इस संसार में ध्वनि यानि किसी भी चीज़ की आवाज़ का बहुत ही महत्व है। इस शब्द ने हर जीव के जीवन में अपनी जगह बना रखी है। सुबह पक्षियों की चहचहाहट से लेकर घर पर बजने वाली घंटी की आवाज़, सड़क पर चलते ट्रैफिक की आवाज़, किसी गाने की आवाज़ या शहर से दूर पहाड़ों के बीच से गुज़रते झरने की आवाज़, हर किसी का मनुष्य के ऊपर एक प्रभाव पड़ता है। जैसे, कई बार आप किसी गाने को सुन कर जोश से भर जाते हैं, तो वहीं किसी गाने को सुन कर आपका दिल भर आता है। इसी तरह ध्वनि की मदद से लोगों को हील भी किया जा सकता है, जिसे साउंड हीलिंग कहते हैं। इस ध्वनि उपचार में संगीत की अलग-अलग फ्रीक्वेंसियों का इस्तेमाल कर के मन को संतुलित किया जाता है।
क्या है साउंड हीलिंग?
इसे ध्वनि उपचार भी कहते हैं और यह प्राचीन काल से शरीर को शांति की स्थिति में लाने के लिए जाना जाता है। इसमें गौंग, तिब्बती कटोरे, ट्यूनिंग फोर्क्स जैसी चीज़ों से विषेश कंपन आवृतियां यानि खास तरीके की वाइब्रेशनल फ्रीक्वेंसी निकाल कर किसी भी व्यक्ति का उपचार किया जाता है। विशेषज्ञों की माने तो इस तरह के संगीत में मन को शांति देने वाले, साथ ही शरीर को बेहतर बनाने के गुण होते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि साउंड हीलिंग अपने आप में चिंता, अनिद्रा, रक्तचाप जैसी समस्याओं को दूर कर सकता है और सर्कुलेशन व रेस्पिरेटरी दर में सुधार कर सकता है। प्राचीन समय में ध्वनि उपचार ग्रीस में मानसिक विकारों को ठीक करने के लिए किया जाता था और अब यह ऑस्ट्रेलिया में आदिवासी लोगों और सदियों से तिब्बती भिक्षुओं द्वारा किया जाता है।
क्या हैं साउंड हीलिंग के फायदे?
- मन को शांति प्रदान करती है।
- ऊर्जा अवरोधों को दूर करती है।
- स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
- मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक तौर पर सुधार करती है।
- स्ट्रेस, डिप्रेशन, डिमेनशिया, ऑटिज़्म, मेंटल डिसॉर्डर, कैंसर जैसी परेशानियों से निजात पाने में मदद करती है।
कैसे मदद करती है साउंड हीलिंग?
- साउंड हीलिंग के दौरान उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों द्वारा बनाई गई ध्वनियों से मस्तिष्क में अल्फा और थीटा तरंगें सक्रिय होती हैं, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
- इन ध्वनियों से नर्वस सिस्टम नियंत्रित होता है और ब्लड प्रेशर भी कम होता है।
- एक शोध के अनुसार साउंड बाथ से चिंता, गुस्सा और थकान कम होती है।
किस-किस तरह की होती है साउंड थेरेपी?
वैसे तो कई तरह की साउंड थेरेपी होती हैं, जैसे गाइडिड मेडिटेशन जिसमें हीलर आपको अपनी बातों के ज़रिए मानसिक शांति देने की कोशिश करता है। न्यूरोलॉजिकल म्यूज़िक थेरेपी जिसमें संगीत उत्पन्न करने के साथ गाया भी जाता है। बोनी मेथड जिसमें कल्पना और संगीत को मिला कर उपचार किया जाता है। 2017 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों को इस थेरेपी से सबसे ज़्यादा लाभ मिला है। ट्यूनिंग फोर्क थेरेपी जिसमें मेटल की चम्मचों से शरीर में कंपन उत्पन्न किया जाता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है और भावनात्मक संतुलन भी बढ़ता है। ब्रेन वेव ट्रीटमेंट या बाइनॉरल ट्रीटमेंट जिसमें ध्वनि के जरिये माइंड प्रोग्रामिंग की जाती है जिससे आप रिलैक्स महसूस करते हैं और एक लंबी नींद भी ले सकते हैं। साथ ही आप अपना फोकस बढ़ा सकते हैं और स्ट्रेस कम कर सकते हैं ।
क्या आप घर पर प्रैक्टिस कर सकते है?
साउंड थेरेपी को आप घर पर बैठ कर मेडिटेशन की ही तरह प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक शांत जगह पर बैठना होगा जहां पर आपका ध्यान भटकाने के लिए कुछ न हो, और आपको अपना दिल और दिमाग खुला रखना होगा। साथ ही अपने आप को उन सभी विचारों और भावनाओं के प्रति समर्पित करना होगा जो आपके मन से निकलेंगे।
अगर आपको लेख में बताई गई कोई भी परेशानी है, तो साउंड थेरेपी की मदद से आप उससे छुटकारा पा सकते हैं।
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