आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मन और मस्तिष्क को सुकून देने के लिए मेडिटेशन बहुत ज़रूरी है, लेकिन मेडिटेशन भी कई तरह के होते हैं। इनके प्रकार पता होने पर आप यह तय कर सकते हैं कि आपके लिए कौन-सा मेडिटेशन सबसे अच्छी है। वैसे जहां तक मेडिटेशन की सही तकनीक का सवाल है तो ज़रूरी नहीं कि एक तरह का मेडटिशन सबके लिए ठीक हो। आप जब तक पूरी सहजता से किसी ध्यान को नहीं कर पा रहे हैं, तब तक आप ध्यान के नए-नए तरीकों को अभ्यास कर सकते हैं।
मेडिटेशन कई प्रकार के होते हैः
प्रेम व दयालुता का भाव देने वाली मेडिटेशन
जैसा कि नाम से साफ है, इस मेडिटेशन का मकसद व्यक्ति के अंदर खुद के साथ ही दूसरों के लिए भी प्रेम की भावना उत्पन्न करना है। गहरी सांस लेते हुए अपने या अपने किसी प्रियजन/दोस्त के प्रति प्रेम/दयालुता की भावना मन में लाएं। एक दिन में ऐसा शायद न हो, लेकिन लगातार अभ्यास करते रहने से आपके अंदर प्रेम और दया की भावना उत्पन्न हो जाएगी और फिर आपके मन में चिड़चिड़ेपन की भावना कम हो जाएगी।
यह मेडिटेशन उनके लिए फायदेमंद है जो बात-बात पर गुस्सा करते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन
इसमें जैसे ही कोई विचार मस्तिष्क से गुज़रता है उस पर फोकस किया जाता है। उन विचारों को जज नहीं करना है बस उस पर ध्यान देना होता है कि विचारों का पैटर्न क्या है। इस अभ्यास से आप किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होते हैं। इससे एकाग्रता और जागरूकता बढ़ती है।
उन लोगों के लिए अच्छा जो बिना किसी प्रशिक्षक के मेडिटेशन करते हैं, क्योंकि यह बहुत ही आसान और सबसे अधिक लोकप्रिय मेडिटेशन तकनीक है।
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मंत्र मेडिटेशन
इसमें सांसों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय मंत्र उच्चारण पर ध्यान दिया जाता है। सीधे बैठकर गहरी सांस लेते हुए ऊं का उच्चारण किया जाता है और कुछ मिनट तक लगातार इसका अभ्यास करना होता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है। इसके अभ्यास से आप जागरुकता को गहराई से महसूस करते हैं।
जिन लोगों को सांस पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल लगता है, उनके लिए मंत्र मेडिटेशन अच्छा विकल्प है।
कुंडलिनी योग
इसे सबसे मुश्किल मेडिटेशन में से एक माना जाता है। इसमें ध्यान के ज़रिए व्यक्ति कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करता है, जो रीढ़ की हड्डी में होती है। इसे बहुत ही सावधानी और किसी प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना चाहिए। इसके अभ्यास से धीरे-धीरे शरीर के सभी आध्यात्मिक केन्द्रों खोला जाता है। इसके अभ्यास से मानसिक शांति के साथ ही शारीरिक शक्ति बढ़ती है और कई तरह के दर्द से छुटकारा मिलता है।
यह मेडिटेशन उनके लिए है जो अन्य मेडिटेशन करने में पारंगत हो गए हैं और कुछ कठिन करने के लिए तैयार हैं।
जेन मेडिटेशन
मेडिटेशन के इस रूप में सिर्फ सांसों पर ही ध्यान देना शामिल नहीं है, बल्कि इसमें कई स्टेप्स और पॉश्चर होते हैं। इसका मकसद है विचारों को समझना, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अभ्यास से व्यक्ति अपने गुस्से पर काबू करने में समर्थ हो जाता है।
जो लोग मानसिक शांति के साथ ही अध्यात्म के रास्ते पर जान चाहते हैं, उनके लिए यह बहुत ही अच्छा मेडिटेशन है।
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