क्या आपने कभी सोचा है कि एक इंसान की सोच कब बदलती है? जब वह किसी चीज़ या किसी परिस्थिति को देखने का नज़रिया बदलता है। वैज्ञानिक आधार पर कुछ ऐसे रिसर्च सामने आये हैं, जो यह साबित करते हैं कि व्यक्ति के जीवन की आधी समस्या केवल पॉज़िटिव नज़रिया रखने से ही दूर होती है।
क्या कहती है रिसर्च?
‘पॉज़िटिव नज़रिए’ पर पहली रिसर्च
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्च में यह पाया गया है कि जिन बच्चों ने गणित विषय में अपना पॉज़िटिव नज़रिया रखा था, उन्हें इस विषय में बेहतर अंक मिले थे। पॉज़िटिव नज़रिया रखने से ‘हिप्पोकैम्पस’ यानी दिमाग का वह हिस्सा जिसमें याद रखने की शक्ति होती है, वह बेहतर होता है।
इस रिसर्च के पीएचडी, मनोचिकित्सा और व्यवहार विज्ञान के प्रोफेसर व सीनियर लेखक विनोद मेनन का कहना है कि पॉज़िटिव नजरिया रखने से बच्चों में याददाश्त और सीखने की प्रणाली पर सीधा असर पड़ता है। भले ही बच्चों के पास पहले पॉज़िटिव नज़रिया न हो, लेकिन उनमें इसे बढ़ाने की ज़रूरत है।
दूसरी रिसर्च
अमेरिका हेल्थ एंड रिटाइअर्मन्ट स्टडी में यह पाया गया है कि पॉज़िटिव नज़रिया रखने वाले रोगियों में दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम होता है। इस विषय में तीन अलग-अलग तरह से स्टडी की गयी थी। इससे विशेषज्ञों को यह जानकारी मिली कि जीवन के प्रति पॉज़िटिव नज़रिया रखने वाले रोगियों में तनाव और समस्याओं का सामना करने की संभावना थी। इससे रोगियों में बीमारी से उबरने की शक्ति मिलती है।
पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च में भी यही बात सामने आयी थी, जिसमें केवल पॉज़िटिव नज़रिया रखने भर से ही रोगियों की सेहत में सुधार करने की क्षमता बढ़ जाती है। इस स्टडी को साइकोसोमैटिक मेडिसिन में प्रकाशित किया गया था, जिसमें यह बताया गया कि जिन रोगियों पर रिसर्च हुआ था उनमें ज़्यादातर रोगी को दिल की बीमारी थी और उन्हें केवल ठीक होने के लिए पॉज़िटिव नजरिया अपनाने को कहा गया था, जिसका पॉज़िटिव असर उनकी सेहत पर दिखा।
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तीसरी रिसर्च
नेशनल लॉन्गिट्यूडिनल सर्वे ऑफ यूथ के 1979 के सैम्पल का उपयोग करते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका ने रिसर्च किया था। इस रिसर्च में मजदूरों की पॉज़िटिव सोच न सिर्फ उन्हें खुशी देती थी, बल्कि काम करने की क्षमता को भी बढ़ाती थी।
पॉज़िटिव नजरिया रखने वाला व्यक्ति –
व्यक्ति के मन की वह अवस्था है, जो उसके सोचने और काम करने के तरीके से आता है।
सफलता की उम्मीद करता है
- चीज़ों को रचनात्मक रूप से देखता है
- खुशी चुनता है
- लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए प्रेरित होता है
- महत्वपूर्ण चीज़ों को नहीं छोड़ता
- असफलता और समस्याओं को कुछ सीखने के रूप में देखता है
- अपनी क्षमताओं पर विश्वास करता है
- विश्वास के साथ काम करता है
ऊपर बताई गई रिसर्च से यह बात तो साबित हो गई है कि जीवन में पॉज़िटिव नज़रिया रखना कितना महत्वपूर्ण है। तो फिर आप भी आज से अपने सोचने के तरीके में बदलाव लाइये और जीवन को बेहतरी की तरफ लेकर जाइये।
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