नमक, एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसके बिना न केवल खाने का स्वाद कम हो जाता है, बल्कि बिना नमक खाए जीवन संभव ही नहीं है। आपका शरीर रक्त में तरल पदार्थ को संतुलित करने और स्वस्थ रक्तचाप बनाए रखने के लिए नमक का उपयोग करता है। साथ ही यह तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्य के लिए भी आवश्यक है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप ज़रूरत से ज़्यादा नमक का सेवन करें, क्योंकि ऐसा करने से भी आपको स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हो सकती हैं। एक व्यस्क के लिए हर दिन 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना काफी होता है, यानि 2 ग्राम सोडियम। लेकिन ज़्यादातर लोग इससे कहीं अधिक मात्रा में हर दिन नमक खाते हैं। डेढ चम्मच नमक में 3.4 ग्राम सोडियम होता है।
यह तो आप जानते ही होंगे कि ज़्यादा नमक खाने से रक्तचाप, दिल, किडनी, मोटापे, गैस्ट्रिक कैंसर, और कैल्शिम लॉस जैसी परेशानियां पैदा होती है। लेकिन नमक खाने से जुड़े कई मिथ भी है, जिन्हें आप आजतक सच समझते आए होंगे।
मिथ – ज़्यादा पसीना बहने पर ज़्यादा नमक खाने की ज़रूरत पड़ती है।
सच्चाई – पसीने के ज़रिए बहुत कम नमक शरीर के बाहर जाता है, इसलिए खाने में ज़्यादा नमक की ज़रूरत नहीं। हालांकि पसीना आने पर बहुत सारा पानी पीना बहुत ज़रूरी है।
मिथ – नमक के बिना खाने में कोई स्वाद नहीं होता।
सच्चाई – शुरु में यह बात सच लग सकती है, लेकिन अगर आप कम नमक खाएंगे, तो कुछ ही समय में आपको वैसे ही स्वाद की आदत पड़ जाएगी।
मिथ – बढ़ती उम्र में नमक के सेवन पर ध्यान देना चाहिए।
सच्चाई – अत्याधिक नमक का सेवन करने पर किसी भी उम्र में रक्तचाप की परेशानी हो सकती है। खासतौर से बच्चों को ज़्यादा नमक या ज़्यादा चीनी से बनी चीज़ें देने से बचना चाहिए।
मिथ – सेंधा नमक सफेद नमक से बेहतर होता है।
सच्चाई – ऐसा नहीं है। स्त्रोत कुछ भी हो, परेशानी नमक में मौजूद सोडियम से होती है।
मिथ – खाने से पता चल जाता है कि किस खाने में नमक की ज़्यादा मात्रा है।
सच्चाई – कई बार पता नहीं चल पाता कि किसी खाने की चीज़ में नमक की मात्रा ज़्यादा है क्योंकि उसमें चीनी, सॉस आदि भी डाले होते हैं, जो नमक के स्वाद को कम कर देते हैं। बेहतर है कि बाज़ार का कुछ खाते समय आप पैकेट पर लिखे लेबल को पढ़ लें।
अब आप समझ ही गए होंगे कि ज़्यादा नमक सेहत के लिए ठीक नहीं, तो अगली बार सब्जी में नमक का स्वाद कम होने पर ऊपर से नमक डालने से परहेज़ करें।
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