योग निद्रा शरीर और मन को पूर्ण आराम देनेवाली पुरानी भारतीय योग क्रिया है। योग निद्रा सही मायने में तनाव और चिंता से पीड़ित लोगों के लिए एक वरदान है। यह अशांत मन को शांत और तरोताजा करने का आसान तरीका है।
योग निद्रा क्या है?
योग निद्रा एक प्रकार की आध्यात्मिक नींद है। यह वह नींद है, जिसमे व्यक्ति सोता तो है पर उसकी सारी इन्द्रियां जाग्रत अवस्था में रहती है। सोने व जागने के बीच की स्थिति को ही योग निद्रा कहा जाता है। इसकी अवस्था शवासन जैसे ही होती है। इसमें व्यक्ति बेसुध होकर लेटा रहता है। शास्त्रों के अनुसार देवता इसी निद्रा में सोते हैं। योग निद्रा व्यक्ति को प्राणायाम और ध्यान के लिए तैयार करती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि योगासन के बाद व्यक्ति कुछ समय योग निद्रा के लिए रखें।
योग निद्रा करने का तरीका
- कंबल या योगा मैट को जमीन पर बिछाएं और शवासन (पीठ के बल लेटना) में लेट जाएं।
- आंखे बंद कर पूरे शरीर को विश्रामवस्था में ले आये।
- दिमाग में चलने वाले सभी विचारों को भूल जाएं।
- अपनी सांसों पर ध्यान दें।
- धीरे -धीरे अपना ध्यान शरीर के सभी भागों में ले जाये।
- अपने शरीर में तरंगो का अनुभव करें और कुछ मिनट इसी स्थिति में आराम करे।
- अपने शरीर एवं आस-पास के वातावरण के प्रति सचेत हो जाये। दाहिने करवट ले के कुछ समय लेटे रहे। बाएं नासिका से श्वास बाहर छोड़े जिससे शरीर में ठंडेपन का अहसास होगा।
- अपना समय लेते हुए धीरे धीरे उठकर बैठे। जब आप आराम महसूस करे तो धीरे धीरे नेत्र खोलें।
फायदे
योग निद्रा करने से व्यक्ति को निम्नलिखित फायदे होते हैं जैसे कि
- मानसिक शांति मिलती है
- शारीरिक व मानसिक थकान दूर होती है
- एकाग्रता और स्मरण शक्ति का विकास
- रक्त संचार में सुधार
- मांसपेशियों को आराम मिलता है
- अनिद्रा की समस्या दूर होती है
- शारीरिक ऊर्जा नियंत्रित होती है
कसरत के बाद दें मांसपेशियों को आराम
अक्सर कसरत करने के बाद व्यक्ति को काफी थकान होती है और शरीर में उर्जा की कमी लगती है। ऐसे में योग निद्रा करने से तुरंत उर्जा मिलती है और शरीर की मांसपेशियों के तनाव को आराम मिलता है। वर्कआउट करने के बाद मात्र 15-20 मिनट का योग निद्रा व्यक्ति के मांसपेशियों और शारीरिक उर्जा के फायदेमंद है।
अगर व्यक्ति योग करते समय प्राकृतिक रूप से सो जाते हैं तो परेशान न हों, क्योंकि इसका कोई नुकसान नहीं है। इस प्रकार का योग निद्रा आनंदपूर्ण है, जो योगासन के बाद या थकान होने पर करनी चाहिए। तो देरी किस बात की जब थकान या तनाव महसूस हो, तो कुछ देर के लिए योग निद्रा करें और आनंद का अनुभव करें।
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