आयुर्वेद के अनुसार अगर खाया हुआ खाना पचा नहीं तो यह बहुत सारी बीमारियों जैसे- मोटापा, दस्त, कब्ज, पेट में संक्रमण, फूड पॉइज़निंग आदि का कारण बनता है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप ऐसे भोजन को चुनें जो पचने में आसान हो। आज इस लेख में हम बताने जा रहे हैं ऐसी 5 रेसिपी के बारे में जो सुपाच्य भी हैं और सेहतमंद भी।
रागी डोसा
सामग्री
- 1 कप रागी का आटा
- आधा कप चावल का आटा
- आधा कप रवा
- आधा कप दही
- कटी हुई 1 मिर्ची
- 8-10 पत्ते करी पत्ते
- आधा चम्मच जीरा, थोड़ा नमक और तेल
बनाने की विधि
सबसे पहले रागी के आटे, चावल के आटे, रवा, दही और नमक को एक कटोरे में मिला लें। अब डेढ़ कप पानी का उपयोग करते हुए पतला पेस्ट बनाएं और इसे 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें। अब इसमें जीरा, मिर्च, और नमक मिलाएं। एक नॉन स्टिक तवा पर तेल लगाएं और पेस्ट को तवे पर फैलाएं। जब यह पक जाए तो सांभर या चटनी के साथ परोसें।
फायदे– यह ग्लूटेन फ्री रेसिपी है। इसमें उपस्थित प्रोटीन,कैल्शियम, फाइबर और एन्टी ऑक्सीडेंट इसे पूर्ण आहार बनाते हैं। वैसे तो यह रेसिपी सभी के लिये लाभदायक है लेकिन बच्चों के विकास के लिए यह रेसिपी बहुत महत्वपूर्ण है।
ओट्स-पालक खिचड़ी

सामग्री–
- 2 चम्मच घी
- आधा चम्मच जीरा
- 1 पीस कटा हुआ टमाटर,गाजर और मिर्च
- आधा कप हरी मटर
- आधे कप से थोड़ा कम मूंग दाल
- थोड़ी सी हल्दी ,मिर्च, नमक और 2-3 लौंग
- 1 कप सादा ओट्स
- 1 कप कटी हुई पालक
बनाने की विधि
प्रेशर कुकर में घी गरम करें और जीरा तथा लौंग डालें। जब यह हल्का भुन जाए तो हरी मिर्च और टमाटर डालें। जब सभी चीज़ें हल्की भुन जाएं तो गाजर, मूंग दाल और मटर के दाने डालें। अब इस पूरे मिश्रण में अच्छे से हल्दी और मिर्च पाउडर मिलाएं। मध्यम आंच में मिश्रण को तब तक पकाएं, जब तक यह मिश्रण तेल न छोड़ दे।
अब ओटस, पालक और स्वादानुसार नमक मिलाएं तत्पश्चात 4 कप पानी मिलाकर इस मिश्रण को कुकर में पकाएं। जब 2-3 सीटी लग जाए तो इस खिचड़ी को दही के साथ परोसें।
फायदे– यह खिचड़ी पूर्ण और संतुलित आहार है। इसमें पालक और ओटस फाइबर के सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत है और कब्ज की समस्या से निजात दिलाते है। इसी तरह पालक आयरन का तो मूंग प्रोटीन का स्रोत है। इस तरह यह खिचड़ी सभी के लिए उपयोगी है, खासकर दिल और पेट रोग से जुड़े रोगियों के लिए।
दूधी मुठिया

