अक्सर गर्मी के दिनों में तापमान बढ़ने के साथ गर्मी के कारण लोगों के सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। बाहरी वातावरण की गर्मी और पेट की गर्मी की वजह से शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है। जो सिर्फ शारीरिक नुकसान नहीं, बल्कि मानसिक सेहत पर भी अपना प्रभाव डलता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति असहज महसूस करता है। ऐसे समय में शीतली प्राणायाम का अभ्यास कर लिया जाये तो शरीर को तुरंत आराम महसूस होता है। शरीर की अनावश्यक गर्मी भी कम हो जाता है।
शीतली प्राणायाम क्या है?
शीतली शब्द संस्कृत के ‘शीतल’ शब्द से बना है। जिसका शाब्दिक अर्थ ठंडा या सुखदायक है। शीतली नाम से ही पता चलता है कि इस प्राणायाम से शरीर को ठंडक मिलती है। जब हम गर्मी में बहुत बैचेनी महसूस करते है, तब इस प्राणायाम से शरीर को शीतलता मिलती है और इस प्रकार शरीर को आराम मिलता है। शीतली प्राणायाम गर्मियों के मौसम में की जाने वाली प्राणायाम है। इस प्राणायाम को कूलिंग ब्रीद भी कहा जाता है। गर्मी में इस प्राणायाम को करने से इसके काफी फायदे मिलते हैं।
अगर आप शारीरिक अभ्यास करते हैं, तो इसे करने के बाद शीतली प्राणायाम कर सकते हैं। इससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। इससे शरीर की थकान भी कम होती है।
प्राणायाम करने का तरीका
- सबसे पहले आरामदायक मुद्रा में बैठे
- आंखें बंद करके जीभ को बाहर निकालें
- जीभ के किनारों को मोड़कर पाइपनुमा आकार में बना लें
- अब जीभ के इसी आकार से सांस लें
- फिर मुंह बंद करके नाक से सांस छोड़े
- इसी प्रक्रिया को शुरुआत में कम से कम 5 बार दोहराएं
क्या है फायदे?
- शरीर के तापमान यानी पित्त दोष को नियंत्रित रखता है
- पाचनतंत्र मज़बूत बनता है
- ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक है
- भूख-प्यास को नियंत्रित करता है
- मन को शांत करने में सहायक है
- शारीरिक थकावट और तनाव को दूर करने में लाभदायक है
सावधानियां
शीतली प्राणायाम करने में बहुत ही आसान है, लेकिन इस प्राणायाम करने से व्यक्ति को कोई परेशानी न हो इसलिये कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे किसर्दियों में इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए। लो ब्लड प्रेशर, सर्दी-खांसी या अस्थमा से पीड़ित लोगों को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए। अगर ज़रूरत महसूस हो, तो किसी योग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं।
शीतली प्रायाम एक छायादार वृक्ष की तरह है, जो भरपूर ऑक्सीजन का निर्माण करता है। ये गर्मियों के मौसम में किया जाने वाला सबसे अच्छा प्राणायाम है।
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