आज कल कई बार आप सस्टेनेबल शब्द सुनते होंगे, जैसे सस्टेनेबल क्लोदिंग, सस्टेनेबल होम्स या सस्टेनेबल स्किन केयर लेकिन यह सस्टेनेबल आखिर है क्या। डिज़ाइनर कपड़े बनाते समय, आर्किटेक्ट घर बनाते हुए या ब्यूटी सर्विस देते हुए आपका पार्लर जब सस्टेनेबल तरीके से कोई क्रिया करता है तो उसका मतलब होता है कि, उस क्रिया से वातावरण को कोई नुक्सान नहीं पहुंचेगा।
यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल और नैतिक है, जो न केवल बिज़नेस को लाभ पहुंचाएगी बल्कि आपकी सेहत या पर्यावरण के लिए भी लाभ दायक होगी। तो जब हर जगह सस्टेनेबलिटी की बात होती है, तो खाना बनाते समय इसे कैसे भूला जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, हम एक वर्ष में लगभग 1.4 बिलियन टन भोजन का उत्पादन करते हैं। यह संपूर्ण वैश्विक खाद्य आपूर्ति का एक तिहाई है, और भारत की वर्तमान आबादी को दो बार खिलाने के लिए पर्याप्त है। लेकिन यह भी सच है कि हर साल 7.4 मिलियन टन से अधिक भोजन कचरे में चला जाता है।
तो, अब समय आ गया है कि हम कुछ करें और इसे ठीक करें। कैसे? बुद्धिमानी से खाना पकाएं।
पानी की खपत हिसाब से करें
खाना बनाते समय अपने बरतन को ऊपर तक न भरें, जितनी ज़रूरत हो, उतना ही भरें। क्योंकि आप जितना ज़्यादा पानी डालेंगे, उतनी देर आपको गैस जलानी पड़ेगी उसे सुखाने के लिए।
सोच-समझ कर उपकरणों का इस्तेमाल करें
किसी भी ओवन को ज़रूरत से ज़्यादा पहले से गरम कर के रखने की कुछ खास ज़रूरत नहीं होती है। इसी तरह जब आप गैस पर कुछ पका रहे हों, तो बरतन को ढक कर पकाएं और पकने से कुछ देर पहले गैस बंद कर दें, गरम बरतन आपका खाना पका देगा। जब आप कोई इलेक्ट्रिकल अप्लायंस खरीदते हैं, तो अपने घर की ज़रूरत के हिसाब से साइज़ खरीदें। अगर घर पर लोग दो हैं और आपने बड़े साइज़ का माइक्रोवेव ओवन खरीद लिया, तो इस्तेमाल करते समय ज़्यादा बिजली लगेगी। साथ ही किस डिश के लिए क्या ज़रूरी है, ध्यान दें। ब्रेड को टोस्ट करने के लिए ओटीजी की जगह टोस्टर का इस्तेमाल करें।
लोकल खरीदें, लोकल खाएं
लोकल खाद्य पदार्थों को चुनने के लाभ अनेक हैं। वो ताज़ा, अधिक पौष्टिक होते हैं और साथ ही वो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करते हैं क्योंकि उन्होंने आप तक पहुंचाने के लिए मीलों की यात्रा नहीं करानी पड़ती है।
शाकाहारी है हर लिहाज़ से फायदेमंद
यह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को कम करता है और आपको एक लंबा जीवन जीने में मददगार साबित हो सकता है। अधिक फल, सब्जियां, अनाज और दालें खाना, मांसाहारी आहार की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक साबित होता है। अगर आपको यह सुनकर मुश्किल लग रहा है, तो हफ्ते में एक बार शाकाहारी खाकर पहला कदम बढ़ाएं। जब आप इस रूटीन को फॉलो कर पाएं तो एक दिन से धीरे-धीरे संख्या बढ़ा दें। यकीन मानिए, आपका शरीर बदलाव के लिए आपको धन्यवाद देगा।
अच्छे बर्तन खरीदें
आपके बर्तन की क्वालिटी ऊर्जा बचाने में अहम भूमिता निभाती है। एक विकृत पैन लगभग 50 प्रतिशत गर्मी बर्बाद कर देगा, जबकि एक फ्लैट पैन लगभग सभी ऊर्जा का उपयोग करता है। इसी तरह, अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री से बने कुकवेयर आपके लिए लगभग 25 प्रतिशत कम गर्मी का उपयोग करके उसी व्यंजन को पकाएंगे। ओवन में कांच या सिरेमिक पैन का विकल्प चुनें और स्टोवटॉप के लिए तांबे के तल वाले पैन।
इन आसान तरीकों को अपना कर आप भी अपने घर में हर दिन कर सकेंगी सस्टेनेबल कुकिंग और बन जाएंगी स्मार्ट कुक।
और भी पढ़िये : डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन छात्रों और शिक्षकों के जीवन के लिए है एक प्रेरणास्त्रोत
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर भी जुड़िये।