कोरोना के इस दौर में भारतीय किन देशों में कर सकते हैं सफर

कोरोना के इस दौर में भारतीय किन देशों में कर सकते हैं सफर

अगर आपने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है, तो मुमकिन है कि फिलहाल आपको ज़्यादा देशों में एंट्री मिल जाए।
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कोरोना की वैक्सीन आने से लोगों को काफी सुकून मिला है कि शायद अब दूसरे देशों में आवाजाही हो सके। वैसे देखा जाए तो लॉकडाउन के दौरान कई लोग दूसरे देशों में फंस गए थे। उन्हें स्वदेश तो लाया गया लेकिन अब फिर से काम और पढ़ाई के सिलसिले में दूसरे देशों में जाने की अनुमति का इंतज़ार कर रहे हैं। कोरोना के कारण देशों ने यात्रा के नियमों में बदलाव किया है और सभी को उनका पालन करना होगा। हर देश ने यात्रियों के लिए अलग-अलग नियम बना रखें हैं, जिसमें क्वारंटाइन करने की अवधि, कौनसा वैक्सीन लगा है, आरटीपीसीआर, और रैपिड डीएनए जैसे टेस्ट शामिल हैं।

तो चलिए आपको बताते हैं कि दुनिया के किन देशों में भारत से आने वाले यात्रियों के लिए क्या प्रोटोकॉल हैं।

स्विज़रलैंड, आइसलैंड व सात यूरोपियन देश

ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आयरलैंड, एस्टोनिया, स्पेन, फिनलैंड और लातविया के साथ-साथ स्विज़रलैंड, आइसलैंड ने भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट की बनी कोविडशील्ड वैक्सीन को ग्रीन पास देने का निर्णय लिया है। जिसका मतलब है कि जिस व्यक्ति ने इस वैक्सीन की दोनो डोज़ ली हों, वो इन देशों में सफर कर सकता है।

ग्लेशियर एक्सप्रेस, स्विज़रलैंड

अमेरिका

अमेरिका में भारतीय विद्यार्थियों के लिए वैक्सीन का प्रमाण देने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्हें केवल तीन दिन पहले कराया गया नेगेटिव आरटीपीसीआर साथ रखना होगा। वहीं अमेरिका में कुछ यूनिवर्सिटी ऐसी भी हैं जो उन स्टूडेंट्स को दोबारा वैक्सीन लगवाने के लिए कह रही हैं, जिन्होंने कोवैक्सीन या स्पूतनीक-V लगवाई है, क्योंकि इन वैक्सीन्स को यूएस आथॉरिटी ने मान्यता नहीं दी है।

कैनेडा और ऑस्ट्रेलिया

इन देशों में भी कोविडशील्ड को मान्यता प्राप्त है।

रूस

मोस्को | इमेज:फाइल इमेज

रूस में टूरिस्ट वीज़ा मान्य है, लेकिन इस समय कुछ ही फ्लाइट्स चल रही है। बीच में कहा जा रहा था कि रूस में वैक्सीन लगवाने के लिए टूरिस्ट वीज़ा दिया जा रहा है, लेकिन रूस सरकार ने इसे गलत करार दिया है।

दक्षिण कोरिया

बूसान, दक्षिणी कोरिया

यदि आप दक्षिण कोरिया जाना चाहते हैं, तो आपको वैक्सीन के दोनों डोज़ लेने होंगे। वहां दो हफ्ते के लिए क्वारंटीन होने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन जिन लोगों ने कोवैक्सीन लगवाई है, उन्हें क्वारंटीन होना पड़ेगा क्योंकि इस वैक्सीन को अभी डब्लूएचओ से मंजूरी नहीं मिली है।

इजिप्ट

पिरामिड ऑफ गीज़ा, इजिप्ट

इस देश में आने वाले सभी लोगों को आने पर रैपिड डीएनए टेस्ट कराना होगा। सकारात्मक पाए जाने पर यात्रियों को या तो वापस भेज दिया जाएगा या कम से कम 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाएगा।

कोवैक्सीन को मान्यता देने वाले देश

अगर आपने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाई है तो आप ईरान, नेपाल, फिलिपींस, मेक्सिको, गुआना, पैरागुए, ज़िंबाब्वे और मॉरिशिस जा सकते हैं।

ऐसा नहीं है कि जिन लोगों ने कोवैक्सीन लगवाई है, वो विदेश नहीं जा सकेंगे। बस कुछ कारणों से इसको मान्यता प्राप्त होने में समय लग रहा है। वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत रंग लाने लगी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी जीवन पटरी पर दौड़ने लगेगा। लेकिन तब तक ज़रूरी होने पर ही घर से निकले, बाहर जाते समय मास्क लगाएं, अपनी बारी आने पर वैक्सीन ज़रूर लगवाएं।

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