हर रिश्ते में प्रेम होता है फिर चाहे वह रिश्ता पति-पत्नी का हो या माता-पिता का बच्चों के साथ या दोस्ती का। बिना प्रेम के किसी रिश्ते की कल्पना नहीं की जा सकती, लेकिन हर रिश्ते में हम प्यार भरे इसके लिए ज़रूरी है पहले खुद से प्यार करना, क्योंकि जब आप खुद से प्यार करेंगे तभी खुश रहेंगे और जब खुश रहेंगे तभी तो रिश्तों में प्यार के रंग भर पाएंगे। खुद से प्यार करना सीखने के लिए आप सेल्फ लव मेडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं।
क्यों ज़रूरी है खुद से प्यार करना?
रिसर्च के मुताबिक, सेल्फ लव यानी खुद से प्यार करने पर एंग्ज़ाइटी और तनाव कम होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम अपना ख्याल रखते हैं, खुद को जैसे हैं वैसे ही स्वीकार कर लेते हैं, खुद से प्यार करते हैं तो शरीर में हैप्पी हार्मोन्स का स्राव होता है जिससे तनाव और चिंता दूर होती है और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। आप चाहे तो इसे आज़माकर देख लीजिए। हर दिन अपनी कमियों के बारे में सोचकर खुद को हीन समझने की बजाय खुद से कहें कि ‘मैं अमूल्य हूं, मैं जैसा भी हूं अच्छा हूं मुझे दूसरों की तरह बनने की ज़रूरत नहीं है’… ऐसे वाक्य रोज़ाना दोहराने से आपको अच्छा महसूस होगा। इसके अलावा सेल्फ लव का मतलब है अपना ख्याल रखना यानी अपने लिए समय निकालना, अपने शौक पूरे करना, अपनी पसंद का काम करना आदि।
रिश्तों में बनी रहती है मधुरता
सेल्व लव मेडिटेशन के अभ्यास से आप न सिर्फ अधिक खुश रहते हैं, बल्कि रचनात्मक, संवेदनशील बनते हैं और दूसरों के नज़रिए व स्थिति को अच्छी तरह समझ पाते हैं। जिससे आप किसी भी स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते। ऐसे में यदि किसी रिश्ते में मनमुटाव या विवाद होता भी है तो आप शांत रहकर स्थिति को समझते हैं जिससे रिश्ते बिगड़ते नहीं, बल्कि संभल जाते हैं। जब आप शांत रहते हैं तो सामने वाले का गुस्सा भी थोड़ी देर में ठंडा हो जाता है।
कैसे करें सेल्फ लव मेडिटेशन?
सेल्फ लव मेडिटेशन का अभ्यास करने के लिए पहले आरामदायक पोजिशन में लेट जाएं या सीधे बैठ जाएं।
– अपनी आंखें बंद करके गहरी सांस लें और पूरा ध्यान सांसों पर केंद्रित करें।
– इस दौरान नाक से सांस लें और मुंह से छोड़ें। लागातर गहरी सांस लेते और छोड़ते रहिए।
– अब दोनों हाथों को सीने पर रखें और नाक से सांस लेकर मुंह से छोड़ते रहें। इस दौरान खुद से पूछें कि इस कोमल स्थान पर हाथ रखने पर कैसा महसूस होता है जहां अपने और दूसरों के लिए प्यार का अनुभव होता है?
– अब अधिक सहज तरीके से सांस लें और नाक से ही सांस लें और छोड़ें। हवा के बहाव को फेफड़ों में महसूस करें।
– हर बार सांस छोड़ते समय कल्पना करें कि आप नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग से निकाल रहे हैं।
– सांस पर ध्यान केंद्रित रखें और हर बार सांस लेने के समय खुद से कहें ‘मैं काबिल हूं’, सांस छोड़ते समय कहें ‘अपने लिए मैं खुद काफी हूं’ । सांस लेने में कुछ मिनट का वक्त लगाएं और यह मंत्र बोलें फिर ध्यान दें कि इन शब्दों को खुद से कहने के बाद आपको कैसा महसूस हुआ।
– अब कल्पना करें कि आप आइने के सामने खड़े हैं। क्या दिख रहा है दर्द और उदासी? खुशी और आनंद? चाहे जो भी दिख रहा हो, बावजूद इसके खुद से कहें, “मैं तुमसे प्यार करता हूं”, “तुम बहुत खूबसूरत हो” और “तुम खुशी पाने के योग्य हो”।
– अब कल्पना करें कि आप हृद्य से सांस ले रहे हैं और आपके दिल में प्यार भरा है जिसे आप दोनों हाथों से लुटा रहे हैं।
– सिर से पांव तक प्यार की इस गर्माहट का अनुभव करें और कुछ और गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे आंखें खोलें।
सेल्फ लव मेडिटेशन के फायदे
- तनाव व चिंता कम करता है
- अच्छा महसूस करता है
- धैर्यवान बनाता है
- अपनी आलोचना भी आप शांतिपूर्वक सुन लेते हैं बिना किसी प्रतिक्रया के
- अंदर से मज़बूत बनाता है
- दिमाग को शांत रखता है
सेल्फ लव मेडिटेशन खुद को गहराई से समझने में मदद करने के साथ ही शरीर और मन में सामंजस्य बिठाने का काम करता है।
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