मेडिटेशन बढ़ाता है क्रिएटिविटी

मेडिटेशन बढ़ाता है क्रिएटिविटी

मन को शांत और विचारों को स्पष्ट करता है
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हमारा मन झील की तरह गहरा है जिसमें रोज़मर्रा की ज़िंदगी की समस्याएं और ज़िम्मेदारियों कंकड़ की तरह है, जिनके जाते ही मन में हलचल और उथल-पुथल मच जाती है और मन की गहराई में बसी हमारी रचनात्मकता बाहर नहीं आ पाती। मेडिटेशन वह तकनीक है जो विचारों की लहरों और उथल-पुथल को शांत करके मन को स्थिर बनाता है और स्थिर मन ही अधिक रचनात्मक तरीके से सोच पाता है। तो आप यदि अपनी क्रिएटिविटी बढ़ाना चाहते हैं, तो मेडिटेशन को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं।

क्रिएटिविटी का है दिमाग से गहरा कनेक्शन

आपने गौर किया होगा कि जब कभी आप सैर के लिए जाते हैं या सोने के लिए बिस्तर पर शांत मन से जाते हैं तो मन में कुछ रचनात्मक विचार आते हैं। यह कुछ भी हो सकते हैं अपने काम को नए तरीके से करना, कोई खूबसूरत पेंटिंग की कल्पना, कोई कविता की लाइन या कहानी का प्लॉट दिमाग में आना। सैर या सोने से पहले ही ऐसे विचार क्यों आते हैं? क्योंकि तब दिमाग अन्य विचारों से मुक्त और खाली और शांत रहता है, यही वजह है कि रचनात्मकता बढ़ाने के लिए ध्यान लगाने की सलाह दी जाती है। मेडिटेशन दिमाग को शांत, स्पष्ट और सभी तरह की उलझनों से छुटकारा दिलाता है। शांत दिमाग ही क्रिएटिव हो सकता है।

क्या कहती है रिसर्च?

मेडिटेशन न सिर्फ शरीर और मन को जोड़कर आपको स्वयं के प्रति अधिक जागरुक करता है, बल्कि यहा मानसिक और भावनात्मक रूप से सकारात्मकता को बढ़ाता है। एक रिसर्च के मुताबिक, रोज़ाना मेडिटेशन करने से किसी व्यक्ति पर इसका सकारात्मक असर होता है और इसकी क्रिएटिविटी बढ़ती है, खासतौर पर ओपन मॉनेटरिंग मेडिटेशन तकनीक अधिक फायदेमंद है। इसमें वर्तमान पल पर ध्यान लगाया जाता है, इसमें किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता है, बल्कि अपने शरीर और आसपास की चीज़ों के प्रति व्यक्ति जागरुक रहता है। रिसर्च के मुताबिक, फोकस्ड मेडिटेशन की बजाय ओपन मॉनेटरिंग मेडिटेशन क्रिएटिविटी बढ़ाने में अधिक कारगर है। वैसे हर व्यक्ति के लिए मेडिटेशन की अलग-अलग तकनीक फायदेमंद हो सकती है, इसलिए कुछ समय के अभ्यास के बाद जो आपको सहज लगे वह तकनीक अपनाएं।

कैसे क्रिएटिव बनाती है मेडिटेशन?

ध्यान आपके दिमाग से नेगेटिव विचार, तनाव को दूर करके आपको अधिक कल्पनाशील और स्पष्ट बनाता है। दिमाग शांत हो जाता है, मन में दया, करूणा और प्रेम का संचार होता है तब आपको हर चीज़ सुंदर और पॉज़िटिव नज़र आने लगती है और ऐसे में ही मन में सुंदर विचार आते हैं जिससे रचनात्मकता बढ़ती है।

कैसे करें मेडिटेशन?

मेडिटेशन की कई तकनीक है आप गाइडेड मेडिटेशन कर सकते हैं, किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ध्यान लगाना सीख सकते हैं या फिर इसकी आसान तकनीक अपना सकते हैं।

  • ध्यान लगाने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर या कुर्सी पर जहां भी आप सहज हों, सीधे बैठ जाए, रीढ़ को एकदम सीधा रखें और सिर ऊपर की तरफ। अब सांस लें और छोड़ें, सांस लेते समय एक और छोड़ते समय दो गिनें। इस तरह चार तक गिनें और फिर एक से शुरुआत करें। यदि बीच में ध्यान भंग हो जाए तो दोबार एक से शुरुआत करें।
  • आंखें खुली रखें और यदि संभव हो तो एक मोमबत्ती जलाकर उसकी लौ को दखें। आप चाहें तो किसी खुशनुमा दृश्य की भी कल्पना कर सकते हैं। या फिर दिमाग को साफ और केंद्रित रखने के लिए ओम का जाप कर सकते हैं।
  • इस तरह से सिर्फ 10-15 ध्यान लगाने से ही आपको फायदा होगा। लेकिन याद रखिए कि यह अभ्यास रोज़ाना करना है, धीरे-धीरे आप समय बढ़ाकर आधा घंटा कर सकते हैं। आप पाएंगे कि जब दिमाग शांत और स्पष्ट होगा तो आपकी सोच रचनात्मक बनेगी।

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