बस में किसी ने धक्का दे दिया और आप आग बबूला हो गए, वेटर ने गलत ऑर्डर ला दिया तो आपने उसे खरी-खोटी सुना दी। इस तरह की छोटी-छोटी बातों पर यदि आप तुरंत अपना आपा खो देते हैं तो आपको मेडिटेशन की सख्त ज़रूरत है। बात-बात पर गुस्सा करना सेहत और रिश्ते दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है, इसलिए इसे काबू में रखना बहुत ज़रूरी है और गुस्सा कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा तरीका है।
क्यों आता है गुस्सा?
जब चीज़ें हमारे मन मुताबिक नहीं होती या हम किसी बात को लेकर बहुत अधिक तनाव में रहते हैं तो छोटी-छोटी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया दे देते हैं। गुस्सा एक जटिल भावना है जो किसी चीज़ पर हमारी तीव्र प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है और कई बार गुस्से में कही बातों के लिए हमें बाद में पछताना भी पड़ता है, लेकिन उस वक़्त हमारा खुद की भावनाओं पर कंट्रोल नहीं होता।
क्या कहती है रिसर्च?
एक अध्ययन के मुताबिक, ध्यान के नियमित अभ्यास से बहुत हद तक गुस्से पर काबू पाया जा सकता है। इसके मुताबिक, मेडिटेशन का सिर्फ एक सत्र करने से ही बहुत फर्क नज़र आता है और यह व्यक्ति में गुस्से के कारण होने वाली शारीरिक और मानसिक तनाव के लक्षणों को कम करता है। नियमित अभ्यास से व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देता और क्रोध जैसी नेगेटिव भावना से खुद को बचाने में कामयाब होता है।
क्रोध का सेहत पर असर
गुस्से का शरीर, मन और रिश्ते सब पर बुरा असर होता है। इससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। सेहत पर ये होता है असर
- दिल की बीमारी
- स्ट्रोक
- इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है
- नींद न आने की समस्या
- हाई ब्लड प्रेशर
- चिंता और डिप्रेशन
- सिरदर्द
- हमेशा नेगेटिव सोच से घिरे रहना आदि।
मेडिटेशन करे गुस्सा कम करने में मदद
माइंडफुलनेस मेडिटेशन क्रोध के पीछे के विचारों, भावनाओं और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं को कई स्तर पर मैनेज करता है। यह गुस्से के प्रति हमारी संज्ञानात्मक, भावनात्मक और शारीरिक प्रतिक्रिया को कम करता है जिससे हम शांति और सुकून का अनुभव करते हैं। कई बार तनाव, नींद पूरी न होना, भविष्य की चिंता और नेगेटिव विचारों के कारण अकारण ही गुस्सा आ जाता है, लेकिन जब आप नियमित रूप से मेडिटेशन करेंगे तो ये सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी और जब ये समस्याएं नहीं होगी, तो मन शांत रहेगा और शांत मन किसी भी परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देता है, इस तरह से आप गुस्से से बच जाएंगे।
कैसे करें मेडिटेशन?
- मेडिटेशन की शुरुआत करने के लिए पहले आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं और कुछ गहरी सांस लेने के बाद आंखें बंद करें। आप चाहें तो आंखें खुली रखकर ज़मीन पर या अपने पैरों की उंगलियों पर फोकस कर सकते हैं। हाथों को अपनी जांघ पर रखें।
- अब नाभि के थोड़े नीचे वाले हिस्से पर ध्यान लगाएं।
- इस दौरान आराम से सांस लें और इस दौरान एक से तक गिनती करते हुए सांस लें और छोड़ें जैसे 1 सांस लें, 2 सांस छोड़ें, 3 सांस लें, 4सांस छोड़ें, इसी तरह से 10 तक गिनती करें। गिनती पूरी होने पर दोबारा शुरू करें।
- दिमाग में विचारों को आने-जाने दें। किसी एक विचार पर फोकस न करें।
- यदि विचार आपको ध्यान लगाने में बाधित कर रहे हैं, तो दोबारा से गिनती शुरू करके ध्यान लगाने की कोशिश करें।
- शुरू में थोड़ा मुश्किल ज़रूर लगेगा, लेकिन नियमित अभ्यास से आप आसानी से इसे सीख जाएंगे।
तो सोच क्या रहे हैं, अपने गुस्से को काबू करने के लिए आप भी आज से ही ध्यान लगाना शुरू कर दीजिए।
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