क्या आप भी वह माता-पिता है, जो अपने बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा प्यार करते हैं? क्या आपको लगता है कि आपका ज़रूरत से ज़्यादा प्यार बच्चों को बिगाड़ रहा है? अगर हां, तो यकीन मानिए कि आप अकेले नहीं हैं। हालांकि प्यार की कोई सीमा नहीं होती, लेकिन इसके साथ-साथ बच्चों को नियम- कायदों का पालन करना भी आना चाहिए। परेशानी तब शुरु होती है, जब बच्चा आपके प्यार का मतलब कायदों को नज़रअंदाज़ करना समझने लगता है। बच्चे मासूम होते हैं और उन्हें सही-गलत की पहचान नहीं होती, अगर वह कहीं गलत दिशा में जाने लगे, तो उन्हें रोक कर समझाना भी तो प्यार ही है।
बच्चे से जुड़ाव का मतलब बिगाड़ना नहीं है
कई बार लोग आपके प्यार की तुलना दूसरों से करने लगते हैं, जैसे उसका बच्चा तो अपने बिस्तर पर सोता है, तुम अपने बच्चे को अपने साथ क्यों सुलाते हो या फिर उसका बच्चा तो खुद खा लेता है, तुम क्यों पीछे-पीछे भागते हो, आदि। अक्सर लंबे समय तक बच्चे को स्तनपान कराने पर भी मां को बोलने लगते हैं कि बच्चा चिपकू बन जाएगा आदि। लेकिन यह सब गलत है, अगर आप अपने नन्हें- मुन्हें की सभी ज़रूरते, जी हां ज़रूरते पूरी करते हैं, तो वह बड़े होकर खुशमिज़ाज व्यक्ति बन पाएगा।
प्यार चाहिए, तो प्यार दें
अगर आप अपने बच्चे को ढेर सारा प्यार देंगे, तो उसे समझ आएगा कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती और वो दुनिया को भी इसी नज़र से देखेंगे और प्यार देंगे। अपने बच्चे को जब-तब गले लगाते रहे, उसे देख कर मुस्कुराएं, और उस पर विश्वास जताएं, ऐसा करने से उसमें आत्मविश्वास जागने लगेगा। बच्चा आपके मज़ाक या ताने नहीं समझ सकता, लेकिन वह आपका स्पर्श समझता है। अपने पॉज़िटिव व्यवहार के ज़रिए उसके साथ एक पॉज़िटिव नाता जोड़िए।
अनुशासन मगर प्यार से
डर से कभी भी आप अपने बच्चे को अनुशासन नहीं सिखा सकते। आज वो छोटा है, तो आपकी बात डर के मारे सुन लेगा, लेकिन जब वो बड़ा हो जाएगा, तो अपकी सलाह लेना पसंद नहीं करेगा। इसलिए बच्चे को अगर कुछ समझाना है, तो प्यार से समझाएं। उसके किसी कदम के क्या परिणाम हो सकते हैं, उसे बताएं। ऐसा नहीं है कि वह एक ही बार में समझ जाएगा, आपको बार-बार एक ही बात समझानी पड़ेगी, लेकिन एक समय पर वह अपनी उम्र के हिसाब से ज़रूर समझ जाएगा।
प्यार का मतलब धैर्य है
बच्चे के साथ धैर्य रखना आसान नहीं है, लेकिन ज़रूरी है। मैं एक काम-काजी महिला हूं और मेरे लिए यह बहुत मुश्किल होता है, लेकिन मेरी मित्र, जो घर संभालती हैं, उनके लिए भी यह आसान नहीं। आप सोचते हैं कि हर काम समय से हो जाए और कुछ भी चीज़ इधर-उधर न फैले, लेकिन छोटे बच्चे के साथ यह संभव नहीं। जब आपका बच्चा खाते या खेलते हुए घर फैला दें, तो धैर्य रखें और उस पल का आनंद लें। बहुत जल्द आपका बच्चा बड़ा हो जाएगा और घर जैसा है, वैसा ही रहेगा, तब आप उसके बचपन को याद करेंगे। इसलिए आज इस पल को खुल के जिएं, जिससे कल के लिए खुशनुमा यादें तैयार हो। अपने बच्चे को दूसरा मौका ज़रूर दें। अगर आज उसे मौका नहीं दिया गया, तो वो बड़ा होकर अपनी हार स्वीकार नहीं कर पाएगा।
प्यार पोषण देता है
हर कोई बिना सीमा के प्यार की उम्मीद करता है, लेकिन जब बच्चे की बारी आती है, तो उससे कहा जाता है कि अगर तुमने ऐसा किया, तो मैं तुम्हें प्यार नहीं करूंगी, या अगर तुमने वैसा किया, तो मैं तुम्हें ज़्यादा प्यार करूंगी। सोचिए आपको कैसा लगेगा जब वह आपको कहे कि अगर आपने मुझे टॉफी दिलाई, तब मैं आपसे प्यार करूंगा। इसलिए सोच-समझ के बोलें, क्योंकि आपके शब्द उसके मन और आत्मा को पोषित करते हैं।
अपने बच्चे को बिना शर्त के ढेर सारा लाड-प्यार देते रहें।
अनन्या दिल्ली में रहने वाली एक कामकाजी मां हैं। यहां बताएं गए तरीकों को उन्होंने अपने पांच साल के बेटे पर आज़माया है।
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