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संगीत आपके मन और व्यवहार दोनों से जुड़ा हुआ है। आप जैसा संगीत सुनेंगे, वैसा ही महसूस करेंगे क्योंकि मानव जन्म से भी पहले संगीत का जन्म हो गया था। मान्यताओं के अनुसार जब ब्रह्मांड की उत्पति हुई थी, संगीत का तभी जन्म हुआ था। साथ ही दुनिया की पहली ध्वनि ‘नादब्रह्म’ है और यह दुनिया की सबसे शुद्ध ध्वनि है। नादब्रह्म को मेडिटेशन के रूप में भी पहचान मिली है। दिल्ली के हैप्पी स्कूल की म्यूज़िक टीचर कविता वत्स पिछले 35 सालों से बच्चों को संगीत सिखा रही हैं और उनका कहना है कि संगीत का हमारे ऊपर बहुत […]
दुनिया के जाने-माने और महान अंग्रेज़ी कवि, नाटककार और लेखक विलियम शेक्सपियर ने कहा था कि दुनिया एक मंच है और हर व्यक्ति केवल एक कलाकार है; हर व्यक्ति की एंट्रेंस और एग्ज़िट का समय होता है; और एक समय में एक व्यक्ति कई रोल प्ले करता है। अगर आप इस बात पर गौर करें, तो लगेगा कि वाकई में आपके जीवन में कई लोग आते हैं, अपना रोल प्ले करते हैं, आपको कुछ सीख देते हैं और चले जाते हैं। बात अगर सीखने की हो, तो रंगमंच लोगों को नई बातें समझाकर, नई सीख देकर, समाज में बदलाव लाने […]
सदियों से थियेटर यानी रंगमंच मनोरंजन का साधन बने हुये है, लेकिन सिनेमा और इंटरनेट के दौर में इसकी अहमियत धीरे-धीरे कम होती जा रही है। थियेटर में कला को कई रूपों में दर्शकों तक पहुंचाया जाता है। चलिये, विश्व रंगमंच दिवस (वर्ल्ड थियेटर डे) के मौके पर जानते हैं सदियों पुराने रंगमंच के अलग-अलग रूपों के बारे में। थियेटर के कई रूपों में से कुछ खास आपके लिये – भांड पाथेर यह कश्मीर की लोक कला है, जो सदियों से कश्मीरियों का मनोरंजन करती आ रही है। भांड पाथेर में डांस, गीत-संगीत और एक्टिंग के ज़रिये कलाकार अपनी बात […]
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) लोगों में टीबी की बीमारी, उसे रोकने और उसके इलाज के लिए हो रहे प्रयासों की जानकारी देने के लिये हर साल 24 मार्च को ‘वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे’ मनाता है। हर साल डब्लूएचओ एक थीम की घोषणा करता है और इस साल की थीम है ‘इट्स टाइम’ यानि अब वक्त आ चुका है… दुनिया में टीबी के इंफेक्शन से लगभग 1.7 मिलियन लोग मौत की चपेट में आते हैं और यह दुनिया में मृत्यु के नौवें प्रमुख कारणों में आता है। क्या होता है इस दिन? टीबी को रोकने की दिशा में प्रयास कर रहे संस्थान, […]
23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को उनके त्याग के लिए याद किया जाता है। जिस उम्र में बच्चे कॉलेज की पढ़ाई खत्म कर रहे होते हैं, उस उम्र में यह तीनों देश की आज़ादी के लिए शहीद हो गये थे। उनके इस बलिदान को नमन करने के लिए इस दिन को ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। लालाजी की शहादत का लिया बदला दरअसल बात उस समय की हैं, जब पूरा देश लाला लाजपत राय की मौत से सदमे में था। उस समय भगत सिंह और शिवराम राजगुरु ने अपने दूसरे साथी चंद्रशेखर आज़ाद और […]
भारत के हर प्रदेश में होली मनाने की अपनी एक अलग कहानी है और अलग परम्पराएं है। कौन से प्रदेश में किस तरह मनाई जाती है होली,पढ़िये इस लेख में-
