महिलाएं भी रोमांच की शौकीन होती हैं। इसी रोमांच को पूरा करने के लिए तो कई बार वह ऐसे सफर पर निकल पड़ती है, जिसमें जान का भी जोखिम हो सकता है। फिर भी वह ऐसे खतरों से बिना डरे आगे बढ़ती रहती हैं। ऐसी ही एक महिला है, अपर्णा कुमार। अपर्णा कुमार ने हाल ही में दक्षिणी ध्रुव (साउथ पोल) पर तिरंगा लहराकर नया कीर्तिमान रचा है।
बीमारी के बावजूद पूरा किया मिशन
पर्वतारोही अपर्णा कुमार उत्तर प्रदेश कैडर से साल 2002 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल देहरादून में आईटीबीपी में डीआईजी के पद पर तैनात हैं। अपर्णा को पहाड़ों से प्यार है और अभी तक वह छह महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर भी चढ़ाई कर चुकी हैं और हाल ही में उन्होंने साउथ पोल पर तिरंगा लहराकर नया कीर्तिमान रच दिया। ऐसा करने वाली वह पहली महिला आईपीएस बन गई हैं। अपर्णा के लिए यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि मिशन की शुरुआत से तुंरत पहले उन्हें निमोनिया हुआ था, इसलिए सफर पर उन्हें दवाईयां लेकर जानी पड़ीं, मगर बीमारी के बावजूद उन्होंने अपने मिशन को सफल बनाया।
चश्मा भी टूट गया
साउथ पोल की चढ़ाई अपर्णा के लिए कितनी मुश्किल रही होगी, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीमारी से जूझने के साथ ही सफर में उनका चश्मा भी टूट गया, जिससे बर्फीली हवाओं का सामना करने में उन्हें दिक्कत हुई, लेकिन बीमारी और टूटे चश्मे से अपर्णा का हौसला नहीं टूटा।
ठंड में आठ घंटे की स्काइंग
अंटार्टिक दुनिया का सबसे ठंडा और सूखा क्षेत्र है। यहां चलने वाली बर्फीली ठंडी हवाओं में कोई भी इंसान जम जायेगा। अपर्णा को भी कई बार ऐसा लगा कि कहीं तेज़ बर्फीले हवाएं उन्हें भी न जमा दें, मगर माइंस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में दिन के आठ घंटे स्काइंग करना अपर्णा के लिए काफी मश्किलभरा था।
पति ने किया प्रेरित
अपर्णा अपनी सफलता का श्रेय पति को देती हैं। अपर्णा के मुताबिक, उनके पति संजय कुमार ने ही उन्हें ऐसे कठिन मिशन के लिए तैयार किया है। अपर्णा बर्फ पर 111 किलोमीटर चलकर साउथ पोल तक पहुंचीं। उनकी इस जीत ने साबित कर दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस से मुश्किल से मुश्किल काम को भी पूरा किया जा सकता है।
इमेज: डीएनए इंडिया
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