दुख को दूर कर मन में करुणा जगाएं – टोंगलेन मेडिटेशन

दुख को दूर कर मन में करुणा जगाएं – टोंगलेन मेडिटेशन

आंतरिक शांति पाने की कुंजी है टोंगलेन मेडिटेशन
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जब आंतरिक शांति और आत्म-समझ की बात आती है, इसे बेहतर तरीके से जानने कि लिए मेडिटेशन अच्छा विकल्प है। इसके ज़रिये व्यक्ति अपने मन के सारे विकारों को शांति से दूर कर पाता है। मेडिटेशन के कई प्रकार है, उन्हीं में से एक है टोंगलेन मेडिटेशन, जिसके अभ्यास से व्यक्ति अपने दुखों से जुड़कर और शांति का अनुभव करता है। यह कई हज़ार साल पुरानी प्रथा है, जो व्यक्ति के मेडिटेशन में और जीवन भर करुणा की नींव रखने पर आधारित है।

टोंगलेन मेडिटेशन क्या है?

यह मेडिटेशन का प्राचीन रूप है जो करुणा पर केंद्रित है। टोंगलेन मेडिटेशन का उद्देश्य करुणा से जुड़ना, इसे विकसित करना और इसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में लागू करना सीखना है। टोंगलेन मेडिटेशन तिब्बती बौध्द गुरूओं द्वारा विकसित है, जिसमें सांसों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। तिब्बती शब्द टोंगलेन का अर्थ ‘देना और प्राप्त’ करना है। इसकी विशेषता है यह कि जब व्यक्ति इसका अभ्यास करता है, तो वह अपनी पीड़ा से जुड़ता है इसे दूर करने की कोशिश करता है। टोंगलेन मेडिटेशन में व्यक्ति पीड़ा या दुख से भागने की बजाय उससे जुड़ता है और अपने दुख के मूल कारण को जानकर उसका समाधान ढ़ूंढता है।

टोंगलेन मेडिटेशन का ऐसा तकनीक है, जो खुद के साथ दूसरों की पीड़ा को लेना और ज़रूरतमंदों को करुणा और समर्थन देने के लिए समर्पित है। इस तरह मेडिटेशन दूसरों के प्रति करुणा को बढ़ाता है और दूसरे के संकट को दूर करने में मदद करने की क्षमता को बढ़ता है। इसलिए इसे माइंड ट्रेनिंग भी कहा जाता है।  

मेडिटेशन करने का तरीका

इस मेडिटेशन को करने के लिए ऐसा जगह देखें जहां शांति हो, कोई शोर न हो। व्यक्ति इस मेडिटेशन को चाहे सुखासन या लेटकर कर सकता है। इसमें व्यक्ति को अपने सांसों पर ध्यान केंद्रित करना होता है। सांस लेते समय उन विचारों पर ध्यान दे, जिससे काफी परेशान हो और सांस छोड़ते समय उन सभी परेशानी को भी बाहर कर दें।

टोंगलेन मेडिटेशन के फायदे

आंतरिक शांति मिलती है

व्यक्ति को जीवन की कठिन परिस्थितियों को संभालने का तरीका सिखाता है टोंगलेन मेडिटेशन। यह मेडिटेशन व्यक्ति को नेगेटिविटी को त्यागने के लिए और उसकी हर पीड़ा से उभरने और उनका सामना करने की शक्ति देता है। इस मेडिटेशन में न सिर्फ खुद के, बल्कि दूसरें के नेगेटिव ऊर्जा को लेकर पॉज़िटिव ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। ताकि हर कोई वह शांति पा सके जिसकी वह तलाश कर रहे है।

आभार रहना सिखाए

टोंगलेन मेडिटेशन करूणा के बारे में है। अहंकार और आत्म-जुनून की भावना को कम करता है। दूसरों के अनुभवों की ओर अपना ध्यान केंद्रित करने से व्यक्ति के जीवन में जो कुछ भी है उसके लिए उसे अधिक आभारी बनाने में मदद मिल सकती है। जब व्यक्ति टोंगलेन मेडिटेशन करता है, तो वह दुख और समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर जिससे वह अनजान है उसे पहचानने लगता है।

आध्यात्मिक रुप से आगे बढ़ाता है

टोंगलेन मेडिटेशन का रोज़ाना अभ्यास करने से व्यक्ति आध्यात्मिक रुप से उन तरीकों से विकसित हो सकते हैं। जिसके बारे में व्यक्ति पहले कभी नहीं सोचता था। उसे गहराई से सोचने लगता है और जीवन को गहराई से समझने की कोशिश करता है।

जब भी आप किसी दुख का सामना कर रहे हो, तो उससे भागने के बजाय, टोंगलेन मेडिटेशन करके आसानी से दूर सकते हैं।

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