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आत्मविश्वास और हौसलों की चट्टान के आगे मुश्किलों का पहाड़ धराशायी करने वाले केरल के छात्रों की सच्ची कहानी, पढ़े इस लेख में –
माता-पिता अपने बच्चों को लेकर काफी परेशान रहते है कि बच्चों की परवरिश कैसे किये जाये –
नई तकनीक से जल्द ही भारत को मिलेगी गर्मी से राहत। क्या है, ये नई तकनीक और कैसे दूर करेगी गर्मी, आइये जानते है इस लेख में –
एक आर्ट, जो स्ट्रैस दूर करता है। क्या है इस आर्ट में और कैसे ये मानसिक परेशानियों को दूर करता है। जानिये, इस लेख में-
बच्चों के मोटापे को कम करने के लिये एक नई स्टडी आई है, पढ़िये इसके बारे में-
तेज धूप से बड़े – बड़ो की हालात बिगड़ जाती है। ऐसे में, गर्मियों में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ इस तरह करें देखभाल –
दसवीं और बारहवीं करने के बाद अक्सर छात्रों के दिमाग में सवाल रहता है कि कौन सा करियर ऑप्शन चुनें। इन्हीं परेशानियों को हल करने में मदद करता है, ये लेख-
आजक बच्चों का सारा समय लेपटॉप, टैप या मोबाइल पर ही गुज़रता है। जिसके कारण बच्चों की सेहत पर असर पड़ रहा है। ऐसे में मोबाइल की आदत कैसे छुडाएं पढ़िये लेख
अपने खाली समय का सही इस्तेमाल करने के लिए गार्डनिंग से अच्छा ऑप्शन भला और क्या हो सकता है। इससे कई फायदे होते हैं, आपका घर सुंदर दिखता है, पर्यावरण के लिए अच्छा होता है और हरे-भरे पौधे आपकी आंखों को सुकून देते हैं। तो फिर, क्यों न इस वीकेंड से गार्डनिंग की शुरुआत की जाये। शहरों में गार्डनिंग (बागवानी) के लिए खुली जगह मिलना तो मुश्किल है, लेकिन आप अपनी खिड़की या बालकनी में गमले या कंटेनर में पौधे लगाकर शुरुआत ज़रूर कर सकते हैं। हैंगिग गार्डनिंग भी अच्छा ऑप्शन है। गार्डनिंग की शुरुआत के लिए आपको इन बातों […]
यदि छोटी उम्र से ही बच्चों को खुद के साथ ही अपने आस-पड़ोस को भी साफ-सुथरा रखने की आदत सिखाई जाये, तो आगे चलकर स्वच्छ गांव और शहर का निर्माण आसान होगा। कुछ इसी तरह की सोच के साथ गोवा के स्कूलों में अब से वेस्ट मैनेजमेंट यानी कचरा प्रबंधन सिखाया जायेगा। मेघालय का मावलिननॉन्ग एक छोटा सा और बहुत ही खूबसूरत गांव है। इसे एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा प्राप्त है। गांव को यह दर्जा दिलाने का श्रेय किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं, बल्कि हर गांववाले को जाता है, जिन्होंने खुद ही अपने गांव को कचरा मुक्त […]
अनुष्का भले ही पांच साल की है, लेकिन खाने के लिये अपनी मम्मी को रोज़ाना परेशान करती है। उसकी एक ही ज़िद्द होती है, पहले मोबाइल दो फिर खाना खाऊंगी। हारकर उसकी मम्मी को मोबाइल देना ही पड़ता है, लेकिन जब उसकी दादी उसे प्यार से समझाती है कि बेटा मोबाइल देखने से आंखें खराब हो जाती है, चलो मैं आपको विंडो पर बिठाकर खिलाती हूं, तो नन्हीं अनुष्का झट से दादी की बात मान लेती है। अनुष्का की तरह ज़्यादातर बच्चे भले ही अपने मम्मी-पापा का कहा न मानें, लेकिन दादा-दादी या नाना- नानी की बात ज़रूर मानते हैं। […]
जीवन में आप चाहे कितने भी बिज़ी क्यों न हो, पर घूमने के लिए समय ज़रूर निकालना चाहिये। नया शहर, नये लोग, नई भाषा और अलग खाना आपके जीवन में एक नया अनुभव जोड़ते हैं। एक ऐसा अनुभव, जो आपको कुछ न कुछ ज़रूर सिखाता है। अक्सर लोग बैचलर या शादी के बाद तो खूब घूमते है, लेकिन बच्चे होने बाद घूमने के इस शौक पर विराम लगा देते है। अगर आप ऐसा करते है, तो याद रखिये कि बच्चों को भी नई जगहों के बारे में दिखायें क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो देखते हैं। अगर आपको लगता है […]
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