ज़िंदगी में खुशी, पॉज़िटिविटी और आनंद लाने का सबसे कारगर तरीका है योग और मेडिटेशन। यह शरीर को मन से, मन को खुद से और खुद को ब्रह्मांड से जोड़ने में मदद करता है। योग और मेडिटेशन व्यक्ति को पॉज़िटिव और नेगेटिव तत्वों को नियंत्रण करने की क्षमता देते हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या योग करते समय मेडिटेशन किया जा सकता है? तो इसका जवाब है हां, क्योंकि कुछ लोगों के लिए एक ही स्थिति या जगह पर बैठकर मेडिटेशन करना तनाव या थोड़ा मुश्किल का कारण हो सकता है। यही कारण है कि अगर योग जैसे शारीरिक अभ्यास के साथ मेडिटेशन को जोड़ा जाए, तो यह फायदेमंद हो सकता है।
योग और मेडिटेशन
अगर देखा जाए, तो योग और ध्यान ये दोनों अभ्यास एक दूसरे के लिए बढ़िया पूरक है। योग शारीरिक गति और सांसों से संबंधित है, तो वही मेडिटेशन संवेदनाओं, विचारों और सांसों पर आधारित है। योग में व्यक्ति शरीर की मुद्राओं, सांसों या ट्रेनर की आवाज़ को अनुभव करता है और शारिरिक क्षमता को बढ़ाता है। मेडिटेशन में व्यक्ति केवल एक ही मुद्रा (बैठे, खड़े या लेटे हुए) में होता है और सांसों को अनुभव करता है। अगर योग करते समय माइंडफुलनेस का अभ्यास किया जाए, तो शरीर के साथ-साथ मन के विचारों को भी अनुभव किया जा सकता है। योग के साथ मेडिटेशन करना यानी शारीरिक गतिविधियों के साथ मेडिटेशन करना, जिसे मूविंग मेडिटेशन कहते हैं।
मूविंग मेडिटेशन
मूविंग मेडिटेशन एक ध्यान की अवस्था है, जिसमें शारीरिक हलचल के साथ मेडिटेशन करना। यह मन को शांत करने और जागरूकता पैदा करने का एक तरीका है। यानी कि एक आसन से दूसरे आसन में बदलाव करते हुए मेडिटेशन करना। जैसे कि चीगोंग, ताई ची और एकिडो के अभ्यास में भी मूविंग मेडिटेशन शामिल होता है। डांस मूवमेंट भी मूविंग मेडिटेशन का आधार बन सकता है।
योग में शारीरिक अभ्यास के कई रूप वास्तव में मूविंग मेडिटेशन हैं जैसे कि सूर्य नमस्कार। यह मन और सांस के साथ तालमेल बिठाकर मूविंग के साथ एक ध्यानपूर्ण स्थिति बनाता है।
योग के साथ मेडिटेशन का तरीका
- योग करते समय कोई संगीत या मंत्र उच्चारण लगा ले। योग करते हुए हर आसन के साथ इस मंत्र को दोहराते रहे। या फिर कोई संकल्प दोहराएं जो आपको प्रेरित करें।
- हर आसन को धीरे-धीरे आराम से करें। हर मुद्रा पर और सांसो पर ध्यान केंद्रित करें।
- योग के साथ सांसों पर ध्यान दें।
- योग करते समय किसी भी प्रकार का नेगेटिव विचार न आने दें, शारीरिक क्षमता और भावों को महसूस करें।
सूर्य नमस्कार करे
योग के साथ मेडिटेशन करने सबसे अच्छा तरीका सूर्य नमस्कार है, जिसके हर आसन पर मेडिटेशन करना आसान और फायदेमंद है जैसे कि –
- प्रणाम मुद्रा – सावधान की मुद्रा में खड़े होकर अपने दोनों हथेलियों को नमस्कार की मुद्रा बनाएं और अपने सांसों पर ध्यान दें।
- हस्त उत्तानासन – सांस भरते हुए दोनों हाथों को कानों के पास सटाते हुए ऊपर की ओर खींचे और कमर से पीछे की ओर झुकते हुए भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। इस आसन के दौरान गहरी और लंबी सांस भरने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
- पाद हस्तासन या पश्चिमोत्तनासन – इस अवस्था में सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकिए। इस आसन में हम अपने दोनों हाथों से अपने पैर के अंगूठे को ध्यान लगाएं।
- अश्व संचालन आसन – इस आसन को करने के लिए हाथों को जमीन पर टिकाकर सांस लेते हुए दाहिने पैर को पीछे की तरफ ले जाइए। उसके बाद सिर को ऊपर उठाएं।
- पर्वतासन – सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए हुए बाएं पैर को भी पीछे की तरफ ले जाइए। सारा शरीर केवल दोनों घुटनों के बल स्थित रहे। शरीर को पीछे की ओर खिंचाव दीजिए और एड़ियों को जमीन पर मिलाकर गर्दन को झुकाइए।
- अष्टांग नमस्कार – इस स्थिति में सांस लेते हुए शरीर को जमीन के बराबर में साष्टांग दंडवत करें और शरीर को आरामदेय स्थिति में रखे।
इसी तरह के आप सभी आसनों को दोहराएं और हर मुद्रा और आसान के साथ सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
अगर आप मेडिटेशन करने में रूचि रखते है, लेकिन शांति से बैठ नहीं पाते या कोई अन्य परेशानी है, तो योग मेडिटेशन आपके लिए अच्छा विकल्प है।
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