एयरपोर्ट पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन

एयरपोर्ट पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन

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अगर आप भी घर में मेहमानों के आने पर या फिर बर्थडे पार्टी में डिस्पोज़ल प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि प्लास्टिक की चम्मच, कप, प्लेट, गिलास, कटोरी, पानी की बोतलें जैसी चीज़ें पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है।

प्लास्टिक का नुकसान

दरअसल, प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है, जिसे नष्ट होने में 500 से 1000 साल तक लग जाते हैं। अगर इसे जला दिया जाये, तो इसमें से निकलने वाली जहरीली गैस कई बीमारियों को जन्म देती है। इसलिए कई राज्यों ने एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की चीज़ों पर बैन लगा दिया है और इसी दिशा में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने भी एयरपोर्ट में एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक के सामान को बैन करने का फैसला लिया है।

कौन से एयरपोर्ट होंगे प्लास्टिक मुक्त?

देश के 90 से अधिक एयरपोर्ट का संचालन करने वाली एएआई ने 16 एयरपोर्ट्स को सिंगल-यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने की घोषणा की है। इसमें इंदौर, भोपाल, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, तिरुपति, त्रिची, विजयवाड़ा, देहरादून, चंडीगढ़, वडोदरा, मदुरै, रायपुर, विजाग, पुणे, कोलकाता और वाराणसी शामिल हैं। प्लास्टिक पर बैन का पालन एयरपोर्ट टर्मिनल के भीतर और सिटी साइड में लागू कराया जाएगा। इसकी जगह प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर पर्यावरण अनुकूल आइटमों को बढ़ावा दिया जाएगा। सिंगल-यूज प्लास्टिक में स्ट्रॉ, प्लास्टिक कटलरी, प्लास्टिक प्लेट्स जैसे आइटम शामिल होते हैं।

प्लास्टिक पर बैन  | इमेजः फाइल इमेज

एएआई करेगा लोगों को जागरूक

एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया ने सिंगल-यूज प्लास्टिक पर बैन का यह निर्णय क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) की ओर से कराए गए थर्ड पार्टी ऑडिट के आधार पर लिया है। इसके लिए एएआई ने क्यूसीआई ने अनुबंध भी किया है, जो सालाना एक लाख यात्रियों को अवेयर करेगा।

ईको फेंडली सामान अपनाएं

एएआई ने प्लास्टिक के सामान पर बैन लगाते हुए कूड़ेदान में भी ऐसे पॉलीथिन का उपयोग किया जायेगा, जो अपने आप नष्ट हो जायेगा। साथ ही सभी एयरपोर्ट पर पानी की बोतलों को नष्ट करने के लिए क्रशिंग मशीन लगाई जाएगी और यात्रियों को भी जागरूक किया जायेगा। ये बहुत ज़रूरी है कि एयरपोर्ट ऑथरिटी की प्लास्टिक को लेकर इस जंग में आम लोगों को भी भागीदार बनना होगा, तभी पर्यावरण को बचाया जा सकता है।

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