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19वीं शताब्दी के वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने सबसे पहले पेड़ों में जान होने की बात साबित की थी और कहा था कि पौधों का महसूस करने का अपना एक अलग तरीका होता है। एक पत्ती तोड़ते वक्त भी हम नहीं जानते कि वे किस दर्द से गुजर रहे होंगे। जगदीश चंद्र बसु की इस बात को हम आमतौर पर भूल जाते हैं और अपने फायदे के लिये पेड़ों को नुकसान पुहंचाते है, लेकिन पुणे के माधव पाटिल इस बात को समझते हैं। इसी लिये तो वह दो साल से पेड़ों को कील की चुभन से आज़ादी दिला रहे हैं […]
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर प्रकृति ने इंसान के अंदर संवेदना का अहसास क्यों बनाया? दरअसल, संवेदना एक ऐसा भाव है, जो हमें दूसरों के लिए जीना सिखाता है और एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है। कुछ ऐसी ही संवेदना जताई है शिक्षक ने, जिसके प्रयास से कई बच्चों को अपना भविष्य संवारने का एक बढ़िया मौका मिला है। क्या खास किया है टीचर ने? कहते है कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान होता है और पुणे के शख्स दत्ता वालुंज ने भी ऐसे दो बच्चों को शिक्षा देने का फैसला किया, जब उन्हें इसकी […]
उल्हास नगर म्यूनिसपल कॉर्पोरेशन (यूएमसी) ने ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एक बेहतरीन कदम उठाया है। नगर पालिका ने सिख समुदाय को दस हज़ार हेडफोन दिये हैं, जिनके इस्तेमाल से भक्त सत्संग सुन सकें। बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस कदम की तारीफ की है। कोर्ट की डिविज़न बेंच के कमिशनर राजेंद्र निंबलकर का कहना है कि यदि 99 प्रतिशत अधिकारी नियमों का पालन नहीं कर रहे हो और कोई एक अधिकारी ऐसा करने लगे, तो उसकी सराहना की जानी चाहिये। इस बात पर आवाज़ फाउंडेशन की कंवेनर सुमैरा अब्दुलाली कहती हैं कि हमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान […]
जब आप मंदिर जाते हैं, तो आपको सबसे आम दृश्य क्या दिखता है? आमतौर पर आपको मंदिर के बाहर फूल-प्रसाद की दुकानें और भीख मांगने वाले लोग बैठे दिखते होंगे, जिनकी आप कुछ पैसे, खाना या और दूसरी चीज़ें देकर मदद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि एक भिखारी ने किसी को दान दिया हो? यह बात चौंकाने वाली ज़रूर लग सकती है, लेकिन सच कुछ ऐसा ही है कि मंदिर के बाहर भीख मांगने वाली महिला ने मरने के बाद अपनी जीवन की कमाई पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों के परिवार को दे दी। कौन […]
जब भी हम आसपास हरियाली देखते है, तो न जाने क्यों दिल और दिमाग में सुकून और खुशियां छा जाती है। शायद यही वजह है कि भारत और चीन जैसे देशों ने समय रहते इस खुशहाली को पहचान लिया और अब ये दुनिया को भी हरियाली की राह पर ले जाने का काम कर रहे हैं। हरियाली को बढ़ाने की इस मुहिम के लिए अब नासा ने भी इन देशों की तारीफ़ की है। दुनिया को मिला हरियाली देखने का नया नज़रिया भारत और चीन, दोनों ही देशों को विशाल जनसंख्या वाले देश के रूप में जाना जाता है पर […]
जैसे ही ट्रैफिक पुलिस आपको हाथ देकर गाड़ी साइड लगाने को कहती है, तो आपके मन में क्या बाते आती हैं? बातें चाहें जो भी आयें, लेकिन ज़ाहिर सी बात है कि आपको घबराहट तो ज़रूर होती होगी कि न जाने किस बात का चालान कट जाये। लेकिन ओडीशा के भुवनेश्वर की क्योंझर डिस्ट्रिक्ट में ट्रैफिक पुलिस के रोकते ही कुछ लोग बेहद खुश हो जाते हैं, जिसका कारण है वहां की ट्रैफिक पुलिस की एक पहल। क्या है यह पहल? क्योंझर के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) जय नारायण पंकज ने मोटर सेफ्टी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए […]
