ग्लोबल वॉर्मिंग से बचाव में मदद करेंगी रोज़मर्रा की ये आदतें

ग्लोबल वॉर्मिंग से बचाव में मदद करेंगी रोज़मर्रा की ये आदतें

धरती के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए जरूरी है अपनी आदतें बदलना
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ग्लोबल वॉर्मिंग कितनी खतरनाक हो सकती है, इसकी एक मिसाल हाल में उत्तराखंड में दिखी, जब चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई। इसी तरह 2019 में ऑस्ट्रेलिया में अमेजन के जंगल में लगी भयंकर आग भी ग्लोबल वॉर्मिंग का ही नतीजा थी। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण धरती पर भारी तबाही हो सकती है और समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसका नज़ारा दिखता ही रहता है। हालांकि, हर कोई यदि अपने स्तर पर थोड़ा प्रयास करें, तो इस तबाही को कम ज़रूर किया जा सकता है।

अधिक से अधिक पेड़ लगाना

अपने आसपास और यदि बालकनी में जगह तो आप वहां भी गमले में पौधे लगा सकते हैं। अपने घर या सोसायटी के आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाने की कोशिश करें, क्योंकि पेड़ वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित कर लेते हैं। कार्बन डाईऑक्साइड वातावरण में 82% ग्रीनहाउस गैसों का निर्माण करता है। इसलिए वायुमंडल से इसकी मात्रा कम करना ज़रूरी है।

बिजली की कम खपत

बिजली के उपकरणों से निकलने वाली गर्मी ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का अहम कारण है। इसलिए जब ज़रूरी न हो, तो लाइट और पंखे का स्विच बंद कर दें। एयरकंडीशनर का इस्तेमाल कम से कम करें। इसके अलावा घर में बिजली के बहुत से उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे फ्रिज, माइक्रोवेव, फूड प्रोसेसर आदि, तो इन्हें खरीदते समय एनर्जी एफिशिएंट फीचर का ध्यान रखें यानी जो उपकरण बिजली की कम खपत करें, उसे ही खरीदें। सामान्य बल्ब की बजाय एलईडी बल्ब का उपयोग करें। साथ ही कोशिश करें कि बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल कम करें, इससे ग्लोबल वॉर्मिंग कम करने में मदद मिलने के साथ ही आपका बिजली का बिल भी कम आएगा।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट या साइकिल का इस्तेमाल

यदि ऑफिस या बाजार नज़दीक है तो बाइक, कार की बजाय साइकिल का इस्तेमाल करें। इससे प्रदूषण नहीं होगा और आपकी सेहत भी बनी रहेगी। सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या ने प्रदूषण बहुत बढ़ा दिया है, इसलिए ज़रूरी है कि हर कोई अपनी कार/बाइक खरीदने की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक इस्तेमाल करे।

पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाएं | इमेज : फाइल इमेज

दोबारा इस्तेमाल करने की आदत डालें

बाज़ार से सामान खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि एक बार इस्तेमाल होने वाली चीज़ों की बजाय ऐसी चीज़ें खरीदें जिनका बार-बार इस्तेमाल किया जा सके, जैसे डिब्बे या बोतल भी ऐसे खरीदें जिनका आप बार-बार उपयोग कर सकें। साथ ही रिसाइल सामान को ज़्यादा तव्ज्जो दे।

प्लास्टिक से परहेज़ करें

पर्यावरण प्रदूषण बढ़ाने में प्लास्टिक की अहम भूमिका है, इसलिए हर किसी को खुद ही इसका इस्तेमाल कम करने की आदत डालनी चाहिए। घर में प्लास्टिक की बोतल और डिब्बे की बजाय स्टील या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करें। खरीददारी के लिए कपड़े का बैग लेकर जाएं और यदि दुकानदार प्लास्टिक की थैली दे, तो उसे भी इसका इस्तेमाल करने से मना करें। अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इस तरह के छोटे-छोटे बदलाव करके हम ग्लोबल वॉर्मिग के असर को कुछ हद तक कम करने में कामयाब हो सकते हैं।

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