आजकल जिसे देखो उसे रात को नींद न आने की समस्या आ रही है या फिर खर्राटों से परेशान है, तो ऐसे में अनिद्रा और खर्राटों की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसी ही समस्याओं से निजात पाने के लिए दुनियाभर के लोग योग और प्राणायाम का सहारा ले रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण प्राणायाम और योग का पॉज़िटिव असर है।
उज्जयी प्राणायाम क्या है?
संस्कृति शब्द ‘उज्जयी’ का अर्थ विजयी या जीतने वाला होता है। इसका मतलब उज्जयी प्राणायाम से व्यक्ति अपनी सांसों पर विजय पा सकते हैं और इसलिए इस प्राणायाम को अंग्रेजी में ‘विक्टोरियस ब्रेथ’ कहा जाता है। जब इस प्राणायाम को किया जाता है तो शरीर में गर्म वायु प्रवेश करती है और दूषित वायु निकलती है। उज्जयी प्राणायाम को करते समय समुद्र के समान ध्वनि आती है, इसलिए इसे ओशियन ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है।
प्राणायाम करने का तरीका
- प्राणायाम करते समय सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं
- गर्दन और पीठ सीधी रखें
- आंखे बंद करके अपना ध्यान गले पर लगाइये
- गले को टाइट करके नाक से सांस लीजिए
- अब ये महसूस करिए कि सांस आपके गले को छू रही है
- सांस लेते समय गले से सांस लेने की आवाज़ आएगी और थोड़ा-सा कंपन महसूस होगा
- कुछ समय के लिए सांस रोककर दाईं नाक को बंद करके बाईं नाक से सांस छोड़िए
- इस प्रक्रिया को 5 मिनट तक दोहराएं
- चाहे तो धीरे-धीरे इस प्रक्रिया का समय बढ़ा जा सकता है
क्या है फायदे?
- गले और चेहरे की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं
- यह प्राणायाम दिमाग को शांत और ठंडा रखता है
- थायरॉयड की समस्या से निजात पाने मददगार है
- अनिद्रा और खर्राटों से छुटकारा दिलाए
- गले के संक्रमण और टॉन्सिल्स में राहत
- मन को शांत करता है
सावधानियां
उज्जयी प्रणायाम करते समय व्यक्ति को कौन से सुरक्षा उपाय और सावधानियां बरतनी चाहिए, इसका खास ध्यान रखें। इस प्राणायाम को हमेशा खाली पेट करना चाहिए। केवल उज्जयी नहीं अन्य प्राणयाम की अवधि भी एक साथ नहीं बढ़ानी चाहिए। इस प्राणायाम में सांसे गले की नली को छूकर जानी चाहिए। सिर दर्द और चक्कर आने पर यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए। गले पर ज़ोर देना चाहिए, नहीं तो गले में खराश हो जाएगी। उज्जयी प्राणायाम उन्हें नहीं करनी चाहिए, जिनका थाइरोइड बहुत अधिक बढ़ा हुआ हो। ऐसे व्यक्ति को किसी विशेषज्ञ के निगरानी में इस प्राणायाम की प्रैक्टिस करनी चाहिए।
अच्छी सेहत के लिए गहरी नींद लेना बेहद ज़रूरी है, तो क्यों न योग और प्राणायाम का सहारा लें। आज से ही इस प्राणायाम को अभ्यास करना शुरु करें। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे ThinkRight.me ऐप को डाउनलोड करें।
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