मेडिटेशन से दूर करें अकेलेपन की भावना को

मेडिटेशन से दूर करें अकेलेपन की भावना को

मेडिटेशन भावनाओं का कारण जानकर उसपर काबू रखना सिखाता है
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कोई मुझे प्यार नहीं करता, मैं किसी के साथ अपनी भावनाएं साझा नहीं कर सकता, मेरा कोई दोस्त नहीं है, मैं किसके साथ बाहर जाऊं…. इस तरह के विचार अकेलेपन की भावना का प्रतीक है। जब किसी व्यक्ति को उसके मन मुताबिक कुछ नहीं मिलता या उसके जीवन में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिन्हें वह स्वीकार नहीं कर पाता, तो अकेलेपन की भावना का शिकार हो जाता है। ऐसा होना बहुत सामान्य है, लेकिन लंबे समय तक यदि यह भावना रहती है तो इसका मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए इससे बाहर आना ज़रूरी है और इस काम में मेडिटेशन आपकी बहुत मदद कर सकता है।

अकेलापन दूर करने में कैसे मिलती है मेडिटेशन से मदद?

कई अध्ययन के मुताबिक, कुछ देर के मेडिटेशन से भी अकेलेपन की भावना को दूर किया जा सकता है। यह भावना तब आती है जब व्यक्ति खुद को दुनिया से अलग मानने लगता है। जबकि मेडिटेशन करने पर उसे एहसास होता है कि दुनिया में हर चीज़ एक-दूसरे से जुड़ी है, तो वह किसीसे अलग कैसे हो सकता है। मेडिटेशन से व्यक्ति अपनी भावनाओं के प्रति जागरुक होता है, जिससे उसे पता चलता है कि दुख और निराशा जैसी भावनाएं तो कुछ समय के लिए ही और परिस्थितियों के अनुसार यह बदल जाएंगी। मेडिटेशन आपकी सोच को सकारात्मक बनाता है और जब आप सकारात्मक सोचने लगेंगे तो अकेलेपन का एहसास होगा ही नहीं।

अकेलापन दूर करने के लिए ऐसे करें मेडिटेशन

  • आरामदायक मुद्रा में पीठ सीधी करके बैठ जाएं और अपने मन और दिमाग से सारी चीज़ें निकाल दें। जैसे कोई काम करना है, कोई डेडलाइन पूरी करनी है आदि। पूरी तरह से खुद को रिलैक्स कर लें।
  • अब किसी ऐसे व्यक्ति या अपने पालतू जानवर के बारे में सोचें जिसे आप बहुत प्यार करते हैं और कल्पना करें कि वह आपके बगल मेंं हैं।
  • महसूस करें कि आप उन्हें प्रेम भेज रहे हैं। मानो आपके अंदर से प्रेम निकलकर उन्हें अपनी आगोश में ले रहा हो।
  • ये वाक्य दोहराएं- आप प्यार, खुशी और शांति महसूस कर रहे है। ऐसा 3-4 बार करें।
  • अब यदि संभव हो तो किसी ऐसे व्यक्ति या जानवर के बारे में सोचे जिसने आपके प्रति प्रेम या करुणा दर्शाई हो।
  • अब कल्पना करें कि वह आपके बगल में है और हर बार सांस लेने के साथ यह दोहराएं (3 बार)- मैं प्यार, खुशी और शांति महसूस करूं।
  • यदि आपके पास समय हो तो एक-एक करके उन सभी लोगों को याद करें जिन्होंने आपके जीवन में प्रेम लाया हो।
  • उन सबसे जुड़ाव महसूस करें, आभार व्यक्त करें और करुणा की भावना के साथ मन से उनसे जुड़ें।
  • अब फिर से गहरी सांस लें और दोहराएं (3 बार) – आप प्यार, खुशी और शांति महसूस कर रहे है।
  • अपने अभ्यास का अंत उन लोगों के प्रति मन में प्रेम की भावना के साथ करें जिन्हें आप नहीं जानते हैं। आप उनकी खुशी, सफलता और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।
  • अब एक बार गहरी सांस लें और दोहराएं (3 बार)- हम सब प्यार, खुशी और शांति महसूस करें।
  • कुछ देर शांति से बैठें और सामान्य पोजिशन में लौट आएं।

यकीन मानिए आपके चेहरे पर अपने आप मुस्कुराहट आ जाएगी और आपको अच्छा महसूस होगा।

और भी पढ़िये : ‘पॉज़िटिव नज़रिया’ होना क्यों है ज़रूरी? – वैज्ञानिक रिसर्च

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