टेंशन यानी तनाव आज के दौर की सबसे आम बीमारी है जिससे शायद ही कोई अछूता हो। तनाव न सिर्फ जीवन का सुकून छीन लेता है, बल्कि यह कई तरह की शारीरिक व मानसिक बीमारियों को भी न्योता देता है। इतना ही नहीं यह आपकी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। इसलिए तनाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए। ध्यान के अलावा तनाव कम करने के और कौन सा तरीका है? जानिए यहां।
तनाव का सांसों से संबंध
जब आप दौड़ते हुए बस पकड़ते हैं, सीढ़ी चढ़ते हैं या बहुत तेज़ आवाज़ के संपर्क में आते हैं तो तेज़ी से सांस लेने लगते हैं। कुछ लोग किसी खास परिस्थितियों में आदतन भी ऐसा करते हैं, खासतौर पर तनाव में होने पर। अधिक तनाव होने पर शरीर को सामान्य से अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता महसूस होती है और हम तेज़ी से सांस लेने लगते हैं, इसे ओवरब्रीदिंग कहा जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर में आवश्यकता से अधिक ऑक्सीजन जाती है और हम कार्बनडाई ऑक्साइड भी अधिक निकालते हैं। ओवरब्रीदींग के कारण तनाव और बढ़ जाता है।
तनाव कम करने में मददगार ब्रीदिंग एक्सरसाइज़
तनाव से आप पूरी तरह से दूर भले ही नहीं हो सकते हों, लेकिन कुछ तकनीक अपनाकर इसे कम ज़रूर कर सकते हैं।
माइंडफुल ब्रीदिंग
माइंडफुलनेस यानी आप जहां जिस वक्त हैं उसी वातावरण में उसी लम्हे को जिएं। यह ध्यान की ही एक तकनीक है। माइंडफुल ब्रीदिंग सही तरीके से सांस लेने की प्रक्रिया में मदद करती है, क्योंकि इसमें आपको बसे कुदरती तरीके से सांल लेने की ज़रूरत है बिना किसी अतिरिक्त संघर्ष के।
कैसे करें?
- शांत और आरामदायक बैठने की जगह तलाशें।
- आंखें बंद करके शारीरिक संवेदनाओं को महसूस करें जैसे शरीर का बैठने की जगह से संपर्क होना या जमीन पैर पर रखने का एहसाए।
- धीरे से सांसों पर ध्यान केंद्रित करें (सांस लेने पर नाक में आने वाली हवा और छाती व पेट ऊपर उठने पर)।
- बिना किसी निर्णय पर पहुंचे और किसी तरह की उम्मीद के सांस लेने और छोड़ने की क्रिया करें।
- अब सांस छोड़ने के एहसास पर ध्यान दें (नाक से बाहर निकलने वाली हवा, छाती और पेट का ऊपर से नीचे की ओर जाना)।
- हर सांस के साथ मन में आए विचार, भावनाओं और संवेदनाओं को स्वीकार करें और बिना किसी तरह की उलझन के करुणा व दया के साथ उसे गुज़र जाने दें।
- यदि मन भटक रहा है, तो धीरे-धीरे प्रत्येक सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
- इसे आप जितनी देर तक चाहे कर सकते हैं।
बच्चों के लिए फिंगर ब्रीदिंग
छोटे बच्चे शायद माइंडफुल ब्रीदिंग के लिए जल्दी तैयार न हो पाएं या फिर उन्हें यह बहुत बोरिंग लगेगा। इसलिए उनके लिए फिंगर ब्रीदिंग तकनीक बहुत दिलचस्प है। इसमें पंजे का इस्तेमाल करके सांस लेने की प्रक्रिया सिखाई जाती है।
कैसे करें?
- बच्चे को पहले किसी आरामदायक जगह पर बैठने के लिए कहें
- अब एक हाथ की पांचों उंगलियां खुली रखें और दूसरे हाथ की तर्जनी उंगली लेकर उसे सबसे पहले अंगुठे के नीचे ले जाएं और ऊपर की तरह स्लाइड करें, फिर नीचे लेकर आएं और अगली उंगली की तरफ स्लाइड करें।
- ऊपर की तरफ स्लाइड करते समय बच्चे को नाक से सांस लेने और उंगली नीचे लाते समय मुंह से सांस छोड़ने के लिए कहें।
- इसी तरह तर्जनी उंगली का इस्तेमाल करते हुए दूसरी हथेली की सभी उंगलियां पर स्लाइड करते रहने को बोलें और साथ में सांस लेने और छोड़ने के लिए भी।
- खत्म हो जाने पर बच्चे से पूछिए कि उसे कैसे महसूस हुआ। यकीनन उसे इसमें मज़ा आएगा।
बॉक्स ब्रीदिंग
यह ब्रीदिंग की एक तकनीक है जिसमें गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ा जाता है, इससे एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही यह तनाव बढ़ाने वाले हॉर्मोन कॉर्टिसोल का स्तर कम करता है, जिससे मूड अच्छा रहता है।
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कैसे करें?
- इसे करने के लिए सबसे पहले एक कुर्सी पर सीधा बैठ जाएं।
- आंखें बंद करके धीरे-धीरे सांस लें और सांस रोककर 4 तक गिनती गिने।
- फेफड़ों में हवा भर लें।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और 4 तक गिनें।
- ऐसा कम से कम 6 बार करें।
4-7-8 ब्रीदिंग
सांस लने की यह खास तकनीक डॉक्टर एंड्रू वेइल द्वारा विकसित की गई है। शरीर को गहरी शांति और सुकून दिलाने में यह तकनीक बहुत मददगार है, साथ ही इससे नींद न आने की समस्या भी दूर होती है।
4 -7- 8 ब्रीदिंग तकनीक के अनुसार आपको आठ तक काउंटिंग करनी है और जब आप चार तक गिन लेंगे, तो आपको अपनी सांस रोकनी है। अब आपको यह सांस तब तक रोकनी है, जब तक आप सात तक न गिन लें। इसके बाद आठ गिनते हुए आपको अपनी सांस बाहर छोड़ देनी है। यह बहुत ही आसान प्रक्रिया है।
कैसे करें?
- आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं।
- इस तकनीक में आपको 8 तक गिनती गिननी है और जब आप 4 तक गिन लें तो सांस रोकनी हैं।
- सांस को 7 गिनने तक रोके रखें।
- 8 गिनते हुए सांस बाहर छोड़ें, लेकिन इसे मुंह पूरा खोलकर नहीं, बल्कि दोनों होंठों के बीच से धीरे-धीरे छोड़ें।
- इसे 4 बार दोहराएं।
तो फिर इन तकनीकों को अपनाकर आप भी अपना तनाव काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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