योग में कई मुद्राएं ऐसी होती है, जिन्हें ज़्यादा समय के लिया किया जाता है, लेकिन यिन योग को 3-10 मिनट के लिए किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग की शुरुआत चीन से हुई है और इसे शास्त्रीय हठ योग के प्राचीन अभ्यास से लिया गया है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि मूल रूप से हठ योग का अभ्यास भिक्षुओं द्वारा किया जाता था, जो एक कठोर अभ्यास था। लेकिन स्वामी शिवानंद और कई योग गुरुओं ने आम लोगों के लिए हठ योग की शुरुआत की, तो उन्होंने इसे सभी के लिए आसान बना दिया। शुरुआत में इसे 45 सैंकेड से लेकर डेढ़ मिनट तक कर सकते हैं।
क्या है यिन योग?
यिन योग एक प्रकार का धीमी गति वाला आसन है। इस योग में मांसपेशियों को बिना किसी परेशानी के आसन आरामदायक स्थिति में किया जाता है। यिन योग शरीर के गहरे संयोजी ऊतकों को लक्षित करता है, जो शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। यिन योग में कुछ मुद्राएं हठ योग से भी ली जाती है।
क्या है इतिहास?
यह सदियों पुरानी योग शैली नहीं है, बल्कि कहा जाता है कि इसे प्राचीन चीनी चिकित्सा ‘यिन’ शब्द के लिया गया है। यिन योग की शुरुआत 1980 के दशक के अंत में हुई थी। जब पॉल ग्रिली ने मार्शल आर्ट चैंपियन और ताओवादी योग शिक्षक पाउली ज़िंक की राष्ट्रीय टेलीविजन पर एक प्रस्तुति देखी। पॉल ग्रिली पाउली जिंक के लचीलेपन और गति की सीमा से प्रभावित हुए थे। उनसे प्रेरणा पाकर वह पाउली ज़िंक के पास गए और उनकी ताओवादी योग क्लास में एडमिशन लिया। वहां पॉल ने पांच से दस मिनट की लंबी अवधि के लिए मुद्रा धारण करने का अभ्यास किया। कई महीनों तक नियमित रूप से अभ्यास के बाद, जब खुद में कोई लचीलेपन को नहीं देखा, तो उन्होंने क्लास में जाना बंद कर दिया। खुद में लचीलेपन को लाने के लिए उन्होंने विनयसा योग जैसे गतिशील रूपों का अभ्यास किया और दूसरों को सिखाना जारी रखा।
समय के साथ बदलाव आए और योग का परिणाम अच्छा हुआ। योग के समय उनका झुकाव बौद्ध धर्म के प्रति था और वह नहीं चाहते थे कि लोग उनकी कक्षाओं को भारतीय हठ योग के साथ जोड़ें। इसलिए उन्होंने अपनी कक्षाओं को यिन यांग योग का नाम दिया।
फायदे
- यिन योग का अभ्यास करने से मन के साथ शारीरिक शांति भी प्राप्त होती है।
- तनाव और चिंता जैसी समस्याओं को कम करता है।
- सही ब्लड सर्कुलेशन की वृद्धि करने में यिन योगा काफी मददगार होता है।
- हड़्डियां मज़बूत बनती है।
- मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जिससे शारीरिक दर्द से आराम मिलता है।
- आसन से पूरे शरीर में लचीलेपन का स्तर बढ़ जाता है।
- यिन योगा आंतरिक अंगों को भी संतुलित करता है और व्यक्ति को लंबे समय तक बैठने में मदद करता है।
ज़रूरी बात
- इसका अभ्यास कही भी कर सकते हैं।
- इसे करते समय बहुत तनाव में न रहे।
- इसे धीरे-धीरे किया जाता है, ताकि आप आराम का अनुभव कर सके।
- इस आसन का अभ्यास करते समय आरामदायक कपड़ों का चुनाव करें।
यिन योग को खासकर बैठकर या लेटकर किया जाता है, क्योंकि इससे आपकी मांसपेशियों को पूरी तरह से आराम देने में मदद होती है। तो फिर देर किस बात की जब भी मासंपेशियों में कोई परेशानी हो, तो यिन योग को जरूर करें।
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