सामग्री–
- 2 कप कसी हुई दुधी (लौकी, लोग घिया के नाम से भी जानते है)
- 1 कप मोटा पिसा हुआ गेहूं का आटा
- एक चौथाई कप जौ और चने का आटा।
- 1 चम्मच मिर्च-अदरक का पेस्ट
- थोड़ा सा हल्दी और मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच शक्कर
- एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा
- चार चम्मच तेल
- 1 चम्मच नींबू रस
- 2 चम्मच कटी धनिया
- थोड़े से करी पत्ते
- एक चौथाई चम्मच राई यानी सरसों के दाने
बनाने की विधि
सबसे पहले एक बाउल में दुधी और गेहूं, चना तथा जौ का आटा मिश्रित करें। इसमें मिर्च- अदरक पेस्ट, हल्दी, मिर्च पाउडर और शक्कर अच्छे से मिलाएं। अब इसमें बेकिंग सोडा, 2 चम्मच तेल और नींबू रस डालें। अब इसमें धनिया पत्ता और नमक डालें। सभी चीजों को मिलाकर नरम गूंथा हुआ आटा बनाएं।
अब इसे 4 भागों में विभाजित करें और सभी को रोल की आकृति में बना लें। अब इसे किसी तेल लगी हुई परात में रख कर 20 मिनट तक भाप दें। इसे ठंडा होने के बाद आधा इंच की स्लाइस में काट लें।
अब बचे हुए तेल को एक पैन में गर्म करें और इसमें सरसों के दाने और करी पत्ते डालें। हल्का भूनने पर इसमें भाप दी हुई मुठिया डालकर हल्की आंच पर सेंक लें। हल्का भूरा रंग आने पर इसे गर्मागर्म सर्व करें।
फायदे– दुधी एक महत्वपूर्ण फल है इसमें असाधारण पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। इसके क्षारीय स्वभाव के कारण यह पाचन और एसिडिटी में बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा सोडियम और मैग्नीशियम तत्त्वों के कारण यह रक्तचाप और नर्वस सिस्टम के लिए भी लाभकारी है।
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दलिया उपमा

सामग्री
- आधा कप दलिया
- 1 चम्मच घी
- 1 कटा हुआ टमाटर
- थोड़ा से जीरा, हल्दी और मिर्च पाउडर
बनाने की विधि
एक नॉन स्टिक पैन में घी गरम करें अब इसमें जीरा डालें। जब यह भुन जाए तो टमाटर और हल्दी, मिर्च और स्वादनुसार नमक डालें। इसके पश्चात दलिया डालें और 3-4 मिनट तक भूनें। अब 2 कप पानी डालें और ठीक से सारे मिश्रण को मिला दें। तत्पश्चात 15 मिनट तक धीमी आंच में इसे पकाएं। अब हरी धनिया आदि मिलाकर इसे परोसें।
फायदे– भारत में स्वास्थ्यवर्धक भोजन में दलिया को हमेशा से ही प्राथमिकता मिलती रही है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर अधिक ऊर्जा प्रदान करता है। दलिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और वजन घटाने में मदद करता है।
सत्तू चीला

सामग्री–
- 2 कप सत्तू (भुने हुए चने का आटा)
- एक चौथाई कप चावल का आटा
- एक कसी हुई गाजर
- एक चौथाई कप कसी हुई बंदगोभी
- 2 कटी हुई मिर्ची
- 2 चम्मच दही
- 2 चम्मच कटी हुई हरी धनिया
- थोड़ी सी हल्दी और नमक
बनाने की विधि
सभी चीजों को एक बाउल में मिला लें और मोटा मिश्रण बना लें। अब एक तेल लगे हुए पैन में इस मिश्रण को फैलाएं। जब यह चीला दोनों तरफ से सुनहरे रंग में दिखने लग जाए तब इसे खाएं।
फायदे- सत्तू को फाइबर, प्रोटीन और भी बहुत सारे पोषक तत्त्वों का स्रोत माना जाता है। इस रेसिपी को खाली पेट खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और मेटाबोलिज्म का स्तर उच्च होता है।
इस प्रकार शाकाहारी ज़ायकों में ऐसी बहुत सारी रेसिपी हैं जो हर तरह के फास्ट फूड का विकल्प हो सकती हैं, लेकिन ज़रूरत है इसे अपनाने की। आपसे आशा है अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए यह रेसिपी बनाने की आप ज़रूर कोशिश करेंगे और परिवार के साथ आनंद उठाएंगे।
डॉ. दीपाली कंपानी सेहत और खाने से जुड़े लेखन की विशेषज्ञ है।
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