खुद से प्यार करना सिखाता है ध्यान और योग

खुद से प्यार करना सिखाता है ध्यान और योग

मन को शांत और शरीर से प्रेम करना सिखाता है योग
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शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास का एकमात्र रास्त है योग। कुछ लोग इसे मात्र एक कसरत समझने की भूल कर बैठते हैं, जबकि योग का दायरा बहुत विस्तृत है। यह शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ बनाता है, विचारों को शुद्ध करता है और व्यक्ति के दिल में दया भाव भर देता है। योगासन, प्राणायम और ध्यान योग का ही अंग हैं। प्रेममय इस वातावरण में यदि आप खुद से और अपने आप से प्यार करना चाहते हैं, तो योग व ध्यान को अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल करें, क्योंकि योग के फायदों को तो अब मेडिकल साइंस भी मान चुका है।

अपने शरीर को गहराई से जानना- कार्डियो या दूसरी कसरत का मकसद सिर्फ शरीर को बाहर से स्वस्थ दिखाना होता है, जबकि योग का संबंध आपके मन और विचारों से गहरा होता है। जब आप ध्यान या प्राणायम करते हैं तो मन को सुकून मिलता है और दिमाग शांत हो जाता है। उन पलों में आप सारी चिंताओं को भूलकर अपने आप से गहराई से जुड़ जाते हैं। आपको इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि ‘मेरा शरीर बेडौल है’ या ‘दूसरों की तरह सुंदर नहीं दिखता’, क्योंकि आप इस तरह के फिज़ूल के विचारों से ऊपर उठकर अपने शरीर को गहराई से समझते और प्यार करते हैं।

हैप्पी हार्मोन का स्राव

डोपाइन हार्मोन का फील गुड हार्मोन या हैप्पी हार्मोन कहा जाता है, क्योंकि इसके स्राव से मूड अच्छा हो जाता है और हमें खुशी का अनुभव होता है। इसी तरह एंडोर्फिन हार्मोन का चिंता और तनाव घटाने वाला माना जाता है। योग और ध्यान के नियमित अभ्यास से इन दोनों ही हार्मोन का स्राव अधिक होता है। कई रिसर्च के मुताबिक, योग तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्सिटोस को नियंत्रित करता है और एंडोर्फिन हार्मोन का लेवल बढ़ाता है जिससे तनाव और अवसाद कम करने में मदद मिलती है।

दया का भाव

योग, ध्यान और सांस की कसरत से शरीर के साथ ही मन भी स्वस्थ रहता है। यह दिमाग को भी शांत रखता है और जब मन और दिमाग शांत रहता है तो हम खुद से और अपने आसपास के लोगों से भी प्रेम करने लगते हैं और प्रेम का यही भाव हमें दयालु बनाता है।

खुशी

तनाव और डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है | इमेज : फाइल इमेज

शारीरिक संतुष्टि

कई अध्ययन से यह बात साबित हो चुकी है कि रोज़ाना योगाभ्यास करने वाले लोग अपनी शारीरिक छवि को लेकर सकारात्मक रहते हैं और वह अपने शरीर से संतुष्ट रहते हैं यानी वह दूसरों की तरह दिखने के लिए जिम या डायटिंग की होड़ में शामिल नहीं होते हैं। आप जैसे ही वैसे ही खुद से प्यार करना ज़रूरी है और यह भाव योग व ध्यान से ही आता है। योग व ध्यान से आंतरिक सुकून और सुख की अनुभूति होती है।

मन को शांत करता है

आजकल की व्यस्त दिनचर्या में मन को शांत रखना बहुत ज़रूरी है और इसके लिए अच्छी नींद के साथ ही ज़रूरी है दिमाग से व्यर्थ के विचारों को बाहर निकालना। ऐसा करने में ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ और ध्यान से बहुत मदद मिलती है। इससे नींद भी अच्छी आती है और सुबह उठने के बाद आप ताज़गी और सुकून का अनुभव करते हैं।

योग आपके तन, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने के साथ ही इसे जोड़ता है जिससे आपको संपूर्णता, खुशी व शांति का एहसास होता है और यही एहसास आपको खुद से प्यार करने में मदद करता है। योग व ध्यान के अभ्यास से स्वस्थ आदतों और जीवनशैली को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है।

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