उंधियु, एक ऐसा नाम जिसे सुनकर दुनिया के किसी भी हिस्से में रह रहे गुजराती के मन में यादों की तस्वीरें चल पड़ती हैं। यादें अपनों के साथ बैठकर सर्दियों के ‘खाने की शान’, उंधियु बनाने की। ये कोई आम डिश नहीं है, बल्कि इस खास डिश को फसलों के त्यौहार ‘उत्तरायान’, जिसे पतंगों के उत्सव के लिए भी जाना है, के दौरान बनाया जाता है। इस डिश में ढेर सारी सीज़नल सब्ज़ियां डाली जाती है और धीमी आंच पर इसे देर तक पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद दोगुना हो जाता है।
उंधियु का अर्थ
गुजराती में उंधु का मतलब है उल्टा, और इसी से इस डिश को नाम दिया गया। पहले के ज़माने में इस डिश को मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता था, जिसे कोयले या गोबर के उपलों से जलने वाली आग के ऊपर पकाया जाता था। पकने के बाद मिट्टी के बर्तन से सब्ज़ी को निकाल कर उस पर तेल/ घी छिड़क कर हरी चटनी के साथ खाया जाता था। लेकिन समय के साथ उंधियु को पकाने का तरीका बदलता गया, लेकिन इसमें डलने वाली चीज़ें वही रहीं, जिससे इसका स्वाद एकदम पहले जैसा ही रहा।
क्या खास है उंधियु में?
उंधियु को सर्दियों में आने वाली सब्ज़ियों से बनाया जाता है। इसमें देसी पापड़ी, सुरती पापड़ी, तूवर दाल, जिमिकंद, छोटे बैंगन, कच्चे केले और हरी मटर डाली जाती है। इन सब्ज़ियों में नारियल, धनिया पत्ती और मसाले भरे जाते हैं। सब्ज़ियों को एक बड़े बर्तन में उनके पकने के हिसाब से एक के ऊपर एक लगाया जाता है, जैसे की बींस को पकने में सबसे ज़्यादा समय लगता है, इसलिए उन्हें सबसे नीचे लगाया जाता है। सबसे ऊपर मेथी मुठिया लगाई जाती हैं और इसे मध्यम आंच पर पकाया जाता है, जिससे इसके सभी फ्लेवर्स उभरकर आएं।
सीज़नल सब्जियां होने के अलावा, इसमें से ज्यादातर गर्मी पैदा करने वाली सब्जियां डाली जाती हैं, जिन्हें गर्मियों और मानसून के दौरान पचाना मुश्किल होता है। इसलिए, उंधियु को सर्दियों के दौरान खाया जाना चाहिए जब पाचन अपने सबसे अच्छे स्तर पर हो। उंधियु को पूरियों के साथ खाया जाता है और साथ में जलेबी या श्रीखंड भी खाई जाती है।
क्या आप जानते हैं कि उंधियु के लिए 14 जनवरी का दिन समर्पित किया है, जिसे राष्ट्रीय उंधियु दिवस कहा जाता है।
बनाने की विधि
- मेथी मुठिया के लिए सामग्री
- 1 कप ताजी मेथी की पत्तियां, बारीक कटी हुई
- ½ कप बेसन
- ½ कप साबुत गेहूं का आटा
- ½ छोटा चम्मच हल्दी
- 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 छोटा चम्मच चीनी
- 1 छोटा चम्मच हरी मिर्च-अदरक का पेस्ट
- 1 छोटा चम्मच हींग
- 1 छोटा चम्मच नींबू का रस
- चुटकी भर बेकिंग सोडा
- नमक
- 1 बड़ा चम्मच तेल
- थोड़ा तेल तलने के लिए भी
स्टफिंग के लिए सामग्री
- ½ कप बेसन
- ½ कप बारीक कटा हुआ ताजा हरा धनिया
- 1 कप ताज़ा कसा हुआ नारियल
- 1 बड़ा चम्मच हरी मिर्च-अदरक का पेस्ट
- 1 छोटा चम्मच हल्दी
- 1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर
- ½ छोटा चम्मच जीरा पाउडर
- 2 चम्मच चीनी
- 2 चम्मच नींबू का रस
- नमक
अन्य सामग्री
- 4 छोटे बैगन
- 1 कच्चा केला, 4 टुकड़ों में कटा हुआ
- 6 छोटे आलू छिले हुए
- ½ कप सुरती पापड़ी (ब्रॉड बीन्स),
- ½ कप वेलोर पापड़ी (हरी चपटी बींस), कसी हुई और 2 के आकार में कटी हुई
- ½ कप ताजा तुवर दाना
- ¼ कप हरी मटर
- 1 छोटा बैंगनी जिमीकंद छीलकर 1 इंच के टुकड़ों में काट लें
- 2 बड़े चम्मच तेल
- 1 छोटा चम्मच अजवायन के बीज
- 1 छोटा चम्मच हींग
- नमक
बनाने का तरीका
- मेथी मुठिया बनाने के लिए सारी सामग्री को मिला लें और एकदम कम पानी में सख्त आटा गूंदें। इस आटे की लगभग 16 गोलियां बनालें।
- तेल को गहरे पैन में गरम कर लें और मुठिया को गोल्डन ब्राउन तल कर निकाल लें।
- स्टफिंग बनाने के लिए सारी सामग्री को एक बाउल में डाल लें और अच्छी तरह मिला लें।
- बैंगन, केले और आलु को बीच में से लंबाई में काटें और आधा मसाला भर दें।
- भारी तले के पैन में तेल गरम करें। अजवायन और हींग डालें। जब यह चटकने लगे तो इसमें पापड़ी, तुवर दाना, हरी मटर और बैंगनी जिमीकंद डाल दें। नमक स्वादानुसार डाले और इसे हल्के हल्के चलाएं।
- इसमें स्टफ की हुई सब्ज़ियां डालें और बचा हुआ मसाला डाल दें।
- इसमें दो कप गरम पानी डालें और हल्के से मिलाएं। ढक्कन से ढक कर धीमी आंच पर पकाएं जब तक सारी सब्ज़ियां पक न जाएं।
- मेथी मुठिया को ऊपर लगाएं और पैन को बंद कर के अगले दस मिनट और पकाएं। अगर आपको पानी डालने की ज़रूरत लगे, तो थोड़ा सा डाल लें। धनिया और नारियल के बुरादे से सजाएं और गरमागरम परोसें।
ध्यान दें – अगर आप इसे प्रैशर कुकर में बना रहे हों तो मध्यम आंच पर तीन सीटी आने दें और फिर कम आंच पर एक सीटी आने दें। आपका उंधियु तैयार
डॉ. दीपाली कंपानी सेहत और खाने से जुड़े लेखन की विशेषज्ञ है।
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