क्यों है भारत को दो टाइम ज़ोन की ज़रूरत?

क्यों है भारत को दो टाइम ज़ोन की ज़रूरत?

जहां सूरज देर से ढलता है, वहां बच्चों को मिलता है सोने के लिए कम समय, जानिए कैसे
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

18वीं सदी से पहले पूरी दुनिया में अलग-अलग समय होता था, क्योंकि समय को सूरज के साथ देखा और मिलाया जाता था। यह तो आप जानते ही होंगे की दुनिया गोल है, धरती के एक हिस्से में जब दिन निकल रहा होता है तो वहीं दूसरे हिस्से में ढल रहा होता है। ऐसे में परेशानी तब शुरु हुई जब लोगों ने एक जगह से दूसरी जगह यात्रा शुरु की। क्योंकि समय एक स्थानीय प्रक्रिया थी, इसलिए यात्रियों को समय समझने में बड़ी मुश्किल होने लगी थी। इस परेशानी को हल करने के लिए कैनेडा के सर सैंडफोर्ड फ्लेमिंग ने 1884 में टाइम ज़ोन बनाया, जिससे पूरी दुनिया के समय को एक सही दिशा मिली।

क्या है टाइम ज़ोन?

दुनिया गोल है इसलिए दुनिया के नक्शे को देशांश रेखाओं (लॉंगीट्यूड) के आधार पर हर 15 डिग्री के अंतर पर 24 बराबर के काल्पनिक हिस्सों में बांट दिया गया है। इंग्लैंड के ग्रीनविच में स्थित वैधशाला को 0 डिग्री तय किया गया है, यही से समय की गिनती शुरु होती है। समय के इस माध्यम को ग्रीनविच मीन टाइम या अंतरराष्ट्रीय मानक समय कहा जाता है। ग्रीनविच रेखा से दाहिनी ओर वाले देशों का समय आगे होता है और ग्रीनविच रेखा से बाईं ओर वाले देशों का समय पीछे होता है।

भारत में यह रेखा इलाहाबाद के पास नैनी से गुज़रती है और यहीं से भारतीय राष्ट्रीय समय माना जता है। भारत का टाइम ज़ोन ग्रीनविच रेखा से 82.5° अंश दाहिनी ओर है, जिसका मतलब है कि भारत ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पांच घंटे आगे है। यानि जब ग्रीनविच रेखा के पास रात के 12 बजेंगे तब यहां सुबह के 5.30 बजेंगे।

क्यों भारत में हैं दो टाइम ज़ोन की ज़रूरत?

भारत का नक्शा देखेंगे तो आपको समझ आएगा कि पूर्व के कोने में अरुणाचल प्रदेश का डोंग गांव है और पश्चिम के कोने में गुजरात का गुहर मोटा गांव। अगर देशांतर रेखाओं के हिसाब से देखें तो भारत 97 डिग्री 24 मिनट पूर्व से लेकर 68 डिग्री 7 मिनट पूर्व तक फैला हुआ है, जो एक बड़ा क्षेत्र है। काफी समय से भारत के नॉर्थ ईस्ट के लोग इस क्षेत्र के लिए, अमेरिका जैसे देशों की तरह, अलग समय तय करने की बात कर रहे हैं, क्योंकि यहां सूरज देश के बाकी हिस्सों से पहले उदय होता है और अस्त भी पहले ही होता है। लेकिन दफ्तर के काम देश के बाकी हिस्सों की तरह दस बजे से ही शुरु होते हैं और दिन ढलने तक चलते हैं।

भारत का टाइम ज़ोन
भारत ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पांच घंटे आगे है | इमेज : फाइल इमेज

ऐसे में बिजली का खर्च एक बड़ी परेशानी है, जिसे टाइम चेंज करके काफी हद तक बचाया जा सकता है। गणित के हिसाब से देखा जाए तो वहां का नया टाइम ज़ोन बनाने से एक साल में करीब 2 करोड़ KWH बिजली बचाई जा सकती है, जिससे 100 वाट के 23 हज़ार हल्ब एक साल के लिए जल सकते हैं।

बाकी देशों का समय

नॉर्थ ईस्ट में सूर्योदय और सूर्यास्त देश के बाकी हिस्सों से दो घंटे पहले होता है। ऐसे में वहां के लोगों की सर्कैडियन रिदम भी प्रभावित होती है, क्योंकि जैसे-जैसे शाम होती है, वैसे ही मनुष्य का शरीर स्लीप हार्मोंन मेलाटोनिन बनने लगता है, जिससे सोने में मदद मिलती है। साथ ही जिन जगह सूरज देर रे ढ़लता है, वहां के बच्चों को लगभग आधा घंटा कम नींद मिलती है, क्योंकि स्कूल तो पूरे देश में लगभग एक ही समय पर शुरु और खत्म होते हैं, इसलिए जहां सूरज देर से निकला, बच्चे तब भी स्कूल के हिसाब से जल्दी उठ गए और सोए सूरज ढलने के हिसाब से। लेकिन एक बात और है कि देश में दो अलग टाइम ज़ोन होने की अपनी परेशानियां हो सकती हैं।

यह पढ़कर तो लगता है कि जिसने भी यह कहा है कि ‘समय बहुत बलवान है,’ सही कहा है।

और भी पढ़िये :  अध्यात्म रखता है मानसिक सेहत को स्वस्थ – जानिए 5 फायदे

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

ThinkRight empowers you with calming tools, techniques, and affirmations that compel you to begin your day with a mindful mindset. The right thought flows into the right action and behaviour, changing your perspective towards life.   

call-btn

Have a question?

+91 808080 9339
msg-btn

Contact us at

support@thinkright.me

Download The App

Connect with us

+91 808080 9339

Write to us at

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.