हर बच्चे के लिए पिता उसके हीरो और रोल मॉडल होते हैं। पिता कभी नरम तो कभी सख्त बनकर ज़िंदगी की कठिन डगर पर चलने के लिए बच्चों को तैयार करते हैं और उन्हें जीवन के कुछ ज़रूरी सबक सिखाते हैं जो ताउम्र बच्चों के साथ रहते हैं और जिसकी बदौलत वह एक बेहतर इंसान बन पाते हैं।
मेहनत करना
अपने परिवार और बच्चों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए एक पिता दिन-रात मेहनत करता रहता है। थकान से चूर होने पर भी उनके हाथ लगातार काम करते रहते हैं, क्योंकि उन्हें कभी बेटे के खिलौने तो कभी बेटी की गुड़िया की ख्वाहिश को पूरा करना होता है। पिता से बच्चों को भी जीवन में हमेशा मेहनत करते रहने की सीख मिलती है।
माफ करना
कोई हमें कुछ बुरा बोल दे, तो हम उस बात को दिल से लगा बैठते हैं और सामने वाले इंसान से बात करना छोड़ देते हैं, मगर पिता ऐसा नहीं करते। कभी परिवार के किसी सदस्य तो कभी अपने ही बच्चों की कड़वी और दिल तोड़ने वाली बातों से आहत होने के बावजूद उन्हें माफ करके आगे बढ़ जाते हैं। बच्चों को भी दूसरों को माफ करने का यह गुण पिता से सीखना चाहिए।
परिवार का ख्याल रखना
काम में व्यस्त होने के बावजूद पिता परिवार के हर सदस्य की ज़रूरतों का ख्याल रखते हैं, बिन बोले ही वह समझ जाते हैं कि उनके बच्चों को क्या चाहिए। पिता का यह गुण बच्चों को भी बड़े होने पर ज़िम्मेदार पैरेंट्स बनने में मदद करता है।
हमेशा कुछ सीखना
चाहे नौकरी हो या बिज़नेस हर क्षेत्र में सफलता के लिए जरूरी होता है कि उससे संबंधित नई-नई चीज़ें सीखते रहें और एक पिता यह काम बखूबी करते हैं। बात चाहे मोबाइल का कोई नया फीचर सीखने की हो या किसी नए ऐप की जानकारी अपने बच्चों से पाना, पिता बिना झिझक के सब सीखने के लिए तैयार रहते हैं। हमेशा कुछ नया सीखते रहने की यह सीख आपको जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती है।
कभी हार न मानना
लक्ष्य को पाने के लिए हर मुश्किल से लड़कर लगातार आगे बढ़ने की सीख एक पिता ही बच्चों को देता है, क्योंकि खुद वह जीवन में ऐसा ही करते हैं।
विनम्र बने रहना
बच्चों खासतौर पर बेटों को विनम्रता की सीख पिता से ही मिलती है। जब वह पिता को घर में मां, दादी के साथ ही बाहरी लोगों से भी विनम्रता से बात करते देखते हैं, तो बच्चे भी आगे चलकर ऐसा ही करते हैं।
नए बदलाव के लिए तैयार रहना
ज़िंदगी अनिश्चितताओं से भरी है, कब क्या होगा किसी को पता नहीं होता। कभी कुछ अच्छा तो कभी कुछ बुरा होता ही रहता है और पिता इन सभी बदलावों के अनुसार खुद को ढालते हुए अपने परिवार का ख्याल रखता है। ज़िंदगी में हर नए बदलाव को अपनाने की सीख पिता से ही मिलती है।
समाज से जुड़े रहना
बड़े होने पर हमें समाज में बहुत से अलग-अलग लोगों से मिलना-जुलना पड़ता है, उनके साथ काम करना पड़ता है। अनजान लोगों के साथ सहजता से मिलने और उनके साथ काम करने के लिए सामाजिक होना ज़रूरी है और सामाजिकता की सीख एक पिता ही बच्चों के देता है।
कई बार बुरी चीजें भी अच्छी होती हैं
आज जिस नौकरी के लिए गए थे वह नहीं मिली तो हम मायूस हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग मायूस होने की बजाय यह सोचकर संतुष्ट हो जाते हैं कि शायद कल इससे भी अच्छी नौकरी मिल जाएगी। हर बुराई में अच्छाई ढूंढ़ने की सीख पिता से ही मिलती है।
काम से प्यार करना
पेशे से इंजीनियर राहुल जब भी कोई काम करते हैं, तो उसे पूरी लगन से पूरा करते हैं। वह कहते हैं, मैंने अपने पिता को घंटों काम में डूबे देखा है, लेकिन वह कभी इससे ऊबे नहीं, क्योंकि वह अपने काम से प्यार करते थे। मैंने उनसे ही सीखा है कि जब आप काम से प्यार करने लगते हैं, तो उसमें आपको मज़ा आने लगता है।
आपने अपने पिता से ज़िंदगी का कौन-सा सबक सीखा है, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।
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