आज हर कोई जिस माहौल का सामना कर रहा है, उसके बारे में शायद ही किसी ने कभी सोचा होगा। केवल हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इस समय कोरोना के परिणाम भुगत रही है। सामान्य जीवन तो जैसे असामान्य बात हो गई है। ऐसे में खुद को सकारात्मक बनाए रखने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। कोई ध्यान लगाता है, कोई कसरत कर रहा है, तो किसी ने खुद को संगीत से जोड़ लिया है। खुद को सकारात्मक रखने का एक और तरीका है, ‘मंडल कला’, जो वैसे तो बहुत प्राचीन है, लेकिन लोगों में इसकी रुचि पहले से भी ज़्यादा बढ़ने लगी है।
क्या है मंडल कला?
मंडल का अर्थ होता है गोल और केवल गोलाकार ही अपने आप में पूर्ण होता है। मंडल एशियाई संस्कृतियों में आध्यात्मिक और अनुष्ठान का प्रतीक है। हिंदु धर्म और बौद्ध धर्म में यह मान्यता है कि मंडल में प्रवेश करने से और उसके केंद्र की ओर बढ़ने से आप ब्रह्मांड से जुड़ते हैं और अपनी पीड़ा को खुशी में बदलने का तरीका सीख जाते हैं। जब आप किसी भी मंडल को देखेंगे तो आपको इसमें ब्रह्माण्ड की छवि नज़र आएगी। मंडल आर्ट में बारीक पैटर्न को समरूपता में बनाया जाता है और हर पैटर्न शुरुआती बिंदू से लेकर अंतिम रूप आने तक गोल ही होता है। मंडल ब्रह्माण्ड में मौजूद संतुलन को दर्शाता है।
कैसे जन्म हुआ मंडल आर्ट का?
ऐसा माना जाता है कि बौद्ध धर्म के जन्मदाता सिद्धार्थ गौतम ने जब इंसान के दर्द को समझा था, तो उन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए ध्यान और विचारशील क्रिया का रास्ता अपनाया था और यहीं से मंडल कला का जन्म हुआ। गौतम के अनुयायी अपने साथ इस कला को पूर्व से पश्चिम तक लेकर गए और इन पेंटिंग्स को प्रचलन में लाए।
मंडल तीन प्रकार के होते हैं
- टीचिंग मंडल – जो बनाने वाले के मन को दर्शाते हैं।
- हीलिंग मंडल – जो ध्यान लगाने के लिए होते हैं।
- सैंड मंडल – यानि रेत पर बनाए जाने वाले मंडल, जो जीवन की अस्थिरता को दर्शाते हैं।
कैसे तनाव को दूर करती है मंडल कला
मंडल कला को लेकर 300 लोगों पर एक शोध किया गया। इस रिसर्च में पाया गया कि कम से कम 45 मिनट मंडल आर्ट करने से कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है, जिससे तनाव खुद-ब-खुद कम हो जाता है। इस कारण व्यक्ति अच्छी नींद ले पाता है और उसके अंदर अपने काम के प्रति फोकस बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार जब आप मंडल कला बना रहे होते हैं तो आपका पूरा ध्यान उसकी बारीकियों में होता है। इससे तनाव पैदा करने वाले कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है और आप सकारात्मक महसूस करते हैं।
कैसे करें इस कला की शुरुआत
अगर आप कला में रुचि रखते हैं, तो किसी भी कागज़ पर कलम से मंडल बना सकते हैं। आप अपना ध्यान आने वाले परिणाम में न रखते हुए इसकी प्रक्रिया में रखें और अपने मन में आने वाले विचारों को गोल आकार में कागज़ पर उतार दें। आप ऑनलाइन मिलने वाली किताबों से भी मंडल बनाना सीख सकते हैं। यदि आप ड्राइंग में अच्छे नहीं हैं तो बाज़ार से मंडल कलरिंग किताब मंगवा सकते हैं। यह आसानी से मिल जाती हैं।
तो चलिए अब आपके पास ध्यान लगाने का एक और तरीका है, तो देर किस बात की।
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