अगर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि इसरो के विकास पर नज़र डाली जाये, तो यह किसी कहानी से कम नहीं हैं। जिस इसरो ने अपने अन्तरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत साईकिल और बैलगाड़ी से की थी, आज वही इसरो देश-विदेश के सैटेलाइट लांच करके नए कीर्तिमान रच रहा है। इसरो की बदौलत आज हम आसमान की ऊँचाइयों से नहीं बल्कि अन्तरिक्ष की गहराइयों से बात करते हैं। इसरो अब तक सेटेलाइट लॉन्चिंग से जुड़े कई रिकॉर्ड बना चुका है लेकिन यह पहली बार होगा जब मानव मिशन से जुड़े रिकॉर्ड बनाएगा। इसी कड़ी में एक नया नाम है, गगनयान। क्या […]
सड़कें और इमारतें बनाने के लिए जिस तरह अंधाधुंध तरीके से पेड़ों की कटाई हो रही है, उससे शहर कंकरीट के जंगलों में बदल चुके हैं। अब तो बड़े शहरों में बमुश्किल ही हरियाली देखने को मिलती है। पेड़ों की कटाई के पीछे तर्क दिया जाता है कि विकास के लिए यह ज़रूरी है लेकिन पेड़ों को बचाते हुये विकास का काम कर रहे है, उदयपुर के वनस्पति वैज्ञानिक बद्रीलाल चौधरी। पेड़ों को किया रीलोकेट एक-दो पौधों को अपनी जगह से उखाड़कर दूसरी जगह तो शायद हर किसी ने किया होगा, मगर बद्रीलाल अब तक 10,000 हरे भरे और विशाल […]
तमिलनाडु के नारायणसामी के दोनों हाथों का सफल प्रत्यारोपण मेडिकल साइंस की बहुत बड़ी उपलब्धि है। दुर्घटना में दोनों हाथ गंवा चुके नारायणसामी शख्स अब बिल्कुल नॉर्मल तरीके से अपनी ज़िंदगी जी सकते है और यह सब हुआ है समर्पित डॉक्टरों की वजह से, इसलिए तो डॉक्टरों की तुलना भगवान से की जाती है। 13 घंटे की सर्जरी 30 साल के नारायणसामी को सरकारी अस्पताल में नौकरी मिल चुकी हैं और अब अपने नए हाथ और नई नौकरी से वह बहुत खुश हैं। उनके मुताबिक, 2015 में कंस्ट्रक्शन साइट पर करंट लगने से उनके दोनों हाथ काटने पड़े थे। इस […]
दशरथ मांझी के बारे में तो सबको पता होगा ही, उनपर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। अकेले ही पहाड़ काटकर बिहार में सड़क बनाने वाले दशरथ मांझी की तरह ही कारनाम किया है, लद्दाख के 75 वर्षीय सुल्ट्रीम चोंज़ोर ने। चोंज़ोर ने अकेले दम पर 38 किलोमीटर लंबी सड़क बनाकर सबको हैरत में डाल दिया। सामरिक महत्व वाली सड़क हाल ही में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने हिमचाल प्रदेश के दराचा से पदुम शहर तक 140 किलोमीट लंबे रोड का निर्माण कार्य पूरा किया है। जांस्कर के पदुम इलाके से यह सड़क लेह जिले के नीमू गांव तक जाएगी। यह […]
किताबों की दुनिया बड़ी ही खूबसूरत होती है, कहते हैं इस दुनिया में खो कर कुछ भी पाया जा सकता है। लेकिन जैसा कि हम जानते हैं समय बदल रहा है और पढाई का तरीका भी, और अब जमाना भी स्मार्ट स्टडीज़ की तरफ बढ़ रहा है। इसी मुहिम का हिस्सा बैग फ्री स्कूल भी है। कुछ दिनों पहले मानव संसाधन मंत्रालय ने एक गाइड लाइन जारी की थी, जिसमें स्कूली बैग के बढ़ते बोझ को नियंत्रित करने की कोशिश की गई थी ताकि स्कूली बैग के बोझ से दबे बच्चों को स्मार्ट बनाया जा सके। खैर, सरकार के इस […]
प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार 2019 के लिए भारतीय मूल के 3 संगीतकारों का नाम शामिल किया गया है, जाहिर है देश के लिए यह बहुत गर्व की बात है। 61वें ग्रैमी अवार्ड का आयोजन आज होने जा रहा है। भारतीय मूल की फाल्गुनी शाह, प्रशांत मिस्त्री और सनातम कौर खालसा को 61वें ग्रैमी अवॉर्ड के लिए संगीत की अलग-अलग श्रेणियों में नामांकित किया गया है। इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने पर जाहिर है सभी कलाकार बेहद खुश हैं। बच्चों के लिए गाना ग्रैमी अवॉर्ड में नॉमिनेट होने वाली फाल्गुनी का एलबम ‘फालु बाज़ार’ चिल्ड्रेन एलबम कैटेगरी में नामांकित हुआ […]
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