हमारे देश में ऐसा माना जाता है कि खाना बनाने वाले की जैसी नीयत होती है, खाने वाले के शरीर को वैसा ही खाना लगता है। इसका मतलब है कि अगर खाना शांति और प्यार से पकाया जाए, तो खाने वाले को पॉज़िटिव एनर्जी मिलती है। जबकि खराब मूड या गुस्से के साथ बनाए खाने से नेगटिव एनर्जी मिलती है। खैर, ये तो मान्यता है, कोई इस बात को मानता है और कोई नहीं। लेकिन किसी होटल के मुकाबले घर पर खाना बनाकर खाने के कई फायदे हैं।
घर पर खाना बनाने के फायदे
आपके पैसे बचते हैं
जब आप किसी होटल में खाते हैं, तो आप न केवल उस खाने के लिए पैसे देते हैं, बल्कि वह अपने दूसरे खर्चों को जोड़कर आपसे पैसा वसूल करता है। उसकी बिजली, पानी, किराया, स्टाफ, आपके बिल के ज़रिए सभी के खर्चों का शेयर निकाला जाता है। जबकि घर पर खाना बनाने के लिए आपको केवल खुद का खर्चा उठाना होता है।
समय की बचत
अगर आपको लगता है कि घर पर खाना बनाने में ज़्यादा समय लगता है, तो एक बार ध्यान दें कि बाहर खाने के लिए आपको पहले जाना पड़ता है, ऑर्डर देने का वेट करना होता है, ऑर्डर दे कर खाना आने का वेट करना होता है, फिर बिल का वेट, रिसीट का वेट। यानि कुल मिलाकर अगर आप आसानी से बनने वाली चीज़ भी खाते हैं, तो आपको काफी ‘वेट’ करना पड़ता है। जबकि आप घर पर आसानी से खाना बनाकर सुकून से खा सकते हैं।
हेल्दी इंग्रीडियेंट्स
इंग्रीडियेंट्स यानि खाने में डाले जाने वाली चीज़ें। हर होटल के मेन्यू की एक रेस्पी होती है, जिसे स्वाद के हिसाब से बनाया जाता है। जबकि आप घर पर उसी डिश को अपने हिसाब से चेंज करके हेल्दी बना सकते हैं, जिससे होटल के मुकाबले उसमें कम नमक, चीनी, स्टार्च आदि हो।
फूड एलर्जी से बचाव
कई लोगों को किसी तरह के खाने से एलर्जी होती है। ऐसे में आप बाहर के खाने पर कंट्रोल नहीं कर सकते, जबकि घर पर बनाए गए खाने को आप उस व्यक्ति के हिसाब से बना सकते हैं।
आपके खाने की मात्रा कम रहती है
अगर देखा जाए तो होटल में सर्व होने वाली डिश का साइज़ या तो थोडा बड़ा होता है या फिर बिल्कुल ही कम होता है। इससे परेशानी आपको होती है, यदि साइज़ बड़ा है, तो आप फिज़ूल में कई कैलोरीज़ ले लेते हो और छोटा है, तो भूखे रह जाते हो। जबकि घर पर आप अपनी भूख के हिसाब से खाना बनाओगे।
आपका परिवार साथ आता है
घर पर खाना बनाने, साथ खाने और बाद में साफ-सफाई करने के दौरान आपको और आपके परिवार को एक-साथ बैठकर बात करने का मौका मिलता है। ऐसा मौका होटल में अकेले या केवल अपने सोशल सर्कल के साथ खाने में कहां मिलता है।
तो अगर आप बहुत ज़्यादा बाहर खाते हैं, तो आपको हमारी बताई बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
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