आप सुबह उठते ही सबसे पहले क्या करते
हैं? मोबाइल देखते हैं या फिर
आंख खुलने के बावजूद करवटे बदलते रहते हैं?
अगर आप इन
दोनों में से कुछ भी करते हैं तो आपको फिर से सोचने की ज़रूरत है क्योंकि इस तरह
रोज़ाना सुबह उठने का इन तरीकों से जो दुष्परिणाम आने वाले कुछ महीनों या सालों
में दिखेंगे, वह न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग को भी नुकसान पहुंचाएंगे।
क्या कहती है रिसर्च?
हालांकि भारत में कई हज़ारों साल से मेडिटेशन और योग किया जा रहा है। हमारे ग्रंथ और पुरानी कहानियां इस बात की पुष्टि करती है कि पहले के ज़माने में लोग कई-कई महीनों तक ध्यान में समय बिताते थे। मेडिटेशन के फायदों को जानने के लिए दुनियाभर में कई रिसर्च की जा रही है। न्यूयॉर्क की बिंगहैम्प्टन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने मेडिटेशन से होने वाले दिमाग के उन हिस्सों पर रिसर्च की जो एकाग्रता बढ़ाते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि मेडिटेशन दिमाग के उन दो कनेक्शन को जोड़ता है, जो एकाग्रता के साथ सोचने और फोकस करने में मदद करते हैं।
मेडिटेशन करने से पहले रखे ध्यान?
सबसे ज़रूरी है कि आप सोने और जागने का एक समय तय करें और उसे छुट्टी के दिन भी फॉलो करे। मेडिटेशन करने के लिए आप चाहे तो आसपास के पार्क में जा सकते हैं और अगर पार्क नहीं है, तो घर के किसी कोने में शांत जगह पर मेडिटेशन की प्रैक्टिस करें। इस बात का खास ख्याल रखें कि मेडिटेशन नियमित रुप से रोज़ करें। शुरुआत में आप चाहे तो इसे कम समय के लिए करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाते जाए।
कैसे करे मेडिटेशन?
सबसे पहले आप किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाइये
धीरे-धीरे आंखें बंद करिए
अब अपनी सांसों पर ध्यान दीजिए
गहरी सांस लीजिए
अब मन में 4 तक गिनती करिए
और सांस छोड़ दीजिए
इसे एक बार और करते हैं
गहरी सांस लीजिए
अपने मन में 4 तक गिनती करिए
सांस छोड़िए
मन में आभार का भाव लाकर खुद से कहिए
मैं सेहतमंद हूं
मेरा आज का दिन बहुत अच्छा है
मेरा मन शांत है
मैं फोकस हूं
फिर से गहरी सांस लेकर छोड़िए
एक बार फिर खुद से मैं सेहतमंद हूं
मेरा आज का दिन बहुत अच्छा है
मेरा मन शांत है
मैं फोकस हूं
जब आपको लगे, तो आप अपनी आंखें खोल लीजिए
तो फिर आज से ही रोज़ाना मेडिटेशन करने की प्रैक्टिस कीजिए और अपनी सुबह को खुशनुमा और बेहतर बनाइये।
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