अनमोल है बुज़ुर्गों का प्यार
अनुष्का भले ही पांच साल की है, लेकिन खाने के लिये अपनी मम्मी को रोज़ाना परेशान करती है। उसकी एक ही ज़िद्द होती है, पहले मोबाइल दो फिर खाना खाऊंगी। हारकर उसकी मम्मी को मोबाइल देना ही पड़ता है, लेकिन जब उसकी दादी उसे प्यार से समझाती है कि बेटा मोबाइल देखने से आंखें खराब हो जाती है, चलो मैं आपको विंडो पर बिठाकर खिलाती हूं, तो नन्हीं अनुष्का झट से दादी की बात मान लेती है। अनुष्का की तरह ज़्यादातर बच्चे भले ही अपने मम्मी-पापा का कहा न मानें, लेकिन दादा-दादी या नाना- नानी की बात ज़रूर मानते हैं। […]