्चों का दिमाग पॉज़िटिव बनता है।
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