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वर्तमान समय की डिमांडिंग जॉब और बढ़ते कॉम्पीटिशन ने हर कर्मचारी का स्ट्रैस बहुत बढ़ा दिया है। वर्क स्ट्रैस का असर न सिर्फ व्यक्ति के शरीर और दिमाग पर हो रहा है, बल्कि इससे कंपनी की प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होती है। लक्षण आजकल ज़्यादातर इंसान नौकरी से जुड़े तनाव का शिकार हो रहा है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि कहीं आप भी तो इसके शिकार नहीं। यदि नीचे लक्षण दिखे, तो समझ जाइये कि आप भी नौकरी से जुड़े स्ट्रैस के शिकार हैं। – थकान – मांसपेशियों में तनाव – सिरदर्द – घबराहट होना – नींद न आना […]
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइज़ेशन) हर साल 28 अप्रैल को ‘वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क’ का आयोजन करता है। साल 2003 से मनाये जा रहे इस दिन का मकसद सुरक्षित, स्वस्थ और सभ्य कामकाजी वातावरण को बढ़ावा देना है। साथ ही यह व्यवसाय में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और बीमारियों की रोकथाम को भी बढ़ावा देता है। वर्कप्लेस डेथ और एक्सीडेंट का डेटा – दुनियाभर में हर दिन 6300 लोग वर्कप्लेस पर हुये एक्सीडेंट या वहां के वातावरण से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं। – हर साल जॉब के दौरान 31.7 […]
आजकल लोग अपनी फिटनेस को लेकर बहुत सजग हो गये हैं और इसके लिए डाइट का ध्यान रखने के साथ ही योग और एक्सरसाइज़ पर भी पूरा फोकस कर रहे हैं। जिम जाकर एक्सरसाइज़ करने से बेहतर है, योग करना क्योंकि योग न सिर्फ आपके शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि यह मानसिक सेहत के लिए भी ज़रूरी है। रोज़ाना योग करने से बहुत से फायदे हैं। योग कई प्रकार के होते हैः अष्टांग योग- इससे शरीर में ब्ल्ड फ्लो, लचीलापन और क्षमता बढ़ती है और दिमाग शांत रहता है। हठ योग- इम्यूनिटी बढ़ाता है, शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को […]
ये तो आप हमेशा ही सुनते है कि प्रकृति का आपके मन पर गहरा असर होता है या फिर आपने यह भी सुना होगा कि अगर कभी आप स्ट्रैस में हो, तो नेचर से जुड़ें, लेकिन इस बात का अब तक कोई प्रमाण नहीं था। हाल ही में की गई एक रिसर्च ‘फ्रंटियरंस इन सायकलोजी’ नाम के जनरल में पब्लिश हुई है, उसके अनुसार दिन में कम से कम बीस मिनट टहलने या ऐसी जगह बैठने से, जहां आपको प्रकृति के करीब महसूस हो, आपके अंदर के स्ट्रैस पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को काफी हद तक कम किया […]
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप उदास होते हैं, तो आपके शरीर का एक हिस्सा बहुत परेशान होता है। आप में से ज़्यादातर लोग सोच रहे होंगे कि हम दिल कि बात कर रहे हैं। लेकिन यहां दिल की नहीं दिमाग की बात की जा रही है। दरअसल, जब भी आप उदास या परेशान होते हैं, तो आपके दिमाग के दो हिस्सों, अमाय्ग्डाला (इमोशंस का प्रोसेसर) और हिप्पोकैंपस (मेमोरी के लिए ज़िम्मेदार), के बीच बातचीत बढ़ जाती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बढ़ा हुआ मस्तिष्क संचार का कारण खराब मूड है या फिर यह इफेक्ट है। […]
फरवरी खत्म होते-होते, बच्चों को एग्ज़ामिनेशन फीवर चढ़ने लगता है, क्योंकि आने वाले महीने के साथ ही स्कूल के छात्रों की सालाना परीक्षा शुरु हो जाती है। ऐसे में बेहतर प्रदर्शन करने और माता-पिता या टीचरों की उम्मीद पर खरे उतरने की चाह के कारण बच्चों में एग्ज़ाम्स को लेकर स्ट्रैस होने लगता है। हालांकि थोड़ा बहुत स्ट्रैस, प्रतियोगिता की भावना के लिए अच्छा होता है, लेकिन एग्ज़ाम्स के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा चिंता करना बच्चों के शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए खतरनाक हो सकता है। स्ट्रैस से होने वाली परेशानियां – शारीरिक – मांसपेशी का खिंचाव, खट्टी डकार […]
अगर आपसे कोई पूछे कि प्यार क्या है, तो आपके मन में क्या आता है? कोई प्यार को खुशी से जोड़ता है, कोई इसे त्याग का नाम देता है, तो कोई इसे ज़िंदगी का रोमांटिक सफर बताता है। हर किसी के लिए प्यार की अलग परिभाषा है, पर ज़्यादातर लोग प्यार को भावनाओं का एक बड़ा हिस्सा मानते हैं। भावनाओं के अलावा एक ऐसी चीज़ भी है, जिस पर आपके प्यार में होने से फर्क पड़ता है, वह है आपकी मानसिक तंदुरूस्ती। प्यार है हर किसी की ज़रूरत साल 1958 में अमेरिकी मनोवैज्ञानिक हैरी हारलो द्वारा की गई रिसर्च से […]
अगर आप स्ट्रैस फ्री लाइफ जीना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखिए, पढिये इस लेख में –
ध्यान लगाने से शरीर पर पॉज़िटिव असर पड़ता है लेकिन ध्यान कैसे लगाया जाता है और इसके क्या फायदे हैं, पढ़िये इस लेख में-
दिमागी सेहत के लिये आपको अपनी जीवनशैली में कुछ न कुछ बदलाव करना ज़रूरी है। तो आइये, जानते है कि अपने दिमाग को सेहतमंद रखने के लिये आप क्या कर सकते हैं।
खुशी को परिभाषित करना भी मुश्किल है। यूनिवर्सिटी ने कई ऐसे फैक्टर बताए है जिसे अपनाकर आप खुश रह सकते हैं –
खुद को गहराई से कैसे जोड़ सकते है? इसके चार आसान तरीके हैं, जिसका रोज़ाना पालन करके इसे पाया जा सकता हैं –
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