आज के इस दौर में वित्तीय प्रबंधन को हम सब एक विषय के रूप में पढ़ते हैं ताकि कम खर्चे में अधिक काम कर सकें और बचत कर सकें। सोचिये बचत की यह आदत अगर बचपन से ही हमारे स्वभाव का हिस्सा बन जाये तो कितना फायदा होगा? वैसे भी त्योहार का समय चल रहा है, तो बच्चे भी कुछ न कुछ गैर-ज़रूरी चीजें मांगते ही रहते होंगे। लेकिन अगर आपके बच्चे फाइनेंस के प्रति जागरूक है, तो शायद आपकी जेब पर कम बोझ पड़े। तो आइए जानते हैं बच्चों में फाइनेंस से जुड़ी अच्छी आदतें कैसे विकसित करें-
पैसे के बारे में खुल कर बात करें
अगर आप बच्चों को पैसों से जुड़े मुद्दों पर जागरूक करना चाहते हैं तो पहला स्टैप है – बच्चों को करेंसी और करेंसी के प्रयोग समझाएं। इसके लिए किताब, वीडियो लेक्चर आदि का सहारा लिया जा सकता है। बच्चों को एटीएम या ऑनलाइन माध्यमों से भुगतान के लिए प्रोत्साहित करें तथा घर के दैनिक, मासिक बजट को उनके साथ साझा करें।
जल्दी शुरुआत करें लेकिन न करें जल्दबाज़ी
अपने बच्चों को वित्तीय मामलों में साझेदार बनाएं लेकिन जल्दबाज़ी न करें। इसके लिए पिग्गी बैंक या गुल्लक से शुरुआत कर सकते हैं जिसमें बच्चे अपनी पॉकेट मनी की सेविंग जमा करते हैं।
खेलों की मदद से वित्तीय जानकारी दें
पैसे से जुड़े हुए ऐसे कई सारे खेल हैं जैसे- द गेम ऑफ लाइफ, पे-डे, मोनोपोली, आदि जो आपके बच्चों को वित्तीय प्रबंधन सिखाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा खेल-खेल में सिक्के गिनना, पैसों का जोड़-घटाना, बार्टर सिस्टम की समझ यानी किसी वस्तु के बदले वस्तु लेना आदि तरीके भी अपनाएं।
बच्चे के पिग्गी बैंक या गुल्लक को उसे संभालने दें
अगर आपका बच्चा किसी खिलौने या ऐसी ही किसी चीज की मांग करे तो उसे कैश पैसे देने की बजाय गुल्लक के पैसों का इस्तेमाल करने के लिए कहें। हालांकि आप गुल्लक के पैसे इस्तेमाल करने पर एक सीमा ज़रूर रखें।
“ज़रूरत बनाम इच्छा” के अंतर को ज़रूर समझाएं
बच्चों का मनोविज्ञान ही ऐसा होता है जिससे वह खिलौनों या ग़ैर-ज़रूरी चीजों की तरफ आकर्षित होते हैं। लेकिन ये परिवार की ज़िम्मेदारी होती है कि बच्चे को सही चीज़ों और गलत चीज़ों के बीच अंतर करना सिखाएं। इससे बच्चे बेहतर चुनाव करना सीखेंगे।
बच्चे से उसके खर्चों का बजट बनाने के लिए कहें
आपातकाल में बचत कितनी महत्वपूर्ण होती है, यह बच्चों को ज़रूर समझाएं। साथ ही बच्चों से उनके अगले महीने के खर्चों का मोटा-मोटा बजट बनाने के लिए कहें। इससे उन्हें अनुमानित बनाम वास्तविक स्थिति को समझने का मौका मिलेगा। जो उनके पूरे जीवन के लिए कारगर होगा।
बच्चों को निवेश करना सिखाएं
अगर आप चाहते हैं आपका बच्चा बड़ा हो कर पैसा कमाने वाला नहीं बल्कि पैसा बनाने वाला बनें, तो इसकी नींव आपको बचपन में ही रखनी होगी। इसके लिए बच्चे को निवेश के गुर सिखाएं और पैसे की क्षमता बताएं।
एक प्रसिद्ध कथन है – “कुछ भी यूं ही नहीं मिलता”। बच्चों के संबंध में भी यह कथन उतना ही उपयोगी है। बच्चों में वित्तीय जागरूकता संबंधी जो भी बातें बताई हैं हो सकता है बच्चे इसे सीखने में गलतियां करें। लेकिन आपको उन्हें पर्याप्त समय देना ही होगा और उनकी गलतियों को नज़रअंदाज़ भी करना होगा। तभी वह बेहतर बचपन जीते हुए सभ्य नागरिक बनेंगे।
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