जुनून से मिली जीत

जुनून से मिली जीत

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कमज़ोरी तो हर इंसान में होती है, लेकिन जिसमें अपनी कमज़ोरी को हराकर लक्ष्य तक पहुंचने का जुनून होता है, उसे विजेता बनने से कोई नहीं रोक सकता। कोलकाता के सत्यरूप सिद्धांत इसकी बेहतरीन मिसाल हैं।

सबसे युवा पर्वातारोही

दुनिया की सात कठिन पर्वत चोटियों और सात ज्वालमुखी पर चढ़ाई करने वाले कोलकाता के सत्यरुप सिद्धांत सबसे कम उम्र के शख्स बन गए हैं और इस कारनामे के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज कर लिया गया है। सत्यरूप ने सातवें ज्वालामुखी पर्वत माउंट सिडले पर चढ़ाई करने के साथ ही यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। माउंट सिडले की ऊंचाई करीब 4285 मीटर है। सत्यरूप ने इस पर्वत चोटी पर पहुंचकर तिरंगा फहराया, राष्ट्रगीत गाया और केक काटकर अपनी जीत का जश्न मनाया। सत्यरूप सिद्धांत दुनिया के सात पर्वत चोटियों और सात ज्वालामुखी पर्वतों पर तिरंगा फहराने वाले पहले भारतीय हैं।

जूनून से मिली जीत
जनून के दम पर किया मिशन फतह | इमेज: रेडिफ़ / यूट्यूब

साल 2017 से शुरू किया मिशन

सेवन समिट विजय के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सत्यरूप ने 30 नवंबर 2017 को अंटार्कटिका में माउंट विन्सन मैसिफ पर चढ़ाई कर अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। 35 साल नौ महीने की उम्र में सत्यरूप ने अपना मिशन पूरा करते हुए रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के पर्वतारोही डेनियल बुल ने 36 साल 157 दिन की उम्र सात पर्वत चोटियों और सात ज्वालामुखी पर्वत पर चढ़ाई करके रिकॉर्ड बनाया था।

इन पर्वतों पर लहरा चुके हैं तिरंगा

सत्यरूप ने जिन पर्वत शिखरों पर चढ़ाई की है, उसमें अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, रूस में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्बरस, अर्जेंटीना में स्थित दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी अकाकागुआ, नेपाल में एशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट, ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट कोजिअस्को और अंटाकर्टिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विन्सनमैसिफ शामिल हैं।

रह चुके हैं अस्थमा पेशेंट

ऊंचाई पर जाते जाते ऑक्सीजन लगातार कम होता जाता है, ऐसे में एक अस्थमा पेशेंट के लिए किसी पर्वत चोटी को फतह करना आसान नहीं था। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर सत्यरूप कभी इनहेलर के बिना थोड़ी दूर भी नहीं चल पाते थे, लेकिन अपनी इस कमज़ोरी को उन्होंने अपने सपने के बीच नहीं आने दिया। अपनी कमजोरी से पार पाने का उनमें एक जूनून था और इसी जुनून ने उन्हें सफलता दिलाई।

इमेज: टाइम्स ऑफ़ इंडिया

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