खुद को खुलकर व्यक्त करने की कला से जुड़ा है विशुद्ध चक्र

खुद को खुलकर व्यक्त करने की कला से जुड़ा है विशुद्ध चक्र

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जब आप शांति से अपनी बात कहते हैं और दूसरों की सुनते हैं और आपको सुकून का एहसास होता है, तो समझ लीजिए कि आपका विशुद्ध चक्र संतुलित है, लेकिन जब आपको खुद को व्यक्त करने में यानी अपनी बात कहने में परेशानी हो रही है तो समझ लीजिए कि इस चक्र का संतुलन बिगड़ गया है। यह चक्र आपको सत्य के करीब ले जाता है यानी आप बनावटी बातों और चीज़ों से दूर रहते हैं।

विशुद्ध चक्र

इस चक्र का अर्थ होता है अशुद्धियों को दूर करने वाला। यह चक्र आपके शरीर, मन और आत्मा को पवित्र करता है। यह शरीर का पांचवा चक्र है जो गले के पास स्थित होता है इसलिए इसे कंठ चक्र भी कहते है। क्योंकि यह गले के पास स्थित होता है इसलिए इसका संबंध आपके संवाद की क्षमता से है। नीले रंग का यह चक्र आपको रचनात्मक बनाता है। यदि यह चक्र संतुलित नहीं रहता है तो आप न तो अच्छे श्रोता बन पाएंगे और न ही अपनी बात बिना डरे और झिझके दूसरों से कह पाएंगे। इस चक्र को संतुलित करके आप अच्छे वक्ता बन सकते हैं और यह मन को शांत रखता है।

विशुद्ध चक्र को संतुलित करने के लिए हर्ब्स

इस चक्र के सक्रिय और संतुलित रहने पर आप सहज रूप से संवाद कर पाते हैं, लेकिन असंतुलित होने पर संवाद में समस्या आती है, गर्दन और गले में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा थायरॉइड जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस चक्र को संतुलित करने के लिए कुछ जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे- सेज, क्लेरी सेज और कैमोमाइल आदि। गले को ठीक करने और चक्र को संतुलित रखने में आयोडिन से भरपूर खाद्य पदार्थ भी मदद करते हैं।

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विशुद्ध चक्र  कंठ  को जागृत करता है
विशुद्ध चक्र कंठ को जागृत करता है | इमेज : फाइल इमेज

विशुद्ध चक्र जागृत करने के लिए संकल्प

  • मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ सहज तरीके से संवाद करता हूं।
  • सहजता के साथ मैं अपने मन की बात करता हूं।
  • मैं सक्रिय श्रोता हूं।
  • स्पष्ट इरादे के साथ मैं खुद को पूरी ईमानदारी के साथ व्यक्त करता हूं।
  • मुझे पता है कि कब सुनना चाहिए।
  • मैं अपने सच्चे विचार व्यक्त करता हूं।
  • मैं स्पष्ट सीमाएं तय करता हूं।

जागृत करने के उपाय

विशुद्ध धूप और एसेंशियल ऑयल जलाएं

कंठ चक्र को जागृत करने के लिए एसेंशियल ऑयल और मोमबत्ती जैसे लोबान, जेरेनियम, चमेली, सेज, पुदीना, नीलगिरी, लौंग, टी ट्री और लैवेंडर जलाएं।

योगासन

योगासन न सिर्फ आपके शरीर को अध्यात्म से जोड़ते हैं, बल्कि गहरी सांस लेकर छोड़ने पर तनाव भी दूर होता है। कंठ चक्र को जागृत करने के लिए ऊष्ट्रासन, मत्स्येंद्र आसन, हलासन, मार्जरी आसन और सर्वांगासन करें।

माइंडफुलनेस मेडिटेशन अपने मन को शांत करने और आंतरिक सत्य से जुड़ने के लिए माइंडफल मेडिटेशन बेहतरीन तरीक है। यह आपके विचारों को शांत करता है और आप सांसों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। हर बार सांस अंदर लेते समय खुद के बारे में सोचें और सांस बाहर छोड़ते समय भी अपने बारे में सोचें। जब विचार ध्यान भटकाने लगें तो शांत रहकर उन्हें गुज़र जाने दें।

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