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ग्लोबल वॉर्मिंग दुनिया की गंभीर समस्या बन चुका है, लेकिन हर कोई अपने स्तर पर थोड़ा प्रयास करके इसे ज़रूर रोक सकते हैं। कैसे, जानिए इस लेख में-
प्लास्टिक रिसाइकल करने से क्या होता है? यह लोगों को आसानी से समझाने के लिये बिसलेरी कंपनी ने शुरू की एक पहल। क्या है इस पहल में पढ़िये लेख –
पर्यावरण के प्रति कई लोगों ने अनोखे काम किये है, लेकिन कुछ ऐसे लोगों के बारे में पढ़िये, जिन्होंने न सिर्फ पर्यावरण को बचाने के लिये जागरुकता फैलाई बल्कि खुद को रोज़गार से भी जोड़ लिया।
पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिये मुंबई की एक एनजीओ ने शुरु की अनोखी पहल, जानिये इस लेख में –
हमारी धरती पर जीवन को पनपने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है। इसका कारण बढ़ता प्रदूषण है, जिसका सीधा असर धरती को सुरक्षित करने वाले ओज़ोन लेयर पर पड़ा है। क्या है ओज़ोन लेयर और यह कैसे करती है धरती की सुरक्षा, जानिये इस लेख में –
अपने छोटे-छोटे कदमों से पर्यावरण को कैसे बचाया जा सकता है? आइये जानते है, नोएडा के इस अग्रवाल परिवार से –
ग्रोसरी स्टोर से बिल्कुल भी कचरा न निकलें, क्या ऐसा हो सकता है? अगर आपका जवाब न है, तो फिर यह दिलचस्प लेख आपके लिये है-
समुद्र के किनारे साफ रखना ज़रूरी है, ये बात तो हम सभी जानते है, लेकिन इसे पूरा कर दिखाया है- गरिमा पूनिया ने
जिस तरह मां अपने बच्चों की हर ज़रूरत का ध्यान रखती है, ठीक उसी तरह धरती भी अपने बच्चों, यानि सभी जीव-जंतुओं का ख्याल रखती है। हमारी बेसिक ज़रूरतों के लिए उसने बेहद सरल इंतज़ाम किया है, जैसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, प्यास बुझाने के लिए शुद्ध पानी, भूख मिटाने के लिए फल और सब्ज़ियां, मन को तरोताज़ा रखने के लिए हर तरफ हरियाली और न जाने कितनी चीज़ें धरती हमें देती है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि धरती से मिले इन संसाधनों के साथ हमने क्या किया है, उनका किस कदर दुरुपयोग किया है। मिसाल के तौर […]
शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इससे बचने के लिए ग्रेटर चेन्नई निगम ने साइकिल शेयरिंग की अनोखी शुरुआत की है। इस पहल में यात्री नज़दीकी जगह तक जाने के लिए किराए पर साइकिल ले सकते हैं। तिरुमंगलम मेट्रो स्टेशन के अलावा चेन्नई शहर के कई और भी इलाकों में साइकिल शेयरिंग शुरू की है। फिलहाल 6 जगहों पर यात्रियों को 60 साइकिलें मिलेंगी, बाद में इसकी संख्या बढ़ाकर 250 की जाएगी। साइकिल शेयरिंग प्रणाली की शुरुआत का मकसद गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। यदि चेन्नई की तर्ज पर बाकी जगह […]
पिछली आधी सदी से प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। फर्नीचर से लेकर किराने की थैलियों तक, वाहन के पार्ट्स से लेकर खिलौनों तक, प्लास्टिक हमारे जीवन का एक ज़रूरी हिस्सा बन गया है। हालांकि हमारी ज़िंदगी में महत्वपूर्ण होने के बावजूद इसे बड़े विनाश और नुकसान के रूप में देखा जाने लगा है। क्या कहती है स्टडी ? अध्ययनों से पता चलता है कि हर साल लगभग 127 लाख टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में जाता है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम का अनुमान है कि महासागरों में पहले से ही करीब 51 लाख करोड़ […]
प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल ने पर्यावरण के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है। हाल के दिनों में कुछ राज्यों में प्लास्टिक पर बैन ज़रूर लगाया गया है, मगर ये पर्याप्त नहीं है। लंबे समय में प्लास्टिक को दिनचर्या से हटाने के लिए उसका बेहतरीन विकल्प तलाशना बहुत ज़रूरी है और आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने वो विकल्प तलाश लिया है, धान के भूसे के रूप में। किचन के सामान से फर्नीचर तक धान को साफ करके जब चावल निकाला जाता है, तो उस प्रक्रिया में काफी मात्रा में भूसा निकलता है, जिसे ऐसे ही फेंक दिया जाता है, लेकिन […]
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