पारसी नववर्ष की शुरूआत पारसी समुदाय बड़े धूमधाम से मनाता है। इसे नवरोज़ कहा जाता है और इस मौके पारसी समुदाय के लोग नये कपड़े पहनते हैं, तरह-तरह के पकवान बनाते हैं और गुलाबजल छिड़कर मेहमानों का स्वागत करते हैं। इस दिन दान भी किया जाता है और फायर टेंपल में जाकर प्रार्थना की जाती है। इस मौके पर आपको बताते हैं, पारसी समुदाय से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें- – पारसी धर्म ईरान के प्राचीन धर्मो में से एक है, जो ज़न्द अवेस्ता नाम के एक धर्मग्रन्थ पर आधारित है। इस धर्म के संस्थापक महात्मा ज़रथुष्ट्र को माना जाता है। […]
होली का त्योहार बस आने ही वाला है और बच्चे तो होली से कई दिन पहले ही गुलाल और रंगों से खेलना शुरू कर देते है। देखा जाये तो बड़ों से ज़्यादा बच्चों में इस त्योहार को लेकर उत्साह रहता है, लेकिन रंगों के इस त्योहार में यदि सावधानी न बरती जाये, तो बच्चों को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए सुरक्षित होली खेलने के लिए कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें ताकि रंग में भंग न पड़े। बच्चों को रंगों से दूर करना तो मुश्किल है, लेकिन थोड़ी सावधानी ज़रुर बरती जा सकती है। बच्चों की सुरक्षित होली – […]
19वीं शताब्दी के वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने सबसे पहले पेड़ों में जान होने की बात साबित की थी और कहा था कि पौधों का महसूस करने का अपना एक अलग तरीका होता है। एक पत्ती तोड़ते वक्त भी हम नहीं जानते कि वे किस दर्द से गुजर रहे होंगे। जगदीश चंद्र बसु की इस बात को हम आमतौर पर भूल जाते हैं और अपने फायदे के लिये पेड़ों को नुकसान पुहंचाते है, लेकिन पुणे के माधव पाटिल इस बात को समझते हैं। इसी लिये तो वह दो साल से पेड़ों को कील की चुभन से आज़ादी दिला रहे हैं […]
अगर आप पूरी दुनिया में महिलाओं के पहनावे की बात करें, तो यह कहना कतई गलत न होगा कि दुनियाभर के विभिन्न परिधानों को मिला दिया जायें, तो भी भारत के अलग अलग राज्यों में महिलाओं के परिधानों की विभिन्नता कहीं ज्यादा होगी। पर इसके साथ इसमें भारत की अनमोल संस्कृतियों की भी झलक मिलती है। कुछ ऐसे ही भारत के राज्य और उनसे जुड़े पहनावे का जिक्र किया गया है, जो सिर्फ लिबास ही नहीं बल्कि अपने आप में संस्कृति भी है, जिसने युनेस्को जैसे अंतरर्राष्ट्रीय संस्थान की भी प्रशंसा हासिल की है। असम इस राज्य में महिलाओं का […]
जब देश सेवा की बात आती है, तो भारतीय तन, मन और धन सब समर्पित कर देते है और इसी बात को एक बार फिर साबित किया है मुर्तज़ा हामिद ने। कौन है मुर्तज़ा हामिद? मुंबई में रह रहे 42 साल के मुर्तज़ा हामिद जन्म से नेत्रहीन होने के बावजूद अपने हौसलों के दम पर आज वैज्ञानिक है। उन्होंने अपने जीवन की बड़ी कमाई पुलवामा शहीदों के नाम दान करने की पेशकश की है। हामिद का कहना है कि शहीदों के जीवन से त्याग करने की प्रेरणा मिलती है, इसलिए मुझे लगता कि हमें भी आगे आकर उनकी मदद करनी […]
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा 2.0 समारोह में अनुशासन के बारे में कहा था कि अगर आप कुछ पाना चाहते है, तो सबसे पहले खुद को अनुशासित करो। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जीवन में अनुशासन के क्या मायने है? अनुशासन क्यों ज़रूरी है? अनुशासन वह गुण है, जो जीवन को निरंतरता देता है। इंसान की यह फितरत होती है कि जब भी वह हारने लगता है या काम मन मुताबिक नहीं हो पाता, तो वह जल्द ही हताश होने लगता है। ऐसे में अगर आप अनुशासित हैं, तो उस काम को तब […]
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